मनोरंजन
इनमें से एक किस्सा गुलज़ार के निर्देशन में बनी फिल्म ‘अंगूर’ का है और दूसरा ‘लिबास’ नाम की उस फिल्म का जो कभी रिलीज ही नहीं हो पाई
गुलजार का अपने गुरू को भी पीछे छोड़ देना
चेलों पर अपने गुरू का असर जरूर रहता है। शेक्सपियर की कहानियों पर फिल्में बनाने के शौकीन विशाल भारद्वाज इस महान रचनाकार तक अपने गुरू गुलजार की वजह से पहुंचे थे। गुलजार ने भी शेक्सपियर के नाटक ‘द कॉमेडी ऑफ ऐरर्स’ से प्रेरणा लेकर ‘अंगूर’ बनाई थी। लेकिन यही गुलजार खुद शेक्सपियर तक अपने गुरू बिमल रॉय की वजह से पहुंचे थे और मजेदार बात ये कि सिर्फ पहुंचे नहीं बल्कि उनसे आगे भी निकल गए!
बिमल दा की ही ‘बंदिनी’ से गीत लेखन की शुरुआत करने वाले गुलजार ने इसके कुछ साल बाद बिमल रॉय द्वारा बतौर निर्माता बनाई एक फिल्म ‘दो दूनी चार’ (1968) में गीत लिखने के अलावा उसकी स्क्रिप्ट और डायलॉग भी लिखे थे। गुलजार के सखा देबू सेन द्वारा निर्देशित इस कॉमेडी फिल्म में किशोर कुमार और असित सेन के डबल रोल थे। यह फिल्म शेक्सपियर के नाटक ‘द कॉमेडी ऑफ ऐरर्स’ पर आधारित थी। इस फिल्म के 14 साल बाद ठीक इसी कहानी पर गुलजार ने संजीव कुमार और देवेन वर्मा को डबल रोल में लेकर अपने निर्देशन में ‘अंगूर’ बनाई थी। ‘दो दूनी चार’ में वे शेक्सपियर के नाटक को अपनी तरह से नहीं कह पाए थे लेकिन यहां अपने मन मुताबिक कहानी कह ली और क्या खूब कही!
बिमल रॉय की वो ब्लैक एंड वाइट फिल्म मजेदार जरूर थी लेकिन गुलजार की खट्टी-मीठी ‘अंगूर’ के आगे खट्टी-खट्टी ही लगती है। इसलिए बॉलीवुड में शेक्सपियर के इस नाटक का नाम आने पर सबसे पहले ‘अंगूर’ का ही जिक्र होता है। ऐसे उदाहरण विरले ही होते हैं जब कोई चेला किसी मामले में अपने दिग्गज गुरू से आगे निकल जाए। बॉलीवुड की सर्वकालिक महान कॉमेडी फिल्मों में शामिल ‘अंगूर’ और उसके निर्देशक गुलजार ऐसे ही उदाहरण हैं।
कभी न देखी गई गुलजार की फिल्म ‘लिबास’ का बनना
सन 1988 में बनकर तैयार एक फिल्म। गुलजार का निर्देशन और स्क्रिप्ट व गीत लेखन। शादी के बाद वाली इस आधुनिक कहानी में नसीरुद्दीन शाह, शबाना आजमी और राज बब्बर का प्रेम त्रिकोण। फिल्म के लिए रचे आज तक सराहे जाते रहे पंचम दा के चार गीत। रिलीज हो चुका फिल्म का पोस्टर और ट्रेलर, लेकिन इतना सबकुछ पब्लिक डोमेन में होने के बाद भी आज तक रिलीज न हो पाई एक फिल्म। यही कहानी है गुलजार की बनाई ‘लिबास’ की, जिसकी न कभी सीडी-डीवीडी ही रिलीज हुई और न ही आम जनता इसे कभी किसी दबे-छुपे माध्यमों तले ही देख पाई।
‘लिबास’ के कभी न रिलीज होने की वजह कई सालों तक सेंसर बोर्ड को माना जाता रहा, लेकिन इसका कभी न रिलीज हो पाना गुलजार साहब और फिल्म के निर्माता की आपसी तनातनी का नतीजा है। कहते हैं कि ‘लिबास’ के निर्माता विकास मोहन फिल्म की कहानी में काफी बदलाव चाहते थे और गुलजार इसे बिलकुल अपने हिसाब से बनाना चाहते थे। फिल्म का अंत गुलजार ने एब्सट्रेक्ट रखा था, जिसमें शबाना का किरदार किस नायक को आखिर में अपनाता है यह उन्होंने दर्शकों की समझ पर छोड़ा था। लेकिन निर्माता चाहते थे कि शबाना राज बब्बर के किरदार को ही अपनाए और फिल्म की हैप्पी एंडिंग हो। गुलजार की पिछली कुछ फिल्में फ्लॉप होने के बावजूद उन्होंने स्क्रिप्ट में इस तरह के दखल को सिरे से नकार दिया और निर्माता ने ‘लिबास’ को रिलीज करने से ही इंकार कर दिया।
‘लिबास’ के बनकर तैयार हो जाने के चार साल बाद निर्माता ने पब्लिक के लिए इसका प्रदर्शन सिर्फ एक बार इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल आफ इंडिया में किया लेकिन तारीफ मिलने के बावजूद इसे थियेटरों में रिलीज नहीं किया। फिल्म की तकदीर देखिए, बनकर तैयार होने के तकरीबन 26 साल बाद पिछले साल इसी फेस्टिवल में ‘लिबास’ दोबारा गिनी-चुनी पब्लिक को दिखाई गई और दर्शकों द्वारा एक बार फिर सराही गई। हालांकि दिखाए जाने पर इस बार भी निर्माता ने घनघोर आपत्ति जाहिर की और साफ हो गया कि आने वाले समय में भी थियेटरों तक ‘लिबास’ का पहुंच पाना मुमकिन नहीं है। कुछ समय पहले ‘लिबास’ की डिजिटल रिलीज की खबरें जरूर सुनने को मिली थीं, लेकिन यह कब-कैसे-कहां देखने को मिल सकेगी, इस बारे में कोई जानकारी अब तक नहीं मिल सकी है। (satyagrah)
नई दिल्ली, 18 अगस्त (आईएएनएस)| अभिनेता ईशान खट्टर जिस तरह से अपने बॉलीवुड करियर को आकार दे रहे हैं वह इससे बहुत खुश हैं। ईशान ने ईरानी फिल्म निर्देशक माजिदी माजिद की फिल्म 'बियॉन्ड द क्लाउड्स' से अपने अभिनय की शुरूआत की थी। उनकी बॉलीवुड में पहली फिल्म 'धड़क' थी जो लोकप्रिय मराठी फिल्म 'सैराट' की हिंदी रीमेक थी। हाल ही में उन्होंने विक्रम सेठ के इसी नाम के उपन्यास पर आधारित मीरा नायर की बीबीसी मिनी सीरीज 'अ सुटेबल बॉय' में तब्बू के साथ काम किया है।
अपने करियर ग्राफ के बारे में बात करते हुए ईशान ने आईएएनएस को बताया, "मुझे मिले अवसरों से मैं बहुत खुश हूं। मेरी आने वाली फिल्में भी ऐसी ही हैं, जिनका हिस्सा बनकर मैं वाकई में बहुत खुश हूं।"
ईशान आगामी हॉरर कॉमेडी फिल्म 'फोन भूत' में कैटरीना कैफ और सिद्धार्थ चतुवेर्दी के साथ दिखाई देंगे।
वह 'पिप्पा' नाम की नई फिल्म में ब्रिगेडियर बलराम सिंह मेहता की भूमिका निभाएंगे। इसे 'एयरलिफ्ट' निर्माता राजा कृष्ण मेनन द्वारा निर्देशित किया गया है।
नई दिल्ली, 17 अगस्त। महान गणित जादूगर व गिनीज बुक ऑफ वल्र्ड रिकॉर्ड धारक शकुंतला देवी के जीवन पर आधारित बायोग्राफिकल ड्रामा फिल्म का अनदेखा और एक्सक्लूसिव वीडियो रिलीज हो गया है। फिल्म से डिलीट की गई इस विशेष वीडियो क्लिप में, विद्या बालन की शकुंतला देवी ने हमारा जहन में स्कूल के दिनों को फिर से ताजा कर दिया हैं, जहां हम बच्चे गणित से घबराया करते थे और स्कूल में लंच ब्रेक का इंतजार किया करते थे।
