राजनांदगांव
प्राण-प्रतिष्ठा समारोह पर ढेरों आयोजन
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 18 जनवरी। शहर के बीएनसी मिल कॉलोनी में स्थित पांच दशक पुराने राम मंदिर में भी इन दिनों अयोध्या में 22 जनवरी को रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के चलते विशेष पर्व के रूप में सिलसिलेवार धार्मिक आयोजन हो रहा है।
साल 1972 को निर्मित यह मंदिर शहर का सबसे पुराना राम मंदिर है। बीएनसी मिल संचालन के दौरान मिल के प्रबंधक नथमल व्यास ने इच्छा जाहिर करते राम मंदिर निर्माण में सहयोग किया था। उनके सहयोग से मंदिर की स्थापना हुई।
1974 में पूरी तरह मंदिर अपने अस्तित्व में आया, तब से आज पर्यन्त शहर के लोगों का इस मंदिर में माथा टेकने और पूजा-अर्चना करने को लेकर एक गहरा लगाव रहा है। राममंदिर की स्थापना के बाद से भक्तों की यहा खासी तादाद रही है। स्थानीय भक्त राम नवमी और अन्य अवसरों पर पूजा-अर्चना के लिए परिवार समेत पहुंचते हैं।
52 साल पूर्व मंदिर की स्थापना के बाद से आज भी भक्तों की संख्या में गिरावट नहीं आई है। लोगों का इस मंदिर के प्रति गहरा भाव आज भी उनके धार्मिक रीति-नीति में साफ झलकता है। इधर मंदिर में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के चलते पिछले कुछ दिनों से प्रतिदिन 200 दीये प्रज्जवलित किए जा रहे हैं।
21 जनवरी के तडक़े 3 बजे भव्य प्रभातफेरी निकाली जाएगी। वहीं 22 जनवरी को विशेष अभिषेक के बाद भंडारा और धार्मिक अनुष्ठान भी किया जाएगा। इस संबंध में मंदिर के पुजारी प्रकाश ठाकुर ने मंदिर के इतिहास पर रौशनी देते बताया कि शहर का यह सबसे पुराना मंदिर है। लोगों की भावनाएं मंदिर से जुड़ी हुई है। उन्होंने बताया कि रामलला की स्थापना के चलते मंदिर में भी विभिन्न आयोजन किए जाएंगे। पुजारी ठाकुर साल 2006 से लगातार मंदिर में सेवा दे रहे हैं। शहर के एकमात्र पुराना मंदिर होने के कारण लोगों की आस्था इस मंदिर में बनी हुई है।