राजनांदगांव
कहा फैसले को कोर्ट में देंगे चुनौती
राजनांदगांव, 21 जनवरी। जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भागवत साहू को सहायक रजिस्ट्रॉर फर्म एवं संस्थाएं दुर्ग द्वारा साहू समाज के अध्यक्ष पद से हटाने का आदेश दिया गया है।
साल 2022 में दो चरणों में हुए चुनाव में एक वोट से भागवत साहू समाज के अध्यक्ष बने थे। इस निर्वाचन को मनमोहन साहू ने सहायक रजिस्ट्रॉर के समक्ष चुनौती दी थी। जिसमें सुनवाई करते हुए रजिस्ट्रॉर ने निर्वाचन को अवैध घोषित कर दिया है। इसी के साथ अध्यक्ष का पद शून्य घोषित हो गया है।
बताया जा रहा है कि छत्तीसगढ़ प्रदेश साहू संघ के पत्र के दबाव में स्थानीय जिला साहू संघ द्वारा डेलीगेट पद्धति से निर्वाचन संपन्न कराया गया था। इस चुनावी प्रक्रिया को लेकर रजिस्ट्रॉर से शिकायत की गई थी। 2022 में 6 और 9 अक्टूबर को चुनाव हुआ था। जिसमें भागवत साहू एक वोट से अध्यक्ष चुने गए थे।
इस संबंध में ‘छत्तीसगढ़’ से चर्चा करते भागवत साहू ने कहा कि फैसले को लेकर पंजीयक कार्यालय में चुनौती देंगे। उन्होंने कहा कि न्याय नहीं मिलने की सूरत में हाईकोर्ट भी जाएंगे।
गौरतलब है कि साहू समाज का निर्वाचन तीन साल के लिए होता है। भागवत साहू कांग्रेस के जिलाध्यक्ष भी हैं। ऐसे में उनके खिलाफ फैसले को सियासी दांव-पेंच का हिस्सा माना जा रहा है। साहू का दावा है कि शिकायत करने वाले मनमोहन साहू और उनके परिवार के सदस्यों ने भी डेलीगेट पद्धति के तहत हुए चुनाव में हिस्सा लिया था। इस चुनाव में पूर्व अध्यक्ष कमलकिशोर साहू और उनके परिवार को हार का सामना करना पड़ा।
बताया जा रहा है कि इस फैसले को लेकर साहू द्वारा चुनौती देने की तैयारी है।
उनका यहां तक कहना है कि प्रदेश साहू संघ के नियमानुसार जिला स्तर पर चुनाव होते हैं। इस बीच भागवत साहू के अध्यक्ष पद से हटने के बाद समाज द्वारा नए सिरे से चुनाव की तैयारी की जा रही है।