एक ही टिफिन से चार लोगों द्वारा खाना खाने से ले कर, रिसेस की घंटी बंद होने के लिए घड़ी पर बचे समय की गणना करने तक, शकुंतला देवी का कहना है कि सभी चीज में गणित का जादू शामिल है।
बंगाली में कुछ गणितीय शाप से ले कर हमारे रोजमर्रा के जीवन में गणित की एक सुगम उपस्थिति के साथ, उनकी दृष्टिकोण आज भी काफी आकर्षक है।
चमत्कारी महिला 'शकुंतला देवी' को कलम, कागज या कैलकुलेटर के उपयोग के बिना, महज चंद सेकंड में जटिल गणितीय समस्याओं को हल करने की क्षमता के लिए दुनिया भर में जाना जाता था।
फिल्म की कहानी, किरदार और शकुंतला देवी जैसी नायिका को दुनिया के सामने पेश करने के लिए सोशल मीडिया पर जमकर प्रशंसा हो रही है।(IANS)
नई दिल्ली, 17 अगस्त। रैपर यो यो हनी सिंह और गायक सिंहस्टा ने अपने नए संगीत वीडियो की पूरी शूटिंग शहर में लॉकडाउन के दौरान की है। गाना 'बिलो तू आग' में काफी समय बाद हनी सिंह ने पंजाबी रैपिंग की है। इस बारे में हनी सिंह ने कहा, "फैंस भी काफी समय बाद मुझे पंजाबी में रैप करते सुनेंगे। हमने इस गाने को बहुत मुश्किल से शूट किया है, ताकि दर्शकों को बेहतर अनुभव प्राप्त हो सके।"
कोविड लॉकडाउन के कारण और सामाजिक दूरी के मानदंडों को बनाए रखते हुए, वीडियो को एक सीमित क्रू टीम के साथ फिल्माया गया और सभी सुरक्षा उपायों को ध्यान में रखा गया।
मिहिर गुलाटी द्वारा निर्देशित, संगीत वीडियो में सिंहस्टा और हनी सिंह स्टाइलिश काले परिधान में नजर आ रहे हैं।(IANS)
नई दिल्ली, 17 अगस्त। श्रुति हासन ने बतौर कलाकार अभिनय जगत में 11 वर्ष पूरे कर लिए हैं और जिस तरह से उनके करियर ने आकार लिया है, उससे वह खुश हैं। हालांकि वह हमेशा खुद को बेहतर करने की जुगत में रहती हैं। श्रुति ने आईएएनएस को बताया, "एक तरह से मैं खुश और आभारी हूं कि मैं अभी भी यहां हूं, लेकिन मुझे लगता है कि मेरा व्यक्तित्व ऐसा है कि मैं हमेशा बेहतर करने व सुधार की जुगत में लगी रहती हूं। इसलिए मैं जो भी करती हूं उसमें बेहतर करने की कोशिश करती हूं।"
श्रुति ने 2009 में फिल्म 'लक' के साथ बॉलीवुड में शुरुआत की और 'डी-डे', 'गब्बर इज बैक', 'रमैया वस्तावैया' और 'वेलकम बैक' जैसी फिल्मों में नजर आईं।
उन्होंने 'ओ माइ फ्रेंड' और 'अनागनागा ओ धीरुदु' जैसी तेलुगू फिल्मों में अपनी भूमिकाओं के साथ पहचान हासिल की ।
दिग्गज कलाकारों कमल हासन और सारिका की बेटी श्रुति हाल ही में डिजिटल रूप से रिलीज हुई फिल्म 'यारा' में नजर आईं।(IANS)
मुंबई, 17 अगस्त। मलयालम अभिनेता पृथ्वीराज सुकुमारन एक ऐसी फिल्म में नजर आने वाले हैं, जो पूरी तरह से वर्चुअल शूट किया गया है। अभिनेता ने अपने प्रोजेक्ट की जानकारी साझा करने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया। अभिनेता ने अपने प्रोजेक्ट का पोस्टर साझा करते हुए लिखा, "यह फिल्म निर्माण की कला और विज्ञान में एक रोमांचक नया अध्याय है। इसलिए इसके लिए तैयार हैं। बदलते वक्त, नई चुनौतियां, एनोवेसन मैथड्स और एक एपिक स्टोरी बताने के लिए तैयार हैं।अपडेट के लिए बने रहें।"
पोस्टर देखकर यह पता लगता है कि वह फिल्म में एक योद्धा की भूमिका में हैं। भारत का यह पहला प्रोडक्शन होगा, जो पूरी तरह वर्चुअली शूट हुआ है।
अनटाइटल्ड प्रोजेक्ट के निर्देशक हैं गोकुलराज बसकर। फिल्म को हिंदी, मलयालम, तेलुगु, तमिल और कन्नड़ में रिलीज किया जाएगा।(IANS)
मुंबई, 17 अगस्त। बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता अमिताभ बच्चन आजकल सोशल मीडिया पर अंग्रेजी ट्यूटोरियल देने के मूड में हैं। बिग बी ने इंस्टाग्राम पर लिखा, "आपको लगता है कि अंग्रेजी आसान है?? 1) 'घाव' (वूंड) के चारों ओर पट्टी 'बंधी' (वूंड) हुई थी। 2) खेती का प्रयोग 'उपज' (प्रोड्यूस) 'पैदा' (प्रोड्यूस) करने के लिए किया जाता है। 3) डंप इतना भरा हुआ था कि उसे 'और अधिक'(रिफ्यूज) के लिए 'मना'(रिफ्यूज) करना पड़ा। 4) हमें 'पोलिश' वाले फर्नीचर को 'पोलिश' करते रहना चाहिए।"
हाल ही में अभिनेता ने कोविड-19 से उबरने के बाद पहली बार अपने घर से बाहर निकलकर अपनी मां तेजी बच्चन की याद में गुलमोहर लगाया।
उन्होंने पोस्ट में लिखा था, "यह बड़ा गुलमोहर का पेड़ मैंने एक पौधे के रूप में तब लगाया था, जब हमें साल 1976 में अपना पहला घर प्रतीक्षा मिला था। अभी हाल ही में आए तूफान ने उसे गिरा दिया, जिसके बाद उसी जगह पर मैंने 12 अगस्त को अपनी मां के जन्मदिन पर उनके नाम का गुलमोहर का पौधा लगाया!"(IANS)
मुंबई, 17 अगस्त (वार्ता)। बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन को फिल्म ‘लूटकेस’ बेहद पसंद आयी है और उन्होंने कुणाल खेमू के अभिनय की तारीफ की है।
राजेश कृष्णन के निर्देशन में बनी ‘लूटकेस’ डिज्नी प्लस हॉटस्टार पर रिलीज की गयी है। इस फिल्म में कुणाल खेमू के साथ रसिका दुग्गल, गजराज राव, रणवीर शौरी और विजय राज भी हैं। फिल्म को अमिताभ बच्चन ने भी काफी पसंद किया। कुणाल केमू ने अमिताभ बच्चन द्वारा उन्हें भेजा गया एक नोट शेयर किया।
कुणाल ने ट््वीट कर अमिताभ की लिखावट में एक नोट साझा किया जिसमें उन्होंने लिखा है कि उन्हें फिल्म देखकर बहुत मजा आया। नोट में लिखा है, ‘फिल्म का लेखन, निर्देशन और सह-कलाकारों की अदाकारी बेहतरीन थी। लेकिन तुम सबसे अधिक उम्दा थे। तुम्हारे चेहरे का हर भाव, लहजा सब कुछ बेहतरीन था। अच्छा काम करते रहो और आगे बढ़ते रहो।’
कुणाल खेमू ने ट््वीट किया, ‘ऐसा होता है, मैंने सुना था और पढ़ा था। मेरी हमेशा से इच्छा थी कि एक दिन मैं भी इस लायक बन पाऊं। अमिताभ बच्चन सर आपका बहुत-बहुत धन्यवाद। यह मेरे लिए बहुत मायने रखता है।’
मुंबई, 17 अगस्त (वार्ता)। बॉलीवुड अभिनेता चंकी पांडे अपनी बेटी और अभिनेत्री अनन्या पांडे के साथ काम करना चाहते हैं।
