दुर्ग
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 4 मई। दुर्ग दीपक नगर ग्रीन बीटल निवासी सुशीला बोरवनकर के निधन के पश्चात पारिवारिक डॉक्टर अजय गोवर्धन की सलाह पर सुशीला बोरवनकर के पुत्र सुनील बोरवनकर, सुशांत बोरवनकर, पुत्री पुष्पा, बहु अनीता व अर्चना के सहमति से उनके नेत्रदान कर दो नेत्रहीन लोगों के जीवन में नई रौशनी देने में सहयोग किया।
नव दृष्टि फाउंडेशन के सदस्य कुलवंत भाटिया,सत्येंद्र राजपूत,राजेश पारख,विकास जायसवाल, प्रभु दयाल उजाला, मोहित अग्रवाल, हरमन दुलई,जितेंद्र हासवानी, मंगल अग्रवाल ग्रीन बीटल में उपस्थित रहे व नेत्रदान प्रक्रिया सम्पन्न करने में सहयोग किया।
शंकराचार्य मेडिकल कॉलेज की डॉ.हर्षिका जैन, डॉ शुभ्र प्रकाश समल एवं नेत्र सहायक विवेक कसार ने कॉर्निया कलेक्ट किये। सुनील बोरवनकर ने कहा आज हमारे परिवार के लिए अत्यंत दु:ख का समय है सभी सदस्य सदमे में हैं किन्तु यह माँ के सत्कर्म थे कि उनके इस दुनिया से जाने के बाद भी दो परिवारों का भला होगा दो लोगों के नेत्रों के माध्यम से माँ हमेशा के लिए अमर हो गई हम सब माँ के नेत्रदान से प्रेरणा लेते रहेंगे।
सत्येंद्र राजपूत ने कहा सुशीला बोरवनकर के नेत्रदान से लोगों में जागरूकता बढ़ेगी व भविष्य में जरुरत मंद लोगों को लाभ मिलेगा और हमारी संस्था के प्रयास से अब लोगों में नेत्रदान, देहदान के साथ साथ त्वचा दान हेतु जागरूकता बढ़ रही है।
नवदृष्टि फाउंडेशन के मोहित अग्रवाल ने कहा हमारी संस्था लगतार लोगों को जागरूक करने का प्रयास कर रही है जिसके सकारात्मक परिणाम आ रहे हैं व लोगों की देहदान व नेत्रदान, त्वचादान हेतु सोच बदली है अब लोग स्वस्फूर्त ही देहदान व नेत्रदान हेतु सामने आ रहे हैं एवं यदि कोई देहदान या त्वचादान हेतु सहयोग या मार्गदर्शन चाहता है, तो हमारी संस्था के सदस्यों से सहयोग ले सकता है या 9826156000/9827190500 इन नंबर पर फोन कर मार्गदर्शन ले सकता है।
नवदृष्टि फाउंडेशन की ओर से अनिल बल्लेवार ,कुलवंत भाटिया,राज आढ़तिया, प्रवीण तिवारी,मुकेश आढ़तिया, हरमन दुलई, रितेश जैन, जितेंद्र हासवानी, मंगल अग्रवाल, किरण भंडारी,उज्जवल पींचा ,सत्येंद्र राजपूत,सुरेश जैन,राजेश पारख,पीयूष मालवीय, दीपक बंसल, विकास जायसवाल, मुकेश राठी, प्रभु दयाल उजाला, प्रमोद बाघ, सपन जैन, यतीन्द्र चावड़ा, जितेंद्र कारिया, बंसी अग्रवाल, अभिजीत पारख, मोहित अग्रवाल, चेतन जैन, दयाराम टांक ने सुशीला बोरवनकर को श्रद्धाँजलि दी व बोरवनकर परिवार को साधुवाद दिया।