रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 6 फरवरी। संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग द्वारा महंत घासीदास स्मारक संग्रहालय परिसर स्थित सभागार में विगत दिवस तीन दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी शुरु हुई। इस अवसर पर राम नाम के महात्मय से रचे बसे राम नामी समुदाय की विशेष सहभागिता रही। इस अवसर पर उन्होंने राम महिमा से जुड़ी प्रस्तुति से समां बांध दिया।
इस अवसर पर डॉ.रामअवतार शर्मा द्वारा राम वन गमन पर केंद्रित उनके द्वारा संकलित 290 छाया चित्र की प्रदर्शनी आकर्षण का केंद्र बनी रही।
शुक्रवार को 5 फरवरी से 7 फरवरी तक आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी के उद्घाटन अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि राजेंद्र तिवारी अध्यक्ष खादी एवं ग्रामोद्योग शामिल रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता कुंवरसिंह निषाद संसदीय सचिव,संस्कृति विभाग ने की। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रुप में राम वन गमन मार्ग के प्रणेता रामअवतार शर्मा शामिल रहे।
कार्यक्रम का परिचय एवं स्वागत भाषण संचालक संस्कृति विभाग विवेक आचार्य द्वारा दिया गया। इस अवसर पर श्री निषाद ने ग्रामीण अंचलों में मनाए जाने वाले राम सप्ताह एवं नवधा रामायण के संबंध में जानकारी दी। उन्होंने कंबद रामायण एवं श्री राम के छत्तीसगढ़ से जुड़े प्रयोजनों पर प्रकाश डाला। तीन सत्रों में संपन्न गोष्ठी में शामिल विषय विशेषज्ञों ने राम के मूर्त एवं अमूर्त रुप का आलेख पठन प्रस्तुत किया। कार्यक्रम की कड़ी में बलौदा बाजार से आए गुलाराम एवं साथियों द्वारा राम नामी भजन की प्रस्तुति दी गई। सांस्कृतिक कार्यक्रम की कड़ी में बालोद के नेतराम साहू द्वारा श्री राम वनवास के वट मिलन और बालि सुग्रीव युद्ध की प्रस्तुति दी गई। इस अवसर पर डॉ.रामअवतार शर्मा द्वारा संकलित 290 छाया चित्र की प्रदर्शनी आकर्षण का केंद्र बनी रही।