चंकी पांडे को फिल्म इंडस्ट्री में आए हुए तीन दशक हो गये हैं। चंकी पांडे की पुत्री अनन्या पांडे भी बॉलीवुड में कदम रख चुकी है। चंकी ने अभी तक अन्नया के साथ काम नहीं किया है। चंकी पांडे ने अनन्या के साथ काम करने के बारे पूछे जाने पर कहा कि उनका मन जरूर है कि वे अनन्या के साथ काम करें। अनन्या काफी कंपीटेटिव है और मैं भी ऐसा ही हूं। तो मजा काफी आएगा।
चंकी ने कहा कि यदि उन्होंने अनन्या के साथ काम किया तो घर में एक अलग ही युद्ध शुरू हो जाएगा। यदि हम दोनों साथ में कैमरे के सामने आ गए, तो मैं तो पुराना चावल हूं, मैं तो पूरी लाइमलाइट लेने की कोशिश करता हूं।
अंकारा, 17 अगस्त (आईएएनएस)| सुपरस्टार आमिर खान इस समय तुर्की में लाल सिंह चड्ढा की शूटिंग कर रहे हैं और उन्होंने हाल ही में तुर्की की फर्स्ट लेडी एमिन एर्दोगन से मुलाकात की। लेकिन उनकी इस मुलाकात से सोशल मीडिया के यूजर्स खुश नहीं हैं। ट्विटर पर एर्दोगन ने बॉलीवुड सुपरस्टार से मिलने का अपना अनुभव साझा किया। उन्होंने मीटिंग की फोटो साझा करते हुए कहा, "इस्तांबुल में विश्व प्रसिद्ध भारतीय अभिनेता, फिल्म निर्माता और अभिनेता से मिलकर मुझे बहुत खुशी हुई। मुझे यह जानकर खुशी हुई कि आमिर ने अपनी नई फिल्म 'लाल सिंह चड्ढा' की शूटिंग तुर्की के कुछ हिस्सों में करने का निर्णय लिया है।"
हालांकि, सोशल मीडिया यूजर्स के एक वर्ग ने दो देशों के बीच संघर्ष के मुद्दों को लेकर आमिर की फर्स्ट लेडी से मुलाकात पर अपनी नाखुशी जाहिर की है।
एक यूजर ने ट्वीट किया, "आमिर खान पर शर्म करो।"
एक अन्य ने ट्विटर पर लिखा, "दोनों देशों के बीच के मुद्दों को जानते हुए आमिर को उनसे नहीं मिलना चाहिए था।"
बता दें कि 'लाल सिंह चड्ढा' हॉलीवुड फिल्म 'फॉरेस्ट गम्प' की एक आधिकारिक हिंदी रीमेक है। फिल्म में करीना कपूर खान भी हैं।
नई दिल्ली, 17 अगस्त (आईएएनएस)| अभिनेत्री जैकलिन फर्नांडिस ने महाराष्ट्र के पथराड़ी और सकुर गांवों के ग्रामीणों के पोषण के लिए 'एक्शन अगेंस्ट हंगर फाउंडेशन' के साथ भागीदारी की है। जैकलिन ने अपने पालघर प्रॉजेक्ट के लिए यह भागीदारी की है। लक्ष्य कुपोषण को पूरी तरह से खत्म करना है, लेकिन यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें समय लगेगा और सही कदम व उपायों के साथ यह एक ऐसा लक्ष्य है जो प्राप्त करने योग्य है और जैकलिन का कहना है कि वह इसके लिए हर संभव कोशिश कर रही हैं।
इससे पहले भी कोरोना महामारी के प्रारंभिक चरण के दौरान कुपोषण के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए अभिनेत्री ने इस फाउंडेशन के साथ मिलकर काम किया था।
जैकलिन ने दोनों गांवों को गोद ले लिया है और यह सुनिश्चित करने की योजना बनाई है कि वहां के लोगों को कभी भी भुखमरी से गुजरना न पड़े।
यह साझेदारी 1550 लोगों को खाना खिलाएगी जो उन्हें अगले तीन वर्षों के लिए आवश्यक सभी पोषण प्रदान करेगा। इसके लिए विभिन्न समूह सत्र भी आयोजित किए जाएंगे जो पोषण पर केंद्रित होंगे। साथ ही, महिलाओं को यह भी निर्देशित किया जाएगा कि जन्म के बाद बच्चों की देखभाल कैसे करनी है और छह साल से कम उम्र के बच्चों की कुपोषण के लिए एमयूएसी टेप के तहत जांच की जाएगी।
सात फ्रंटलाइन श्रमिकों को प्रशिक्षण और नौकरी के लिए सहायता प्रदान की जाएगी। इसके साथ ही, गांव में किचन गार्डन भी बनाए जाएंगे। यह सब सुनिश्चित किया जाएगा कि सभी सुरक्षा दिशानिर्देशों का पालन किया जाए और कोई भी भुखमरी या पोषण की कमी से पीड़ित न हो।
एक्शन अगेंस्ट हंगर ने अपने सोशल मीडिया पर इस नेक काम को साझा किया है। उन्होंने लिखा, "जैकलिन फर्नांडिस आपके समर्थन के लिए बहुत बहुत धन्यवाद और परिवार में आपका स्वागत है । इन कठिन समयों में, हमें एक साथ कार्य करने और जीवन को बदलने में मदद करने की आवश्यकता है।"
मुंबई, 17 अगस्त (आईएएनएस)| बॉलीवुड दीवा करीना कपूर खान ने अपने पति व अभिनेता सैफ अली खान को उनके 50वें जन्मदिन पर एक सरप्राइज गिफ्ट दिया। अभिनेत्री ने इंस्टाग्राम पर सैफ के 50 सालों की यात्रा को एक वीडियो के माध्यम से पेश किया।
वीडियो में सैफ के जन्म के समय से लेकर उनकी किशोरावस्था के दिनों को भी दिखाया गया है। साथ ही वीडियो में सारा अली खान और इब्राहिम अली खान के जन्म की तस्वीरें करीना के साथ उनके पलों की तस्वीरें और फिर तैमूर के स्वागत के पल जैसे खास मौके कैद किए गए हैं।
वीडियो के कैप्शन में करीना ने लिखा, "जन्मदिन की शुभकामनाएं। मैंने सैफ के 50वें जन्मदिन पर उनके 50 सालों को कैप्चर करने के लिए एक वीडियो बनाया, जिसे मैंने कल रात उनके साथ साझा किया। यह 22 मिनट लंबा था और मुझे अभी भी लग रहा है कि बहुत कुछ कहा जाना बाकी ही रह गया! मैं यहां वीडियो की 50 तस्वीरों की झलक साझा कर रही हूं, जो दिल के काफी करीब है! जन्मदिन मुबारक हो लव .. आप 50 में भी बहुत अच्छे लगते हैं और खुद को बहुत अनुशासित रखा है!"
करीना ने एक तस्वीर भी साझा की है, जिसमें सैफ और तैमूर 'टशन' देख रहे हैं।
-रिपोर्ट ईशा भाटिया सानन
डिजिटल दुनिया में इस तरह का रिकॉर्ड इससे पहले किसी भारतीय वीडियो का नहीं रहा है. दुनिया भर में यूट्यूब पर सबसे ज्यादा डिसलाइक किए जाने वाले वीडियो की लिस्ट में सड़क 2 का ट्रेलर तीसरे नंबर पर आ गया है. दूसरे नंबर पर है जस्टिन बीबर का गाना "बेबी" जिसे 11.59 मिलियन यानी एक करोड़ 15 लाख डिस्लाइक मिले हैं. जिस रफ्तार से सड़क 2 के डिसलाइक बढ़ रहे हैं, कोई बड़ी बात नहीं कि और एक-दो दिन में यह जस्टिन बीबर के वीडियो को भी पीछे छोड़ दे.
हालांकि इसे पहला स्थान दिलाने के लिए लोगों को थोड़ी और मेहनत करनी पड़ेगी क्योंकि इस सूची में सबसे ऊपर जो वीडियो है उसे 18.20 मिलियन यानी एक करोड़ 82 लाख डिसलाइक मिले हैं. इसका नाम है यूट्यूब रिवाइंड 2018. यूट्यूब रिवाइंड सीरीज के तहत हर साल एक लंबा वीडियो अपलोड किया जाता है जिसमें साल भर के यूट्यूब ट्रेंड्स पर चर्चा की जाती है. 2018 में लोगों को यह इतना नापसंद आया कि इसे "मोस्ट डिसलाइक्ड यूट्यूब वीडियो" का खिताब मिल गया.
