राष्ट्रीय
पटना, 26 अगस्त। बिहार में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) में सबकुछ ठीकठाक नहीं चल रहा है। एक ओर जहां राजद के वरिष्ठ नेता रघुवंश प्रसाद सिंह पूर्व सांसद रामा सिंह के पार्टी में प्रवेश की सुगबुहाट के बीच पहले से ही नाराज बताए जा रहे हैं, वहीं बुधवार को रामा सिंह ने रघुवंश सिंह पर 'नकारात्मक राजनीति' करने का आरोप लगा दिया। इधर, पूर्व मंत्री तेजप्रताप भी रघुवंश प्रसाद सिंह के पार्टी छोड़ने की चर्चा के बीच पार्टी को समुद्र कहते हुए सिंह को 'एक लोटा पानी' बता दिया। इस बीच, तेजप्रताप बुधवार को अपने पिता लालू प्रसाद से मिलने रांची रवाना हो गए। राजद के सूत्रों के मुताबिक, तेजप्रताप अपनी महुआ सीट को छोड़कर हसनपुर से लड़ने को लेकर लालू प्रसाद से भेंट करने गए हैं। इधर, सूत्र यह भी कहते हैं कि रघुवंश प्रसाद सिंह के खिलाफ तेजप्रताप के दिए गए बयान से लालू प्रसाद नाराज बताए जा रहे हैं और इसी को लेकर उन्हें रांची बुलाया गया है।
रांची रवाना होने के पहले तेजप्रताप ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा, लालू जी के स्वास्थ्य का हाल लेने रांची जा रहा हूं। पार्टी की रणनीति बनाने के लिए हम और तेजस्वी जी लगातार चर्चा करते हैं।"
उन्होंने रघुवंश प्रसाद सिंह को चाचा बताते हुए कहा कि सब लोग साथ में हैं। रघुवंश प्रसाद अभी बीमार हैं। पिता लालू की नाराजगी पर तेजप्रताप ने कहा कि यह अफ वाह मीडिया द्वारा फैलाया गया है।
इधर, लोजपा से सांसद रह चुकी रामा सिंह राजद की सदस्यता को लेकर इंतजार में हैं। उन्होंने बुधवार को कहा, पार्टी किसी की जागीर नहीं होती है और पार्टी से ऊ पर कोई नहीं होता है। हमने कुछ दिन पहले राजद में शामिल होने की अर्जी लगाई थी जिसके बाद मुझे इसकी अनुमति मिल गई। कौन मेरे आने का विरोध करता है इसको लेकर मुझे कुछ ज्यादा नहीं कहना है।
उन्होंने कहा कि रघुवंश प्रसाद सिंह प्रारंभ से ही नकारात्मक राजनीति करते हैं।
इस बीच रामा सिंह के इस बयान के बाद तय माना जा रहा है कि रघुवंश प्रसाद सिंह की नाराजगी और बढेगी। सिंह फि लहाल दिल्ली में हैं और स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं। सिंह कुछ दिन पूर्व कोरोना संक्रमित हुए थे।
सूत्र कहते हैं कि लालू प्रसाद खुद रघुवंश प्रसाद सिंह की नाराजगी दूर करने में जुटे हैं। लालू चारा घोटाले के मामले में फिलहाल रांची में सजा काट रहे हैं। उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों रामा सिंह के राजद की सदस्यता ग्रहण करने की खबरों के मीडिया में आने के बाद रघुवंश प्रसाद सिंह ने पार्टी के सभी पदों से इस्तीफो दे दिया था।
गौरतलब है कि तेजप्रताप ने दो दिन पहले एक प्रश्न के उत्तर में कहा था कि राजद एक समुद्र है। रघंवुश प्रसाद सिंह एक लोटा (एक प्रकार का बर्तन) पानी की तरह है, जिससे निकल जाने से समुद्र पर कोई फ र्क नहीं पड़ता।
इधर, सूत्रों का कहना है कि पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह की नाराजगी दूर करने में राजद सफ ल नहीं होता है, तो वे जदयू का दामन भी थाम सकते हैं।(IANS)
