महासमुन्द
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 18फरवरी। नगर पालिका अध्यक्ष व महिला कांग्रेस कमेटी प्रदेश सचिव राशि त्रिभुवन महिलांग ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा चुनावी फंडिंग पर रोक लगाने के निर्णय का स्वागत किया है।
श्रीमती महिलांग ने जारी विज्ञप्ति में कहा कि सरकार द्वारा 2 जनवरी 2018 को अधिसूचित किया गया था चुनावी इलेक्टोरल बांड को भारत के किसी भी नागरिक या देश में स्थापित इकाई की ओर से चुनावी बॉन्ड खरीदा जा सकता है।चुनावी बांड योजना के वैधता के खिलाफ देशभर से दायर याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस जेपी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने मामले पर सर्वसम्मति से चुनावी इलेक्टोरल बांड योजना पर रोक लगाने का फैसला सूनाया है। कोर्ट ने कहा है कि देश की राजनीतिक पार्टीयों को कहां-कहां से चुनाव में चुनावी फंडिंग हो रही है इसकी जानकारी देश की जनता को आवश्यक रूप से होनी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में एसबीआई बैंक को 2019 से अब तक चुनावी बांड की पूरी जानकारी देने का आदेश दिया है। जनप्रतिनिधित्व अनिनियम 1951 की धारा 29 ए के तहत पंजीकृत राजनीतिक दलों द्वारा वर्ष 2023-2024 के ऑडिट रिर्पोट में प्राप्त जानकारी के अनुसार चुनावी बांड की बिकी के जरिये जुटाई गई कुल राशि 16,518 11 करोड़ रूपये होने का अनुमान है। इससे वास्तविक स्थिति देश के राजनीतिक दलों को कितना पैसा इलेक्टोरल चुनावी बांड से प्राप्त हुआ है वह देश के नागरिकों के सामने स्थिति स्पष्ट हो जाएगी। लोकतंत्र की हत्या करने वाले कानून बनाकर मोदी सरकार ने लोकतंत्र समूचे देश में लोकतंत्र का गला घोट रही थी, जिसे माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने पूरी तरह से असंवैधानिक करार दे दिया है। इससे ईमानदारी और राष्ट्रभक्ति का आम जनता और गरीबों में भ्रम फैलाने वाली मोदी सरकार की सच्चाई देश की जनता के सामने आ गई है।
श्रीमती महिलांग ने सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूंड जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस जेपी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा पीठ के इस फैसले के लिए उनका आभार जताया है।