सड़क 2 को इस कदर डिसलाइक मिलने की वजह बॉलीवुड में नेपोटिज्म पर जारी बहस को माना जा रहा है. एक्टर सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद से यह बहस काफी तेज हो गई है. करण जौहर, महेश भट्ट और आलिया भट्ट पर सबसे ज्यादा टिप्पणी की जा रही है. लोगों को सबसे ज्यादा तकलीफ कॉफी विद करण शो की उस क्लिप से है जिसमें आलिया भट्ट करण के साथ "मैरी, हुक अप, किल" नाम का गेम खलती नजर आ रही हैं. यह एक बचकाना गेम है जिसे अकसर स्कूलों या कॉलेजों में खेला जाता है. तीन नामों में से एक को "मैरी" यानी शादी के लिए चुनना होता है, एक को "हुक अप" यानी छोटे मोटे अफेयर के लिए और एक को "किल" यानी मारने या फिर गेम से ही हटा देने के लिए. इस गेम में आलिया ने सुशांत का नाम "किल" के लिए चुना था.
सुशांत की मौत के बाद जब यह क्लिप वायरल हुआ तो लोग कहने लगे कि आलिया पहले से ही सुशांत को मारना चाहती थीं. यही वजह है कि उनकी फिल्म के ट्रेलर को लोग इतना ज्यादा डिसलाइक कर रहे हैं. फिल्म में संजय दत्त भी हैं और उनकी कैंसर की खबर के बाद से लोग उनके लिए संवेदना दिखा रहे हैं. ऐसे में यूट्यूब का कमेंट सेक्शन आलिया भट्ट के लिए नफरत और संजय दत्त के लिए दुआओं से भरा हुआ दिख रहा है.(DW.COM)
मुंबई, 16 अगस्त (आईएएनएस)| महानायक अमिताभ बच्चन ने फिल्म लुटेकेस में कुणाल केमू का अभिनय देखने के बाद उन्हें लिखित संदेश भेजा, कुणाल केमू ने कहा कि मेरे लिए बहुत बड़ी बात है। कुणाल ने इंस्टाग्राम पर बीग बी द्वारा लिखित खत को पोस्ट किया, जिसमें लिखा था, "कुणाल कुछ दिनों पहले मैंने आपकी फिल्म 'लूटकेस' देखी थी, यह बातने के लिए लिख रहा हूं कि मैंने कितना इंज्वाय किया फिल्म को। फिल्म की स्क्रिप्ट, डायरेक्शन, और को- आर्टिस्ट द्वारा निभाई गए भूमिका शानदार है।"
उन्होंने लिखा, "लेकिन आप एक्सेप्सनल थे, आपके शरीर की हर गति, एक्सप्रेशन एकदम उत्कृष्ट थी। आप यूंही अच्छा करते रहें। आप हमेशा खुशहाल रहें। अमिताभ बच्चन का प्रशंसा और प्यार।"
संदेश पाते ही मानों कुणाल केमू मानों सातवें आसमान पर चले गए हों।
उन्होंने लिखा, "क्या !!!! यह अभी तक की सबसे बेहतरीन चीज है। मैंने अक्सर इस के बारे में पढ़ा या सुना है और हमेशा यह कामना की है कि एक दिन मैं भी खुद के लायक बन जाऊं . बहुत बहुत धन्यवाद अमिताभ बच्चन सर, यह मेरी जीवन में बहुत मायने रखता है। इस वक्त मैं अपने दिमाग और दिल में बैक फ्लीप कर रहा हूं।"
'लुटकेस' में रसिका दुगल, गजराज राव, रणवीर और विजय राज भी हैं।
मुंबई, 16 अगस्त (आईएएनएस)| अभिनेत्री कंगना रनौत ने एक कविता के माध्यम से फिल्म निर्माता करण जौहर और उनकी फिल्म गुंजन सक्सेना पर कटाक्ष किया है। कंगना की सोशल मीडिया टीम ने ट्वीट किया, "करण जौहर के लिए शायरी अर्ज किया है..हमें नेशनलिज्म की दुकान चलानी है पर देशभक्ती नहीं दिखानी है। पाकिस्तान से वार वाली फिल्में बहुत पैसा कमाती हैं, हम भी बनाएंगे, लेकिन उसकी विलेन भी हिंदुस्तानी है। अब थर्ड जेंडर भी आ गया आर्मी में लेकिन करण जौहर तू कब समझेगा एक सेनानी सिर्फ सेनानी है।"
इससे पहले उन्होंने जान्हवी कपूर-अभिनीत फिल्म 'गुंजन सक्सेना: द कारगिल गर्ल' पर कमेंट किया था।
उन्होंने ट्वीट में लिखा, "गुंजन संक्सेना फिल्म में एक छोटे से पहलू पर गौर किया जिसमें एक सैनिक के जीवन की बड़ी तस्वीर और सार गायब है। इसमें गुंजन सक्सेना के विरोधियों को सही साबित किया गया है जो कहते हैं कि हम यहां भारत माता की रक्षा के लिए हैं, लेकिन आप यहां समान अवसर के लिए आई हैं। फिल्म यहीं जाकर खत्म भी होती है- गुंजन जीत जाती हैं, लेकिन भारत नहीं।"
कंगना ने लिखा, "फिल्म में कई जगह गुंजन कहती हैं कि उन्हें अपने देश से प्यार नहीं है, वह केवल एक प्लेन उड़ाना चाहती हैं। फिल्म में गुंजन सक्सेना की असल देशभक्ति को नहीं दिखाया गया है। वह सिर्फ इतना कहती है- पापा मैं आपको निराश नहीं होने दूंगी।"
सोशल मीडिया पर करण जौहर को फिल्म में जेंडर बायस दिखाने का आरोप लगाकर ट्रोल किया जा रहा है।
फिल्म 'गुंजन सक्सेना: द कारगिल गर्ल' पहली भारतीय वायु सेना की महिला पायलट गुंजन सक्सेना पर आधारित है, जो 1999 के कारगिल युद्ध का हिस्सा थीं।
मुंबई, 16 अगस्त (आईएएनएस)| ब्लॉकबस्टर फिल्म 'शोले' ने 15 अगस्त को अपने 45 साल पूरे कर लिए। इस खास मौके पर फिल्म के कलाकार अमिताभ बच्चन, हेमा मालिनी और निर्देशक रमेश सिप्पी ने पीछे मुड़कर कुछ बीती बातों को याद किया। सिप्पी ने आईएएनएस को बताया, "'शोले' को जिस तरह से लिखा गया था और जिस तरह से इसके किरदारों को उकेरा गया था, उसके चलते ये आज भी लोगों के जेहन में ताजा है, चाहें वह गब्बर के संवाद हो या बसंती की बकबक। यहां तक कि सांभा जिसने फिल्म में केवल दो ही शब्द कहे थे, उसकी भी यादें आज भी लोगों के दिलों में बरकरार है।"
फिल्म में जय का किरदार निभाने वाले अमिताभ ने कहा, "'शोले' में तीन ही घंटे में बड़ी ही खूबसूरती से बुराई पर अच्छाई की जीत दिखाई गई है। यह पहली बार था जब किसी भारतीय फिल्म के लिए एक डायलॉग सीडी जारी की गई थी। एक्शन वाले ²श्यों को पहली बार एक ब्रिटिश क्रू द्वारा निर्देशित किया गया था, उन्हें खासतौर पर फिल्म के लिए भारत में बुलाया गया था और इसके बाद फिल्म को ब्रिटेन में संपादित किया गया - कई सारी चीजें पहली बार हुईं। एक निर्देशक के रूप में रमेश सिप्पी जी ने इसके बनाने के दौरान कई अप्रचलित बदलाव किए जैसे कि इसका लोकेशन, एक्शन कॉर्डिनेशन, कैमरा वर्क, 70मिमी और स्केल - मेरे ख्याल से ये सबकुछ रंग लाई।"
फिल्म में बसंती के किरदार को निभाने वाली दिग्गज अभिनेत्री हेमा मालिनी इस पर कहती हैं, "शूटिंग शुरू होने से पहले मुझे बताया गया था कि इसमें एक डांस सीक्वेंस है जहां मुझे एक उबड़ खाबड़ चट्टान के ऊपर कांच पर नांचना है। शूटिंग अप्रैल के महीने में हुई थी जब काफी गर्मी थी। मुझे याद है कि रमेश जी इस चीज को लेकर काफी पर्टिकुलर थे, लेकिन यह एक यादगार ²श्य बना।"
यह फिल्म 1975 में स्वतंत्रता दिवस के मौके पर रिलीज हुई थी।
मुंबई, 15 अगस्त (आईएएनएस)| अभिनेता पंकज त्रिपाठी का कहना है कि फिल्में वास्तविकता को पूरी तरह से नहीं बदल सकती हैं, लेकिन इनसे समय के साथ व्यवस्थित ढंग से धीरे-धीरे मानसिकताओं को बदलने के लिए एक बातचीत की शुरूआत हो सकती है। पंकज हमेशा से ही 'गुंजन सक्सेना : द कारगिल गर्ल' जैसी किसी फिल्म का हिस्सा बनना चाहते थे जिसमें महिला सशक्तिकरण की बात कही गई है, जिसका मकसद युवा लड़कियों को अपने सपनों को पूरा करने के लिए कठिन प्रयास करने हेतु प्रेरित करना है।