नई दिल्ली, 26 अगस्त। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद की गुरुवार को बैठक होने जा रही है जिसमें केद्र सरकार द्वारा राज्यों को जीएसटी मुआवजा देने पर विचार-विमर्श होगा। यह बात बैठक के एजेंडा की जानकारी रखने वाले एक अधिकारी ने कही। यह बैठक पहले जुलाई में ही होने वाली थी। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कोरोना काल में जून में जीएसटी की बैठक के बाद इसकी घोषणा भी की थी।
अधिकारी ने बताया, परिषद का सिंगल प्वाइंट एजेंडा जीएसटी के मुआवजे पर विचार-विमर्श है। जीएसटी की दरों या उपकर की संरचना में किसी भी प्रकार का बदलाव का मसला भी इस बात से जुड़ा होगा कि राज्यों को किस प्रकार समय से मुआवजे का भुगतान हो।
कोरोना महामारी की रोकथाम को लेकर किए गए देशव्यापी लॉकडाउन और उससे देशभर में आर्थिक गतिविधियों के प्रभावित होने के चलते जीएसटी संग्रह में भारी कमी आई है। इसलिए केंद्र सरकार के पास एक विकल्प यह है कि वह अपनी उधारी का एक हिस्से का उपयोग राज्यों को जीएसटी मुआवजे के भुगतान के रूप में कर सकती है।
मार्च के बाद राज्यों को मुआवजे का भुगतान नहीं किया गया है। यहां तक कि मार्च के मुआवजे के भुगतान में भी विलंब हुआ और जुलाई के आखिर में ही भुगतान हो पाया।
केंद्र सरकार ने इस मसले पर कानूनी राय भी मांगी थी जिसमें सुझाव दिया गया था कि केंद्र पर राज्यों को जीएसटी मुआवजे में कमी का भुगतान करने का कोई दायित्व नहीं है, बलिक जीएसटी परिषद पर्याप्त राशि की व्यवस्था करके वस्तु एवं सेवा कर मुआवजा कोष में कमी को पूरा करने का निर्णय ले सकती है।
सूत्रों ने बताया कि न्यायविदों के सुझाव के अनुसार, जीएसटी परिषद केंद्र को मुआवजा कोष से राज्यों को उधारी लेने की अनुमति देने की सिफारिश कर सकती है।
हालांकि संविधान के अनुच्छेद 293 (3) के तहत इस मामले में आखिरी फैसला केंद्र सरकार को लेना होगा।(IANS)
नई दिल्ली, 26 अगस्त। दिल्ली बाल अधिकार संरक्षण आयोग (डीसीपीसीआर) ने दिल्ली के आर के पुरम में पुलिस द्वारा एक किशोर की पिटाई करने के वायरल वीडियो का संज्ञान लिया है। इस मामले में दो पुलिसकर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया गया है। डीसीपीआर ने कहा, एसएचओ आरके पुरम पुलिस को नोटिस जारी किया गया है, जिसमें वीडियो में दिख रहे दोनों पुलिसकर्मियों की पहचान करने और आईपीसी की धारा 166, 321, 322 और धारा 75, जेजे एक्ट, 2015 के तहत उनके खिलाफ केस दर्ज करने का निर्देश दिया है।
दिल्ली सरकार के मुताबिक सरकारी अधिकारियों द्वारा इस तरह का कार्य भारत के संविधान की भावना के खिलाफ है और बच्चों के मौलिक अधिकारों का हनन है।
दिल्ली बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने ट्विटर पर प्रकाशित एक स्टोरी का संज्ञान लेते हुए यह निर्देश दिया। डीसीपीसीआर ने कहा, ट्विटर पर संलग्न किए गए इस वीडियो से पता चला है कि आरके पुरम एरिया में एक पुलिसकर्मी द्वारा एक किशोर के साथ मारपीट की गई है और पूरे घटनाक्रम को एक अन्य पुलिसकर्मी खड़ा देख रहा है। कथित तौर पर लड़का भोजन की तलाश में देर रात सड़क पर भटक रहा था।
