दुर्ग
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 19 फरवरी। सिक्सलेन सडक़ निर्माण शुरू हो गया है। इसमें भारी पैमाने पर मुरुम की खपत होगी जिले में उक्त सडक़ निर्माण करने वाली कंपनी को 4 ग्रामों से मुरूम परिवहन की अनुमति दी गई जिस तादाद सडक़ निर्माण के लिए मुरुम की आवश्यकता है। इससे अनेक जलाशयों व तालाबों का गहरीकरण किया जा सकता है। इससे अव्यवस्थित रूप से होने वाले मुरूम उत्खनन की समस्या नहीं होगी शासन को राजस्व प्राप्ति की भी प्राप्ति होगी।
सिक्सलेन के लिए सडक़ निर्माता कंपनी एसएमएसएल - एमबीपीएल (जेवी) गायत्री नगर परपोड़ी नागपुर को मुरूम परिवहन के लिए 4 स्थानों पर मिली है, जहां 6 हेक्टेयर से43000 घन मीटर मुरूम परिवहन की अनुमति दी गई है। इनमें पाटन विकास खंड के ग्राम पंदर2.09, मर्रा 1.27, चुनकट्टा1.20 एवं अरसनारा में 1.630 हेक्टेयर शामिल है जहां से सडक़ निर्माण के लिए मुरूम परिवहन किया जाएगा.
जिले में सिक्सलेन निर्माता कम्पनी सहित अन्य को मिलाकर मुरूम परिवहन की 11 अनुमति दी गई है। उक्त अनुमति में कुल 73500 घन मीटर मुरूम परिवहन किया जाएगा इनमें दिलीप बंजारे को लिटिया, निराबाई चौहान नवागांव, अश्वनी राजपूत रौता, उमाशंकर सिन्हा खम्हरिया, जे के लक्ष्मी सीमेंट पिटोरा, राजकान इंजीनियरिंग बोरई एवं नरेन्द्र देशमुख को लिटिया में अनुमति दी गई है।
यहां यह बताना लाजिमी है कि राजनांदगांव दुर्ग जीई रोड निर्माण के लिए ग्राम सोमनी में एक बड़ा तालाब का गहरीकरण किया गया था। इसके बाद आसपास के सूखे बोर भी रिचार्ज हो गए। कलेक्टर ऋचा प्रकाश चौधरी का कहना है कि सिक्सलेन निर्माण में लगने वाले मुरूम के लिए ठेके में तालाबों व जलाशयों के गहरीकरण कर मुरूम निकालने का प्रावधान है।