अभिनेता फिल्म में गुंजन के पिता का किरदार निभा रहे हैं, जो साल 1999 में हुई कारगिल की जंग में भाग लेने वाली भारतीय वायुसेना की पहली महिला पायलट हैं।
पंकज कहते हैं, "फिल्म में एक खूबसूरत सी लाइन है जिसमें कहा गया है - 'प्लेन लड़का उड़ाए या लड़की, दोनों को पायलट ही कहते हैं।' एक खूबसूरत से संवाद और इसकी कहानी से सालों पुरानी लैंगिक रुढ़िवादिता को कुचल दिया। खुद एक बेटी का पिता होने के नाते इसकी कहानी ने कुछ हद तक मुझे भी अंदर से प्रभावित किया है। मैं चाहता हूं अधिक से अधिक पिता अनुज सक्सेना (उनका किरदार) और अधिक से अधिक बेटियां गुंजन की तरह बनें।"
उन्होंने आगे कहा, "इस फिल्म के लिए मैंने कुछ अपने खुद के कुछ अनुभवों से भी काम लिया है और इस दौरान त्याग के हर उस ²ष्टांत को मैं करता रहा जिसमें मैंने महिलाओं को पितृसत्तात्मक समाज द्वारा बनाई गई सामाजिक नियमों में खुद को ढालने के लिए संघर्ष करते देखा है। हां, शायद फिल्में वास्तविकता को पूरी तरह से बदल नहीं सकती हैं, लेकिन इनसे समय के साथ व्यवस्थित ढंग से धीरे-धीरे मानसिकताओं को बदलने के लिए एक बातचीत की शुरूआत जरूर हो सकती है।"
सिमरन सेठी
मुंबई, 15 अगस्त (आईएएनएस)| भारत अपना 74 वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है, इस मौके पर स्लमडॉग मिलियनेयर फेम देव पटेल ने याद किया कि किस तरह से यहां फिल्म की शूटिंग करने के दौरान वे इस देश के प्यार में पड़ गए थे।
देव ने आईएएनएस को बताया, "मैं जब बच्चा था तब कई भारत आया था, लेकिन देश से मेरा वास्तविक रिश्ता तब जुड़ा जब मैंने यहां 'स्लमडॉग मिलियनेयर' के लिए शूटिंग की। इस फिल्म की शूटिंग करने के दौरान ही मुझे इस देश से प्यार हुआ। लंदन में बड़ा होने के कारण मुझे भारतीय संस्कृति की ठीक समझ नहीं थी। मुझे लगता है कि 'स्लमडॉग मिलियनेयर' के जरिए मुझे भारत की सुंदरता और इसके लोगों को विस्तार से समझने का मौका मिला।"
ब्रिटिश फिल्म निर्माता डैनी बॉयल की 2008 में आई फिल्म 'स्लमडॉग मिलियनेयर' में देव पटेल शीर्ष भूमिकाएं निभाने वाले कलाकारों में से एक थे। वैश्विक स्तर पर हिट हुई इस फिल्म ने आठ ऑस्कर जीते थे, साथ ही देव भी इस फिल्म के कारण खासे मशहूर हो गए थे।
उन्होंने कहा, "स्लमडॉग मिलियनेयर ने मेरे जीवन को कई मायनों में बदल दिया। उस समय पश्चिम में हमारे लिए ज्यादा रोल नहीं थे। मुझे लगता है कि इस फिल्म ने केवल मेरे लिए ही नहीं पूरे उद्योग के लिए बहुत कुछ किया है। एक ही फिल्म के लिए इतने ऑस्कर अवॉर्ड जीतना बहुत बड़ी बात थी।"
इसके बाद से भारत में कई फिल्मों की शूटिंग कर चुके देव अपनी अगली फिल्म के लिए देश में फिर से शूटिंग करने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, "कोरोनावायरस के कारण चीजें पूरी तरह बदल गईं। मैं भारत में एक फिल्म की शूटिंग करने वाला था। अब जैसे ही सीमाएं खुलेंगी, मैं भारत आना चाहूंगा।"
देव ने हाल ही में नेशनल जियोग्राफिक सीरीज 'इंडिया फ्रॉम एबव' के लिए नरेटर के तौर पर काम किया है। यह सीरीज भारत की अनूठी कहानियों को बताती है। इन सीरीज को शूट करने के लिए प्रमुख तौर पर ड्रोन कैमरों का उपयोग किया गया है।
मुंबई, 15 अगस्त (आईएएनएस)| गायक सुखविंदर सिंह ने फिल्म के टाइटल ट्रैक 'मेरे देश की धरती 'को अपनी आवाज दी है, उनका कहना है कि यह गीत देश को समर्पित है। इस गीत को कंपोजर हैं विक्रम मोंट्रोस, इसे अजीम शिराजी ने लिखा है।
ट्रैक का टीजर शुक्रवार को स्वतंत्रता दिवस से पहले जारी किया गया था।
सुखविंदर ने कहा, "यह गीत एक से अधिक कारणों से विशेष है। गीत सुंदर और शक्तिशाली हैं, संगीत ऐसा है, जिसे सुनने के बाद आप काफी वक्त तक पसंद करेंगे। एक कलाकार के रूप में इस गीत का हिस्सा बनना मेरे लिए सौभाग्य की बात है। सबसे बड़ी बात ये है कि यह स्वतंत्रता दिवस पर रिलीज हो रहा है। हमारे देश, हमारी मातृभूमि के लिए सबसे अधिक श्रद्धांजलि है।"
फराज हैदर द्वारा निर्देशित फिल्म 'मेरे देश की धरती' में दिव्येंदु, अनंत विधात, अनुप्रिया गोयनका और इनामुलहक भी हैं। यह साल के अंत में रिलीज होने के लिए तैयार है।
“कोई भी भोजपुरी फ़िल्म महिला-केंद्रित नहीं है। इस भाषा में फिल्माए गए सभी गीत स्त्री को वस्तु के रूप में प्रदर्शित करते हैं।”
यह कथन है, साल 2001 के राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार (बेहतरीन समीक्षक श्रेणी) के विजेता विनोद अनुपम का जिनके मुताबिक भोजपुरी में फ़िल्म बनाने वाले लोग भोजपुरी संस्कृति और समाज को बिल्कुल नहीं समझते। असल में भोजपुरी सिनेमा कहीं से भी भोजपुरी के उद्देश्यों को पोषित नहीं करता। क्षेत्रीय कला और साहित्य के निहित उद्देश्यों से इतर भोजपुरी सिनेमा का मूल उद्देश्य आर्थिक फायदे तक सीमित रह गया है। भोजपुरी सिनेमा अश्लीलता और फूहड़ता दर्शाकर अशिक्षित दर्शक वर्ग की सेक्स कुंठा की मांग पूरी करता है।
भोजपुरी सिनेमा की शुरुआती फिल्में आज की तुलना में काफ़ी अलग थी। ऐसा समाज जिसकी अभिव्यक्ति भिखारी ठाकुर के नाटकों और शारदा सिन्हा के गीतों से होती थी, आज वह सिनेमा में लगभग हर मायने में बदल गया है। इसमें एक ढर्रे के तहत बॉडी शेमिंग, ट्रांस समुदाय को उपेक्षित करना और औरतों के शरीर को हद से ज़्यादा ऑब्जेक्टिफाई करना सामान्य हो गया है।
भोजपुरी समाज और फिल्में
भोजपुरी हिंदी की उपभाषा है। यह अपने शब्दों के लिए हिंदी और संस्कृत पर निर्भर है। हालांकि इसे भाषा के रूप में प्रयोग करने वाला एक बड़ा समूह है। भारत में लगभग 3.3 करोड़ लोग भोजपुरी बोलते हैं और विश्व के अलग-अलग देशों में भी रोज़गार की तलाश में गए या उपनिवेशवाद के समय दूसरे देशों में भेजे गए मजदूरों की नई पीढ़ियां भी यह भाषा समझती हैं। इसलिए भोजपुरी सिनेमा के पास एक बड़ा दर्शक वर्ग है। यह बड़ा समूह तमाम कुरीतियों और रूढ़ियों का ग्राउंड ज़ीरो है। दरअसल, भोजपुरी दर्शक वर्ग जिस क्षेत्र से आता है वहां सामाजिक सुधार कार्यक्रमों से भी कोई बड़ा परिवर्तन नहीं आया है। यहां की अधिकतर जनता अशिक्षित है। राजनीति में धर्म और उच्च जाति का प्रभुत्व है। महिलाएं अभी भी घूंघट काढ़े चारदीवारी में सेवा करते हुए अपने कर्तव्य निभा रही हैं।
इस उत्तर-आधुनिक दौर में यहां एक बड़े सामाजिक आंदोलन की आवश्यकता है जो कला आदि के माध्यम से लाया जाना चाहिए था। लेकिन, पृष्ठभूमि की सच्चाई यह है कि क्षेत्रीय सिनेमा अपने आप में ख़ुद जातिवाद, पितृसत्ता और शोषण की नींव रखता नज़र आता है। भोजपुरी फिल्मों के माध्यम से अपने शोषणात्मक रवैये को वैधता देने की कोशिश करता है। यहां क्लीशे कहानियां प्रस्तुत की जाती हैं जिनमें उच्च वर्गीय जमींदार ‘ठाकुर’ होता है और किसी अन्य ‘ठाकुर’ से उसकी दुश्मनी होती है। बदलते समय के साथ भोजपुरी सिनेमा अधिक ‘रिजिड’ ही हुआ है, उसमें प्रगतिशीलता का लेशमात्र भी नहीं मिलता।