आयोग ने पुलिस अधिकारियों की इस तरह की मनमानी और उदासीनता की कड़ी निंदा की है। डीसीपीसीआर ने एसएचओ आरके पुरम को एक नोटिस जारी किया है, जिसमें इस घटना में शामिल दोनों अधिकारियों की पहचान करने का निर्देश दिया गया है। किसी लोक सेवक द्वारा नियमों की अवहेलना करने के आरोप में उन पुलिस कर्मियों पर आईपीसी की धारा-166 के तहत केस दर्ज करने के लिए भी कहा गया है। साथ ही, किसी को चोट पहुंचाने के लिए आईपीसी की धारा 321, 322 (स्वेच्छा से गंभीर रूप से आहत) और किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम, 2015 की धारा 75, बच्चे को क्रूरता के लिए दंड से संबंधित धारा भी शामिल करने का निर्देश दिया गया है।
डीसीपीसीआर ने आधिकारिक बयान जारी करते हुए कहा, सरकारी अधिकारियों द्वारा इस तरह के कृत्य भारत के संविधान की भावना के खिलाफ हैं और बच्चों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करते हैं, क्योंकि संविधान का अनुच्छेद 21 सभी व्यक्तियों को सम्मान के साथ जीवन जीने का अधिकार देता है। इस तरह की हरकतें पुलिस बल की छवि को धूमिल करती हैं। आयोग इस मामले को आगे बढ़ाएगा और न्याय दिलाएगा।(IANS)
नई दिल्ली, 26 अगस्त। देशभर के जिन लोगों को मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं की तलाश है, वे गुरुवार से 'किरण' के माध्यम से इस सुविधा का लाभ उठा सकते हैं। यह एक फ्री हेल्पलाइन है, जिसे केंद्र सरकार द्वारा शुरू किया गया है। सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय व इसके सहयोगियों द्वारा तैयार हेल्पलाइन 1800-599-0019 का मकसद शुरुआती जांच, प्राथमिक उपचार, मनोवैज्ञानिक समर्थन, तनाव प्रबंधन, मानसिक स्वास्थ्य की बेहतरी, विचलित व्यवहार के रोकथाम और मनोवैज्ञानिक क्षेत्र में संकट प्रबंधन को उपलब्ध कराना है।
मानसिक स्वास्थ्य पुनर्सुधार संबंधी सेवाएं उपलब्ध कराने के साथ ही हेल्पलाइन का उद्देश्य तनाव, चिंता, डिप्रेशन, पैनिक अटैक, एडजस्टमेंट डिस्ऑर्डर, पोस्ट ट्रॉमैटिक स्ट्रेस डिस्ऑर्डर, सब्सटेंस एब्यूज, सुसाइडल थॉट्स, महामारी के चलते पैदा हुए मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी आपातकालीन सेवाएं उपलब्ध कराना है।
यह हेल्पलाइन 13 भाषाओं में किसी भी एक व्यक्ति, परिवार, एनजीओ, डीपीओ, अभिभावक संघ, प्रोफेशनल एसोसिएशन, पुनर्वास केंद्र, अस्पतालों के साथ ही साथ लद्दाख, जम्मू व कश्मीर, आठ उत्तर-पूर्वी राज्य, अंडमान और निकोबार द्वीपपुंज और लक्ष्यदीप सहित पूरे देश में जरूरत में पड़े किसी के लिए भी उपलब्ध होगा।
देश के केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत गुरुवार को वर्चुअली 'किरण' को लॉन्च करेंगे। इस दौरान हेल्पलाइन के पोस्ट, ब्रोशर और रिसोर्स बुक भी जारी किए जाएंगे।
प्रति घंटे 300 लोगों को संभालने की क्षमता के साथ 660 वॉलेंटियर्स नैदानिक और पुनर्वास मनोवैज्ञानिक, 668 वॉलेंटियर मनोचिकित्सकों के साथ-साथ 75 विशेषज्ञ हेल्पलाइन के 25 केंद्रों में शामिल किए जाएंगे।(IANS)
शिवपुरी, 26 अगस्त। मध्यप्रदेश के पूर्व मंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के बेटे जयवर्धन सिंह ने कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थामने वाले पूर्व विधायकों पर बड़ा हमला बोला है, और कहा है कि विधायक 35-35 करोड़ में बिके हैं। शिवपुरी में जयवर्धन सिंह ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए बुधवार को आरोप लगाया कि "जो विधायक कांग्रेस छोड़कर गए हैं, उन्होंने 35-35 करोड़ रुपए लिए हैं।"
