महासमुन्द
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 19 मार्च। महासमुंद के हृदय स्थल मिनी स्टेडियम में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ सप्ताह के तीसरे दिन देश के ख्यातिनाम कथा वाचक पं. हिमांशु कृष्ण भारद्वाज ने कहा कि हमें अपने जीवन में धर्म रुपी धन कमाना चाहिये, वही हमारे जीवन को धन्य बनाता है। हमें अपने जीवन में किसी को कष्ट देकर या प्रताडि़त कर धन नहीं कमाना चाहिये। अनैतिक धन हमारे जीवन को एक समय के बाद कष्टों की ओर ढकेलता है।
अनैतिक धन से हम चिन्ताग्रस्त जीवन जीते हैं। हम सो नहीं पाते। हम बीमार रहते हैं। यही हमारे पतन का कारण है।
उन्होंने हजारों श्रद्घालुओं को संबोधित करते हुये कहा कि हमें सहज सरल एवं ईश्वरीय भक्ति के साथ जीना चाहिये अहंकार मानव को अधर्म की ओर ले जाता है । मनुष्य को तीनों चीजों का विशेष ध्यान रखना चाहिये वस्त्र, भोजन और संगति। हमें सही वस्त्र, सही भोजन एवं सुसंगति हमारी पहचान बनाने के साथ-साथ संस्कारवान बनाती है।
उन्होंने कहा कि दूषित संगित असंतोष एवं नकारात्मक ऊर्जा का कारक है। भागवत कथा के माध्यम से राजा परीक्षित का कथन सुनाते हुए कहा कि जरासंघ कलियुगी मुकुट धारण करने मात्र से राजा परीक्षित भी नकारात्मक ऊर्जा का शिकार हुए। हमें अपने जीवन में साधु संतों एवं सज्जनों का आशीर्वाद प्राप्त करना चाहिये एवं अपने जीवन को सात्विक बनाने का प्रयास करना चाहिये।
कथा के तृतीय दिवस के शुभारंभ में नगर पुरोहित पंकज महाराज ने कथावाचक का अभिनंदन किया। मुख्य यजमान सुशील शर्मा डा. मंजू शर्मा, प्रिया योगेश्वर राजू सिन्हा, सहृयजमान अनिल शर्मा, उमादेवी शर्मा, धरम पटेल, प्रकाश शर्मा, निरंजना शर्मा, पप्पू ठाकुर, कृष्णा चंद्राकर, पप्पू पटेल, गोविन्द निर्मलकर, अखिलेश राव, अर्चना राव, राजेश्वरी सिन्हा, श्वेता ने पं. हिमांशु कृष्ण भारद्वाज का अभिनंदन किया।
इस अवसर पर प्रमुख रूप से नगर पुरोहित पंकज तिवारी, दाऊलाल तिवारी, महेश चंद्राकर, डा. अनिल अग्रवाल, प्रलय थिट, कौशिल्या बंसल, शैल वर्मा, सुजाता विश्वनाथन, पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष पवन पटेल, संदीप दीवान, मूलचंद लड्ढा, दिलीप जैन, राजेश नायक आदि उपस्थित थे।