राजनांदगांव

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 7 मई। चौथे चरण के लॉकडाउन में मिली रियायतों को लेकर लोग बेपरवाह नजर आ रहे हैं। लापरवाही के साथ जहां लोग बिना मास्क और सामाजिक दूरी के झुंड में बाजार में खरीददारी कर रहे हैं। वहीं प्रशासन से मिली ढील का जबर्दस्त माखौल उड़ाया जा रहा है।
राजनंादगांव शहर करीब एक माह से लॉकडाउन के जद में है। शहर में पिछले एक माह से तमाम व्यापारिक गतिविधियां बंद पड़ी है। सिर्फ अतिआवश्यक सेवाओं को ही प्रशासन ने बंद से मुक्त रखा है। चौथे दौर के लिए प्रशासन ने 6 से 15 मई तक शहर समेत समूचे जिले में लॉकडाउन लागू किया है। लगातार लॉकडाउन होने के चलते लोगों की बुनियादी समस्याओं को दूर करने प्रशासन ने कुछ रियायतें दी है। इस ढील का लोग अब माखौल उड़ाते नजर आ रहे हैं। रोजाना बाजार में भीड़ बढ़ रही है। भीड़ पर काबू पाने के लिए ही प्रशासन ने लॉकडाउन को एक सशक्त जरिया बनाया था।
लॉकडाउन के बाद कोरोना के संक्रमण मामलों में गिरावट आई है। वहीं रिकवरी रेट भी बढ़ी है।
बताया जा रहा है कि स्थानीय बाजार में खचाखच भीड़ से लोगों के मन में डर पैदा हो गया है। सब्जी, राशन और दूसरे सामानों की खरीददारी करने के लिए लोगों को मजबूरी में भीड़ में जाना पड़ रहा है। भीड़ में मौजूद लोग मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग की शर्तों को मानने तैयार नहीं है। बताया जा रहा है कि बाजार में ठेला लगाकर सब्जी का व्यापार किया जा रहा है। जबकि प्रशासन ने ठेले वालों से घूमकर सब्जियां बेचने का निर्देश दिया है।
प्रशासनिक निर्देशों की परवाह किए बगैर लोग भीड़ के शक्ल में बाजार में दाखिल हो रहे हैं। इस हालत को देखकर प्रशासन की चिंता बढ़ गई है। बताया जा रहा है कि रियायत का सदुपयोग करने के बजाय लोगों ने लापरवाही बरतना शुरू कर दिया है। ऐसी सूरत में संक्रमण फिर से बढऩे की आशंका है। बहरहाल राजनांदगांव शहर का बाजार इलाका सुबह से दोपहर तक भीड़ के दायरे में रहता है। यही कारण है कि लोग जाने-अनजाने अपनी परेशानी बढ़ा रहे हैं।