मप्र के पूर्व कैबिनेट मंत्री जयवर्धन सिंह ने आगे कहा कि, "कांग्रेस को जनता ने पांच साल के लिए जनादेश दिया था, मगर विधायकों के बिक जाने से उपचुनाव हो रहे हैं। कोरोना काल में चुनाव के लिए कांग्रेस से भाजपा में गए तत्कालीन विधायक जिम्मेदार हैं। कोरोना काल में मतदाता को कतार में लगना होगा और इसके लिए कोई और नहीं कांग्रेस छोड़ने वाले विधायक जिम्मेदार हैं।"
कार्यकर्ताओं से पूर्व मंत्री ने कहा अब परिस्थितियां बदल गईं हैं, आप के लिए हम हर समय तैयार हैं।(IANS)
नयी दिल्ली, 26 अगस्त (वार्ता)। देश के नये स्टार्टअप पिक्साहाइव ने फोटोग्राफी के शौकीन लोगों की आय बढ़ाने में सहायता करने और स्वदेशी फोटोग्राफी समुदाय को एकजुट करने की पहल शुरू की है।
पिक्साहाइव के संस्थापक रोहित त्रिपाठी ने यहां जारी एक विज्ञप्ति में कहा, “ पिक्साहाइव से अब तक उन लोगों को सबसे ज्यादा फायदा हुआ है जो फोटोग्राफी शौकिया तौर पर करते हैं क्योंकि ऐसे फोटोग्राफर काफी समय से एक ऐसे प्लेटफॉर्म का इंतजार कर रहे थे जहां वे अपने काम का प्रदर्शन करके अपनी नयी पहचान बना सकें। अन्य पेशेवर वेबसाइट जैसे शटरस्टॉक, 500पीएक्स और ड्रिबल ने फोटोग्राफरों के लिए बहुत कड़े नियम बनाये हैं जिन्हें नये फोटोग्राफरों को पालन करने में बहुत मुश्किल होती है।”
नयी दिल्ली 26 अगस्त (वार्ता)। नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी सितंबर 2020 में बाल अधिकारों पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन करेंगे जिसमें कई नोबेल पुरस्कार विजेता और विश्व नेता भाग लेंगे।
कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन्स फाउंडेशन ने बुधवार को यहां बताया कि आगामी नौ सितंबर और 10 सितंबर को तीसरा ‘लॉरियेट््स एंड लीडर्स फॉर चिल्ड्रेन्स सम्मेलन’ का आयोजन किया जाएगा। कोरोना महामारी के कारण इस बार का सम्मेलन ऑनलाइन होगा। इस शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए बहुत सारे नोबेल पुरस्कार विजेताओं और विश्व नेताओं ने अपनी स्वीकृति दी है।
सम्मेलन में कोरोना महामारी से प्रभावित बच्चों की दशा-दिशा को सुधारने और बच्चों को उनके प्राकृतिक अधिकार देने जैसे मुद्दों पर विचार-विमर्श होगा। इसके अलावा सम्मेलन में बाल श्रम, बाल दासता, मानव तस्करी , शिक्षा, खाद्य असुरक्षा तथा युद्ध और प्राकृतिक आपदा की स्थिति में बच्चों पर विशेष रुप से चर्चा होगी।
श्री सत्यार्थी ने कहा कि यह सम्मेलन विश्व सरकारों को सभी बच्चों के अधिकारों को सुरक्षित करने के लिए आगाह करेगा। कोरोना महामारी के दौरान उन बच्चों पर उन्हें विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए जो समाज के कमजोर वर्ग से और हाशिए पर हैं। यदि इन लाखों बच्चों को नहीं बचा गया तो बाल श्रम, शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र की प्रगति धराशायी हो सकती है।
‘लॉरियेट््स एंड लीडर्स फॉर चिल्ड्रेन्स’ बाल अधिकारों के संरक्षण का एक मंच है जो नोबेल पुरस्कार विजेताओं और विश्व नेताओं को इस मुद्दे पर एकजुट करता है।
