राजनांदगांव
दीयों से बनाया भारत का नक्शा और तीर-कमान, पटाखों की दिनभर रही गूंज
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 22 जनवरी। अयोध्यापति श्रीराम की प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के दिन दिवाली पर्व जैसा नजारा शहर में रहा। स्थानीय मंदिरों और चौक-चौराहों में भक्तों ने बालरूपी भगवान राम और उनकी पौराणिक गाथाओं से जुड़ी तस्वीरों को सजाया। समारोह की पूर्व संध्या पर रविवार को भारत का मानचित्र और भगवान राम का शस्त्र माने जाने वाले तीर-कमान को दीयों से उकेरा गया। इस तरह रविवार को पूरे दिन कई विविध आयोजन हुए। गंज चौक में छोटे बच्चों ने अपने चित्रकला के माध्यम से भगवान की तस्वीर और अन्य धार्मिक कलाकृतियों का प्रदर्शन किया। भारतमाता चौक में कल शाम को अलग-अलग संस्थाओं के सहयोग से हजारों की तादाद में दीये सडक़ में सजाए गए। रात को दीयों को जगमगाते देखकर लोगों की धार्मिक भावनाएं चरम पर थी।
इधर, सोमवार को प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के प्रारंभ होते ही शहर में भी कई तरह के आयोजनों का दौर शुरू हुआ। शहर के कमला कॉलेज, दिग्विजय कॉलेज, गांधी चौक, बसंतपुर, शीतला मंदिर, ईमाम चौक समेत अन्य चौराहों में स्थित मंदिरों में सुबह से ही पूजा-अर्चना का सिलसिला चला। प्राण-प्रतिष्ठा समारोह को व्यापक स्तर पर मनाते हुए हिन्दुवादी संगठनों की अहम भूमिका रही। हर वर्ग ने इस खास मौके पर अपनी भागीदारी दिखाई। मंदिरों को विशेष रूप से सजाया गया। रोज की तरह आज भी प्रभातफेरी गली-मोहल्लों से गुजरी।
प्रभु श्रीराम की महिमा से जुड़ी धार्मिक गाथाओं को भक्तिगीतों में पिरोया गया। महिलाएं और पुरूष प्रभातफेरी में सामुहिक रूप से शामिल रहे। शहर के राम मंदिरों के अलावा अन्य देवालयों में भी पूजा-अर्चना के लिए लोग पहुंचे। आज के दिन को यादगार बनाने के लिए परिवार समेत लोगों ने धार्मिक अनुष्ठान किया। मंदिरों में सुबह से ही लोगों का तांता लगा रहा। पूजा-अर्चना करते लोगों ने सुख-समृद्धि की कामना की। इधर दिवाली जैसा नजारा देखकर लोग गदगद हो गए।
धार्मिक माहौल से अभिभूत लोगों ने स्वस्फूर्त आयोजनों की झड़ी लगा दी। इससे मंदिरों में भंडारा का सिलसिला भी दोपहर के बाद शुरू हो गया। भगवान की आराधना करते हुए भक्तों ने आज के दिन को ऐतिहासिक बताते हुए राम मंदिर निर्माण की कल्पना को सच होते देखा। इस तरह आज पूरे दिन धर्म-कर्म में लोग व्यस्त रहे। उधर बाजार में समारोह के चलते उछाल नजर आया। मिठाई, फूल, कपड़े, फल, प्रसाद समेत अन्य कारोबार से जुड़े व्यापारियों को फायदा मिला।
अद्भूत रहेगा रात का नजारा
संस्कारधानी में प्राण-प्रतिष्ठा समारोह का हिस्सा बनने के लिए पिछले पखवाड़ेभर से विविध कार्यक्रमों का सिलसिला जारी है। सोमवार को रात को अद्भुत नजारा देखने के लिए भक्त दिग्विजय स्टेडियम में पहुंचेंगे। वजह यह है कि 3 लाख दीये स्टेडियम मैदान में प्रज्जवलित किए जाएंगे। शनिधाम समिति के अध्यक्ष राकेश ठाकुर ने इसके लिए काफी तैयारी की है। सनातन धर्म सेवा समिति के संयोजक सुरेश एच. लाल और सह-संयोजक रामजी भारती की अगुवाई में दीयों से दिग्विजय स्टेडियम को रौशन किया जाएगा। शहर के कुछ मार्गों को जिसमें मानव मंदिर चौक से जयस्तंभ चौक और भारतमाता चौक से गंज लाइन में दो दिन पूर्व रात को प्रज्जवलित हो चुका है। इस दृश्य को देखकर हर किसी का मन प्रफुल्लित हो गया। भगवान राम की अगवानी करने की भावना लोगों के मन में स्वस्फूर्त पैदा हुई। दिग्विजय स्टेडियम में दीये जलाने की पूरी तैयारी कर ली गई है। आज शाम को लाखों की तादाद में एक साथ दीये जलते ही स्टेडियम पूरी तरह से रौशन हो जाएगा।
झांकियों से राम की महिमा का बखान
भगवान राम का बखान करने के लिए अलग-अलग स्तर पर समितियों द्वारा तैयारी कीग ई है। स्थानीय सिंधी समाज द्वारा लालबाग में आकर्षक झांकियों से भगवान राम की अलौकिक शक्तियों का बखान दर्शाया गया है। आते-जाते लोग भगवान राम की तस्वीरों पर नजर डाल रहे हैं। इस तरह शहर के अलग-अलग क्षेत्रों में भगवान राम से जुड़े गाथाओं को पोस्टरों से प्रदर्शित किया गया है। धार्मिक संस्थाओं ने आज के दिन को एक तरह से भगवान राम के प्रति समर्पित कर दिया गया है। मंदिरों में महिलाएं रंगोली बनाकर रामलला का स्वागत करने आतुर दिख रही है। आज पूरे दिन राम की शक्ति और उनके जीवन से जुड़ी कथाओं को गीत-संगीत के जरिये मंदिरों और अन्य चौक-चौराहों में प्रस्तुत किया जा रहा है।
महिलाओं ने किया सुंदरकांड का पाठ
भगवान राम के प्रति गहरी आस्था रखने वाली महिलाओं ने स्थानीय बालाजी मंदिर में सामूहिक रूप से सुंदरकांड का पाठ किया। हनुमान चालीसा के अंशों का पठन करते हुए महिलाओं ने भगवान राम के बाल्यकाल से लेकर लंका विजय के सफर नामे को पढ़ा। भगवान राम शिव के अनन्य भक्त थे। भगवान राम को शिव का विशेष आशीर्वाद था। महिलाओं ने आज सुबह सुंदरकांड का पाठ करते हुए रामलला की महिमा से जुड़ी अलौकिक गाथाओं को साझा किया। ऐसी मान्यता है कि सुंदरकांड में भगवान राम और हनुमान की अद्भुत लीलाओं का जिक्र है।