दुर्ग
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 7 जनवरी। शहरी क्षेत्रों में मोबाइल मेडिकल यूनिट की मदद से लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं दिलाने की कोशिश की जा रही है। कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे ने निर्देश दिए हैं कि इन एमएमयू में अति आवश्यक दवाईयों की कमी नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जितनी दवाईयां प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में उपलब्ध रहती हैं उतनी ही इन मोबाइल मेडिकल यूनिट्स में उपलब्ध होनी चाहिए।
भिलाई कमिश्नर ऋतुराज रघुवंशी ने बताया कि दुर्ग जिले के सभी नगरीय निकायों में मोबाइल मेडिकल यूनिट में ही ऑन द स्पॉट सैंपल कलेक्शन व जांच कर रिपोर्ट देने की पहल भी की गई है, जिससे लोगों को काफी सुविधा हो रही है। उन्होंने यह भी बताया कि 40 प्रकार से अधिक टेस्ट की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। श्रमिक बस्तियों में भी मोबाईल मेडिकल युनिट की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे ने श्रम अधिकारी को निर्देश दिए कि जहां-जहां मोबाईल मेडिकल यूनिट जा रही हैं, वहां श्रम विभाग से कोई न कोई अवश्य मौजूद हो ताकि बेहतर समन्वय स्थापित किया जा सके। इसके अलावा शिविर स्थल पर शौचालय का इंतजाम एवं सफाई व्यवस्था भी दुरुस्त होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि एक दिन पहले ही चिन्हित स्थानों पर ये इंतजाम हो जाने चाहिए। बैठक में उन्होंने दाई-दीदी क्लिनिक की भी समीक्षा की। भिलाई कमिश्नर श्री रघुवंशी ने बताया कि दाई-दीदी क्लिनिक में 60 से अधिक की ओपीडी है। 5 जनवरी को 125 से अधिक ओपीडी हुई।
कलेक्टर ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों के साथ शहरी क्षेत्र के गौठानों पर भी फोकस करना अनिवार्य है, इसलिए हफ्ते में 2 से 3 बार गौठानों का निरीक्षण करें। मवेशियों के चारे पानी की व्यवस्था, वर्मी कम्पोस्ट खाद निर्माण की स्थिति की निरंतर मॉनिटरिंग जरूरी है।