भोजपुरी फिल्मों के माध्यम से अपने शोषणात्मक रवैये को वैधता देने की कोशिश करता है।
सिनेमा की भूमिका
सिनेमा समाज का आईना है और समाज को सिनेमा से बहुत कुछ सीखना चाहिए। असल में, सिनेमा, समाज और साहित्य एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। सिनेमा की विधा अपने भीतर तमाम दूसरी विधाओं को शामिल करते हुए एक बड़े दर्शक वर्ग तक पहुंचती है। इसलिए वैचारिक संचार में इसका महत्व अधिक है। फिल्में असल में केवल मनोरंजन का माध्यम नहीं हैं। उनमें एक निहित उद्देश्य होता है, समाज के उत्थान व बेहतरी का उद्देश्य। भारत के मुख्य सिनेमा बॉलीवुड को देखें तो उसमें सत्यजीत रे, बलराज साहनी, देविका रानी जैसे प्रमुख नाम हैं जिन्होंने नए सिरे से सिनेमा को गढ़ा। उसे मनोरंजन मात्र का उद्देश्य और सामाजिक शोषण को वैधता देने वाला माध्यम न बनाकर सामाजिक परिवर्तन की नींव रखने वाला माध्यम बनाया।
ऐसा बदलाव भोजपुरी सिनेमा में नहीं हुआ। भोजपुरी सिनेमा का शुरुआती दौर साल 1963- ‘गंगा मईया तोहके पियरी चढ़ईबै’ में धार्मिक रहा, बाद में 1990 के बाद ये पूरी तरह कमर्शिअल सिनेमा हो गया जिसमें सामाजिक पितृसत्ता के कारण स्त्री देह का बाज़ारीकरण किया गया। जब यह धार्मिक था, तब भी स्त्रियों पर धर्म के नियम और कानून थोपकर उनका शोषण करता था। आज भोजपुरी सिनेमा में धड़ल्ले से स्त्री शरीर को निशाना बनाते हुए गाने बन रहे हैं, जिन्होंने स्त्री की परिभाषा वस्तु होने भर तक सीमित कर दी है। स्त्री के अंगों, वस्त्रों और उसकी मुद्राओं को इस तरह दिखाया जा रहा है, जिससे यह नैरेटिव सिद्ध हो कि तथाकथित वस्त्र अथवा मुद्रा ‘अपीलिंग’ होती है। यही कारण है कि आज भी ग्रामीण क्षेत्रों में लड़कियों के साथ यौन हिंसा और बलात्कार के लिए लड़कियों को ही दोषी ठहरा दिया जाता है।
यौनिकता और भोजपुरी सिनेमा
सामंतवादी दौर के बाद धर्म अधिक शक्तिशाली हुआ जिससे दिन-प्रतिदिन के जीवन में उसकी पैठ बनी। तमाम धार्मिक ग्रन्थों के आचारों और नियमों के माध्यम से स्त्री को हाशिए पर ढकेल दिया गया। धर्म स्त्री को माया और वासना के रूप में दर्शाते हुए उसे संतों और समाज कल्याण के इच्छुकों के लिए सदैव श्राप बताता आया है। धार्मिक कथाओं में अक्सर दर्शाया जाता है कि अप्सराएं ऋषियों का ध्यान भंग करने आती थीं यानी एक मापदंड बना दिया गया, जिसके अनुसार सेक्स की इच्छा को हमेशा बुरी चीज़ मानकर प्रसारित किया गया।
आज भी परिवार इसपर बात नहीं करते और यह ‘गन्दी बात’ मानी जाती है। बढ़ती उम्र के साथ व्यक्ति हार्मोन्स के कारण सेक्स की इच्छा तो महसूस करता है लेकिन तथाकथित सभ्य होने की परिभाषा के कारण वह इसे ज़ाहिर नहीं कर पाता, नतीजतन वह इच्छा कुंठा बनकर उभरती है। दरअसल, यह समाज स्त्री के शरीर को नहीं जानता, वह एक औरत के शरीर को अपने शरीर की तरह सहजता से नहीं स्वीकार करता है। रोक-टोक के कारण किसी भी स्त्री से बात तक नहीं कर पाने के कार उस शरीर के प्रति आकर्षण और उसे भेदने की इच्छा और तीव्र होती है। यही कारण है कि अशिक्षित ग्रामीण भोजपुरी समाज में इतनी तेज़ी से खेसारी लाल यादव और रितेश के अश्लील और औरतों के शरीर पर टिके गाने इतने पसंद किए जाते हैं।
भोजपुरी समाज अभी भी रूढ़ियों और कुरीतियों से जूझ रहा है। इन क्षेत्रों में धर्म और जाति अभी भी सबसे महत्वपूर्ण मसले हैं। स्त्रियां हाशिए पर हैं और पितृसत्ता चरम पर है, धर्म जीवन का अभिन्न अंग है। यहां फ़िल्म के महत्वपूर्ण तकनीशियन और कारीगर पुरुष हैं। फ़िल्म निर्माता पुरुष हैं इसलिए वे पुरुषों के चश्मे से ही फिल्में बनाते हैं। दर्शक वर्ग भी पुरुष है। इसलिए पूरी फिल्म इस उद्देश्य से बनती है कि उक्त समूह को आकर्षित कर बड़ी हिट हो जाए। भोजपुरी सिनेमा में जो कुछ फिल्में अश्लील नहीं भी होती वे भी पितृसत्ता को ढोती दिखती हैं। उनके माध्यम से पत्नी, बहन और बेटी के रूप में आदर्श स्वरूप गढ़े जाते हैं जिनके जीवन का मूल उद्देश्य पिता, पति और भाई के ‘सम्मान’ के लिए अपना जीवन न्योछावर करना होता है।
इन फिल्मों में अधिकतर ‘ठाकुर’, ‘ब्राह्मण’ और ‘यादव’ जातियों को दिखाया जाता है जो सीधे तौर पर अन्य जातियों को कमतर आंकने और समाज में उनकी मौजूदगी को नकारती मालूम पड़ती हैं। यहां की अमिनेत्रियों और गायिकाओं को बोलने तक की स्वायत्तता नहीं होती। रोजगार की कमी के कारण लगातार नए लोग आ रहे हैं और वे किसी भी समय प्रतिस्थापित की जा सकती हैं, यह डर उन महिलाओं को अपनी राय रखने का पूरा मौका नहीं देता। हाल ही में एक प्रसिद्द भोजपुरी अभिनेत्री ‘रानी चटर्जी’ ने यह बात ट्विटर पर शेयर करते हुए कहा कि महिलाएं बोल नहीं सकती क्योंकि फिल्म से उन्हें हटाकर दूसरे लोगों को रख दिया जाएगा।
भोजपुरी सिनेमा जिस समाज का नेतृत्व कर रहा है उसमें बहुत सारे बदलाव किए जाने की आवश्यकता है। ऐसे में अगर सिनेमा भी उसी पितृसत्ता और स्त्री-द्वेष को पोषित करेगा तो संपूर्ण बदलाव के लिए दूसरे अवसर खोजने होंगे। यह अवसर भोजपुरी साहित्य को मिले। साथ ही, पढ़े-लिखे लोगों को इन समस्याओं को समझने की ज़रूरत है। इन क्षेत्रों में जाकर व्यापक सुधार करने और कुंठाओं को तोड़ने की आवश्यकता है। इसमें महिलाओं को आगे बढ़ना होगा और तमाम रूढ़ियों को खत्म करना होगा। ये गाने और फिल्में सेंसर किए जाने चाहिए क्योंकि ये कम पढ़े लिखे युवाओं को वो सब करने के लिए उकसा रहे, जिसमें महिला को इंसान नहीं समझा जाता, उसकी राय नहीं ली जाती, न ही उसकी भावनाओं का कोई मोल होता है।
(यह लेख पहले फेमिनिज्मइनइंडियाडॉटकॉम पर प्रकाशित हुआ है।)
मुंबई, 14 अगस्त (आईएएनएस)। प्रोडक्शन कंपनी प्लेनेट मराठी के मुख्य प्रबंध निदेशक (सीएमडी) अक्षय बर्दापुर्कर और चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर (सीओओ) आदित्य ओके ने इस ओटीटी प्लेटफॉर्म पर चुनिंदा फिल्में देखने के लिए 'पे-पर-व्यू' प्रारूप टिकट विंडो शुरू करने की घोषणा की है। बर्दापुर्कर और ओके ने कहा, "हम प्लेनेट मराठी ओटीटी के दायरे में आने वाले 'पे-पर-व्यू' मॉडल की शुरुआत कर रहे हैं। इसका मतलब है कि इस टिकट विंडो के माध्यम से हमारे दर्शक अपने लिए ऑनलाइन टिकट खरीद सकेंगे और अपनी पसंदीदा फिल्म को एक बार के शुल्क पर ऑनलाइन देख सकेंगे!"
