राजनांदगांव
राजनांदगांव, 25 जनवरी। शासकीय दिग्विजय महाविद्यालय के इतिहास विभाग द्वारा सुभाषचंद्र बोस जयंती मनाई गई। प्राचार्य डॉ. केएल टांडेकर, मुख्य वक्ता जितेन्द्र साखरे, डॉ.शैलेन्द्र सिंह द्वारा सुभाषचंद्र बोस के चित्र पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम का प्रारंभ किया गया।
डॉ. शैलेन्द्र सिंह ने कहा कि वीर सावरकर ने सुभाषचन्द्र बोस की क्षमता को पहचाना तथा छोटे-छोटे आंदोलनों में शक्ति व्यय करने के स्थान पर कोई ठोस कार्य करने कहा। उन्होंने सुभाषचन्द्र बोस को राय दी कि उन्हें देश के बाहर जाकर अन्य देशों से सहायता लेकर भारत को स्वतंत्रता के प्रयत्न करने चाहिए। सुभाषचन्द्र बोस ने रूस, इटली, जर्मनी आदि देशों से सहायता प्राप्त करने का प्रयास किया। जर्मनी सरकार से मिलने के बाद उन्होंने फ्री इंडिया सेंटर की स्थापना की।
प्राचार्य टांडेकर ने कहा कि 1923 में चितरंजन दास द्वारा सुभाष को स्वराज दल का महामंत्री का कार्य सौंपा गया। उनके प्रयासों से कलकत्ता नगर निगम के चुनावों में स्वराज दल की सफलता मिली।
मुख्य वक्ता जितेन्द्र साखरे ने कहा कि सुभाष बचपन से ही स्वतंत्रता प्रेमी थे। सुभाषचंद्र बोस पर विवेकानंद का काफी प्रभाव था। संचालन प्रगति नोन्हारे तथा आभार प्रदर्शन डॉ. अजय शर्मा द्वारा किया गया।