दुर्ग
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 17 जनवरी। सेठ आर. सी. एस. कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई एंव विवेकानंद केन्द्र कन्या कुमारी दुर्ग भिलाई शाखा के संयुक्त तत्वाधान में युवा सप्ताह के अंतर्गत विवेकानंदजी के जीवनी पर परिचर्चा कार्यकम का आयोजन किया गया।
कार्यकम का प्रारंभ मां सरस्वती एवं विवेकानंद के चित्र पर माल्यार्पण कर किया गया। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता डॉ. उल्हास वारे उप-प्रभारी व विभाग प्रमुख विवेकानंद केन्द्र कन्या कुमारी बिलासपुर, मुख्य अतिथि डी आर भावनानी पूर्व प्राचार्य सेठ आर. सी. एस. कला एंव वाणिज्य महाविद्यालय दुर्ग, सपंर्क प्रमुख विजय सोनी, अधिवक्ता सहसंयोजक सुमनलता सोनी एंव विशिष्ट अतिथि रोहणी पाटणकर मंच पर आसीन थे।
संपर्क प्रमुख विजय सोनी ने अपने उद्बोधन में कहा कि भारत विश्वगुरू था और अब विश्वगुरू बनने की ओर अग्रसर है। उसके मार्ग में सबसे बड़ी बाधा पाश्चात्य संस्कृति है। उन्होंने भ से पांच बातों भाषा, भोजन, भजन, भ्रमण व भवन की सूक्ष्म रूप में व्याख्या की तथा विवेकानंद जी के आदशों का पालन कर हमें सार्थक जीवन की ओर अग्रसर होना चाहिए। डी. आर. भावनानी ने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि अपने विचार तथा अपनी संगत को ऊँचा रखना चाहिए। साथ ही विवेकानंद जी के आदर्श विचारों पर विस्तार पूर्वक चर्चा की। प्रमुख वक्ता डॉ. उल्हास वारे ने अपने उद्बोधन में विवेकानंद की जीवनी के साथ उनके प्रेरक प्रसंग, व्यक्तित्व के विकास, उनके विचार आदि जीवन मूल्य को बढ़ाने वाले हैं। इन्होंने विजय सोनी जी के द्वारा बताये गये भ से पांच बातों भाषा, भोजन, भजन, भ्रमण व भवन की विस्तार पूर्वक व्याख्या की। जिसमें भ से भारत, भाषा, भोजन, भेष, भजन तथा भवन को भारत की संस्कृति के परिपेक्ष्य में प्रस्तुत करते हुए कहा कि हमारी संस्कृति को भाषा से अभिव्यक्ति, भेष से चरित्र, भजन एंव भोजन से महत्वपूर्ण तथ्य पर सामूहिक चर्चा, भवन से आप किस संस्कृति से है तथा भ्रमण से अपने बच्चों के साथ अधिक से अधिक समय व्यतीत कर उन्हें संस्कारवान बना सकते हैं। लुप्त होती संस्कृति को बचाने के लिए हमें इनका पालन करना चाहिए।
इन्होंने व्यक्ति के संस्कार के संबंध में विवेकानंद जी की कार्य पद्धति से परिचित कराया। कार्यक्रम में महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. पूजा मल्होत्रा, एनएसएस प्रभारी निधि मिश्रा, डॉ. उमेश वैद्य, समस्त प्राध्यापकगण एनएसएस स्वंयसेवक तथा छात्र-छात्राएँ उपस्थित रहे।