उन्होंने पुष्टि की कि इस सेगमेंट का नाम प्लेनेट मराठी डिजिटल थियेटर है, जो दर्शकों के लिए सितंबर 2020 के पहले सप्ताह से उपलब्ध होगा।
अपने प्रोजेक्ट के बारे में बर्दापुर्कर ने कहा, "महाराष्ट्र फिल्म निकाय ने हाल ही में एक प्रेस रिलीज में प्रोड्यूसर्स को कोविड-19 प्रभाव के कारण अपनी फिल्मों को डिजिटल रूप से रिलीज करने की घोषणा की। प्रोड्यूसर्स को नुकसान का सामना करना पड़ रहा है और यह स्वाभाविक भी है।"
अहाना भट्टाचार्य
मुंबई, 14 अगस्त (आईएएनएस)| इंस्टाग्राम पर एक असत्यापित अकाउंट के माध्यम से पिछले कुछ दिनों से सुशांत सिंह राजपूत के परिवार को निशाना बनाते हुए पोस्ट शेयर किया जा रहा है। यह अकाउंट दिवंगत अभिनेता की प्रेमिका रिया चक्रवर्ती के लिए न्याय मांगने के लिए लड़ने का दावा करता है। हालांकि अभिनेत्री के वकील ने रिया का उस अकाउंट से संबंधित होने की बात खारिज कर दी है।
इस इंस्टाग्राम अकाउंट का संचालन सुहृता सेनगुप्ता (78) नाम के साथ किया जा रहा है, जिसके हर पोस्ट में हैशटैगजस्टिसफॉररिया टैग किया रहता है। प्रोफाइल के विवरण में लिखा है, "सुहृता सेनगुप्ता, नारीवादी लेखिका, गौरवान्वित बंगाली हैशटैगउत्पीड़नरोको।"
अकाउंट में सुशांत के पिता के.के. सिंह, उनकी बहनों श्वेता सिंह कीर्ति और मीतू सिंह की तस्वीरें पोस्ट की गई हैं और उन्हें गालियां देते हुए उन पर निशाना साधा गया है और बेहद गंदी भाषा का इस्तेमाल किया गया है।
जब आईएएनएस ने रिया चक्रवर्ती के वकील सतीश मानशिंदे से संपर्क किया, तो उन्होंने बताया कि उनके मुवक्किल का उस इंस्टाग्राम प्रोफाइल से कोई संबंध नहीं है। उन्होंने यह भी दावा किया कि अकाउंट फर्जी है।
मानशिंदे ने आईएएनएस को दिए अपने बयान में कहा, "ज्यादातर अकाउंट नकली हैं, वे मेरे मुवक्किल के संज्ञान में भी नहीं हैं।"
सुहृता सेनगुप्ता द्वारा किए गए असत्यापित अकाउंट पोस्ट के कुछ उदाहरण :
एक पोस्ट में लिखा है, "हालांकि यह साबित हो चुका है कि सुशांत एक पागल इंसान था, जो गहरे अवसाद से गुजर रहा था और हो सकता है कि उसका दिशा सालियन के साथ गुप्त रिश्ता भी होगा। सुशांत ने उसका उत्पीड़न कर कहीं उसे गर्भवती कर दिया हो और दिशा के पास खुद को मारने के अलावा कोई चारा नहीं रहा हो? जो भी हो, उसने अपनी मानसिक बीमारी के कारण खुद को लटका लिया। दुनिया से एक गंदगी खत्म हुई। हैशटैगजस्टिसफॉररिया हैशटैगरियाबेकसूरहै हैशटैगदिशा हैशटैगसड़क2 हैशटैगआलियाभट्ट हैशटैगमहेशभट्ट।"
वहीं, एक अन्य पोस्ट में सुशांत की बहन श्वेता की तस्वीर साझा करते हुए लिखा था, "अभी जब ये सीबीआई जांच की मांग कर रही है तो कितनी मासूम नजर आ रही है। जब उसका भाई बाइपोलर डिसऑर्डर से लड़ रहा था और अवसाद में था, तब वो कहां थी? उस समय सिर्फ रिया उसे डॉक्टरों के पास ले जा रही थी। इस तरह की बेशर्म और गिरी हुईं महिलाएं शॉपिंग और मजे करने में व्यस्त थी। यहां नाटक मत करो, हम देख सकते हैं कि क्या हुआ है।"
एक अन्य पोस्ट में लिखा था, "अपने मानसिक रूप से बीमार भाई की देखभाल करने के लिए रिया का आभारी रहो। पटना के गरीब सड़क छाप बेशर्म लोग चार पैसे क्या आ गए, अपनी औकात भूल गए।"
इसी तरह के अपमानजनक पोस्ट सुशांत के पिता के बारे में भी हैं।
वहीं रिया को लेकर पोस्ट में लिखा है, "भारत की बेटी, जिसने सच्चे मूल्यों का प्रतिनिधित्व किया और भारतीय परंपरा, संस्कार का उदाहरण दिया, रिया चक्रवर्ती का पालन-पोषण कठिन परिस्थितियों में हुआ है और माता रानी उस निर्दोष बच्ची की सुरक्षा करें। जय मां काली।"
नई दिल्ली, 10 अगस्त (आईएएनएस)| दिवंगत बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत मामले में रिया चक्रवर्ती ने सुप्रीम कोर्ट में नई याचिका दायर की है। इसमें रिया ने कहा है कि मामले में उसका गलत तरीके से मीडिया ट्रायल चलाया जा रहा है और उसे सुशांत की मौत का दोषी ठहराया जा रहा है। रिया ने शीर्ष अदालत से यह सुनिश्चित करने का भी आग्रह किया कि उसे इस साल के अंत में होने वाले बिहार चुनावों के मद्देनजर राजनीतिक एजेंडे के तहत बलि का बकरा न बनाया जाए।
याचिका में कहा गया है कि बिहार पुलिस द्वारा सीबीआई को जांच स्थानांतरित करना गैरकानूनी है। हालांकि, याचिकाकर्ता ने दोहराया कि अगर अदालत ने इस मामले को सीबीआई को भेजा, तो भी उसे कोई आपत्ति नहीं है, मगर कानूनी तौर पर अधिकार क्षेत्र मुंबई में अदालतों के पास रहना चाहिए, न कि पटना में।
रिया ने दलील दी कि अभिनेता आशुतोष भाकरे और समीर शर्मा ने भी पिछले 30 दिनों में सुशांत की तरह आत्महत्या कर ली थी, लेकिन इन दोनों मामलों के बारे में मीडिया में कानाफूसी भी नहीं हुई।
मामले पर सुनवाई मंगलवार के लिए सूचीबद्ध है। इससे पहले, रिया ने शीर्ष अदालत का रुख किया था, ताकि उनके खिलाफ दर्ज मामला पटना से मुंबई स्थानांतरित किया जा सके।
रिया द्वारा दायर अतिरिक्त हलफनामे में कहा गया है, अभिनेता आशुतोष भाकरे (32) और समीर शर्मा (44) ने भी कथित तौर पर पिछले 30 दिनों में आत्महत्या कर ली थी, लेकिन सत्ता के गलियारों में इन मामलों के बारे में कानाफूसी भी नहीं हुई है।
रिया ने बिहार पर चुनाव के मद्देनजर राजनीति का आरोप लगाया और साथ ही सुशांत मामले में प्रदेश के मुख्यमंत्री को पटना में प्राथमिकी दर्ज करने के लिए जिम्मेदार ठहराया।
उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य से सुशांत सिंह राजपूत की मृत्यु की दुखद घटना बिहार में चुनाव के मद्देनजर उठाई जा रही है और इस मुद्दे को मीडिया में अनुपात से बाहर उठाया जा रहा है।
रिया ने यह भी कहा कि मीडिया चैनल सभी गवाहों की जांच और जिरह कर रहे हैं। याचिकाकर्ता को पहले से ही मीडिया द्वारा दोषी ठहराया गया है और सुशांत सिंह राजपूत की मृत्यु में फोल-प्ले की स्थापना की गई है।
हलफनामें में कहा गया है कि रिया के अधिकारों का चरम आघात और उनकी निजता का उल्लंघन किया जा रहा है।
रिया ने शीर्ष अदालत से यह भी कहा कि उन्हें राजनीतिक एजेंडे का बलि का बकरा बनाने के बजाए सुरक्षा दी जानी चाहिए।
आनंद सिंह
मुंबई, 14 अगस्त (आईएएनएस)| सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच कर रही प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को दिवंगत बॉलीवुड अभिनेता के खातों से उनकी प्रेमिका रिया चक्रवर्ती के बैंक खाते में कोई बड़ा लेनदेन नहीं मिला है।
जांच से जुड़े एक ईडी सूत्र ने हालांकि कहा है कि एजेंसी ने पाया है कि सुशांत के खाते से 15 करोड़ रुपये का लेन-देन किया गया था। यही आरोप उनके पिता के.के. सिंह ने भी लगाया था कि सुशांत के बैंक खाते से रुपये ट्रांसफर किए गए हैं।
सूत्र ने यह भी कहा कि एजेंसी यह पता लगाने की भी कोशिश करेगी कि सुशांत के अलावा उनके डेबिट कार्ड, इंटरनेट बैंकिंग, क्रेडिट कार्ड और अन्य वित्तीय लेनदेन का उपयोग कौन कर रहा था।
उन्होंने कहा, "हम सुशांत के खाते से दूसरे खातों में पैसे की आवाजाही और इसका उद्देश्य पता लगाने के लिए लेनदेन को खंगाल रहे हैं।"
एजेंसी ने कहा कि सुशांत के बैंक खाते के माध्यम से किए गए भुगतान के तरीके का अध्ययन करने के लिए एजेंसी सभी बैंकिंग लेनदेन विवरण एकत्र कर रही है।
सूत्र ने यह भी बताया कि 15 करोड़ रुपये में से, लगभग 2.7 करोड़ रुपये का भुगतान दिवंगत अभिनेता द्वारा करों के रूप में किया गया था।
जांच से जुड़े एक अन्य ईडी सूत्र ने यह भी बताया कि सुशांत और रिया, जो एक दूसरे के साथ रिश्ते में थे, उनके बीच कोई बड़ा लेनदेन सामने नहीं आया है।
ईडी, जिसने 31 जुलाई को मनी लॉन्ड्रिंग (धन शोधन) जांच का जिम्मा संभाला था, इस बात की भी छानबीन कर रही है कि रिया और उनके भाई शोविक ने एक साथ मिलकर सुशांत के साथ कंपनियां कैसे बनाईं। रिया विविडरेज रियालिटिक्स कंपनी की निदेशक हैं, जबकि उनका भाई शोविक फ्रंट इंडिया फॉर वल्र्ड फाउंडेशन के निदेशक हैं। सुशांत भी इनके साथ थे।
सूत्र ने कहा कि ईडी सुशांत और भाई-बहनों के बैंक खातों में हर वित्तीय लेनदेन पर काम कर रहा है।
सुशांत के पिता के.के. सिंह ने 25 जुलाई को बिहार पुलिस को अपनी शिकायत में आरोप लगाया कि उनके बेटे के कोटक महिंद्रा बैंक खाते से 15 करोड़ रुपये निकाले गए या स्थानांतरित किए गए, जिसके बाद ईडी ने रिया और उनके परिवार के खिलाफ धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत 31 जुलाई को मामला दर्ज किया।
सिंह ने रिया पर उनके बेटे की मेडिकल रिपोर्ट का मीडिया में खुलासा करने की धमकी देने का भी आरोप लगाया। वहीं सिंह ने दिवंगत अभिनेता को उनके परिवार ने दूर रखने का आरोप भी रिया पर लगाया।
सीबीआई ने सात अगस्त को बिहार पुलिस से सुशांत की 14 जून को हुई मौत की जांच का जिम्मा संभाला था। एजेंसी ने रिया और उनके परिवार के सदस्यों सहित छह लोगों को नामजद किया।
ईडी ने अब तक रिया, शोविक, उनके पिता इंद्रजीत, सुशांत के चार्टर्ड अकाउंटेंट संदीप श्रीधर, हाउस मैनेजर सैमुअल मिरांडा, फ्लैटमेट सिद्धार्थ पिठानी, रिया के सीए रितेश शाह और सुशांत की बहन मीतू सिंह के बयान दर्ज किए हैं।
ईडी ने गुरुवार को एक सेलिब्रिटी प्रतिभा प्रबंधक (टैलेंट मैनेजर) जयंती साहा से पूछताछ की थी, जिन्होंने पहले सुशांत के खाते को संभाला था।
वहीं शुक्रवार को दिवंगत अभिनेता के निजी कर्मचारी, जिसमें उनके रसोइए और बॉडी गार्ड शामिल थे, वित्तीय जांच एजेंसी के कार्यालय में पूछताछ के लिए पहुंचे।
मुंबई, 14 अगस्त (वार्ता)। बॉलीवुड फिल्मकार अनुभव सिन्हा ऑस्ट्रेलियाई हॉरर फिल्म ‘ब्लैक वॉटर’ का रीमेक बना सकते हैं।
‘आर्टिकल 15’ और ‘मुल्क’ जैसी फिल्में बना चुके अनुभव सिन्हा इन दिनों ऑस्ट्रेलियाई हॉरर फिल्म‘ब्लैक वॉटर’ से संबंधित फिल्म की स्क्रिप्ट पर काम कर रहे हैं। हाल ही में अनुभव के एक फैन ने उन्हें ट््िवटर पर टैग करते हुए लिखा, सर कल मैंने ब्लैक वॉटर देखी। मुझे यकीन है कि पर्यावरण पर आधारित इस तरह की फिल्म का भारत में लंबे समय से इंतजार है। मेरे हिसाब से इस तरह के मुद्दे के लिए आपसे बेहतर कोई दूसरा फिल्ममेकर नहीं हो सकता है। जवाब में अनुभव सिन्हा ने लिखा, काम चालू है। धन्यवाद।
गौरतलब है कि फिल्म‘ब्लैक वॉटर’ ऑस्ट्रेलिया में एक गर्भवती महिला और उसके परिवार पर मगरमच्छों द्वारा किए गए हमले की सच्ची घटना पर आधारित है। अनुभव इन दिनों कोविड-19 पर एंथोलॉजी फिल्म बना रहे हैं। इस फ़ल्मि में अनुभव सिन्हा को हंसल मेहता, सुधीर मिश्रा, केतन मेहता और सुभाष कपूर जैसे निर्देशक का सहयोग मिल रहा है।