नई दिल्ली, 26 अगस्त (आईएएनएस)| चीनी स्मार्टफोन निर्माण कंपनी-विवो ने बुधवार को किफायती स्मार्टफोन विवो वाय20 को एआई ट्रिपल कैमरा सेटअप और 5000एमएएच बैटरी के साथ 12,990 रुपये में भारत में लॉन्च किया। विवो वाय20 को खरीद के लिए 28 अगस्त से ओब्सीडियन ब्लैक और डॉन व्हाइट रंगों में उपलब्ध कराया जाएगा।
विवो इंडिया में ब्रांड रणनीति के निदेशक निपुण मार्या ने एक बयान में कहा, "विवो के नए वाय सीरीज का मकसद उत्पादों की एक ऐसी विस्तृत श्रेणी को नवीनतम फीचर्स के साथ उपलब्ध कराना है जो अलग-अगल प्राइस रेंज में विशेष जरूरतों को पूरा करें।"
स्मार्टफोन को 1600 गुना 720 पिक्सल रेजॉल्यूशन के साथ 6.51 इंच के एचडीप्लस हैलो आईव्यू डिस्प्ले के साथ पेश किया गया है जिसका आस्पेक्ट रेशियो 20:9 है।
यह डिवाइस क्वालकॉम स्नैपड्रैगन 460 प्रोसेसर द्वारा संचालित है जिसमें 4जीबी और 64जीबी का इंटरनल स्टोरेज है। इसमें एक साइड-फिंगरप्रिंट स्कैनर भी है जिसके द्वारा फोन को महज 0.22 सेकेंड में अनलॉक किया जा सकता है।
फोन में 18वॉट के फ्लैशचार्ज तकनीक के साथ 5000एमएएच की एक शक्तिशाली बैटरी दी गई है जो कंपनी के मुताबिक एचडी फिल्म के देखने के साथ 16 घंटे और गेमिंग वगैरह के साथ 11 घंटे तक चलेगी।
डिवाइस में 13एमपी का कैमरा सेटअप है। सेल्फी के लिए आगे की ओर 8एमपी का एक कैमरा भी है।
इसी के साथ कंपनी ने 5000एमएएच की बैटरी, साइड-फिंगरप्रिंट स्कैनर और एआई ट्रिपल मैक्रो कैमरा के साथ 11,490 रुपये में वाय20 आई स्मार्टफोन की भी घोषणा की है।
कंपनी ने बताया कि अपने पार्टनर रिटेल स्टोर्स में 3 सितंबर से इन्हें बिक्री के लिए उपलब्ध कराया जाएगा।
तिरुअनंतपुरम, 26 अगस्त (आईएएनएस)| केरल के मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन पर बड़ा हमला बोलते हुए राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रमेश चेन्निथला ने बुधवार को यहां कहा कि राज्य के सचिवालय में लगी आग गोल्ड स्मगलिंग केस में विजयन को बचाने की साजिश है। इस बीच केरल सरकार ने एडीजी मनोज अब्राहम को आग लगने के कारणों की जांच करने को कहा है। आग मंगलवार को लगी थी और जांच बुधवार को शुरू हो गई।
सचिवालय के बाहर विरोध प्रदर्शन करते हुए चेन्निथला ने विजयन का इस्तीफा मांगा और कहा, "सभी ने कल चीफ सेक्रेटरी विश्वास मेहता को देखा, जब सचिवालय के सामान्य प्रशासन विभाग में आग लगी। वो मीडिया को वहां से भगाने में लगे थे। वो विश्वास मेहता नहीं अविश्वास मेहता हैं। उन्होंने अपनी विश्वसनीयता खो दी है। उनका मुख्य मकसद विजयन को बचाना है।"
बता दें कि सचिवालय में मंगलवार को करीब साढ़े चार बजे आग लगी, जिसके बाद कांग्रेस और भाजपा के कई बड़े नेता यहां पहुंचे।
चेन्निथला ने कहा कि कांग्रेस विधायक वी. एस. शिवकुमार वहां पहुंचे थे, लेकिन पुलिस और दूसरे अधिकारियों ने उन्हें वहां जाने नहीं दिया।
उन्होंने कहा, "जब मैं वहां पहुंचा, तब उन लोगों को एंट्री मिली। बात साफ है कि आग जानबूझ कर लगाई गई। गोल्ड स्मगलिंग केस में एनआईए विजयन के दरवाजे तक पहुंच गई है। हमने राज्यपाल से भी कल मुलाकात की। हमारी मांग है कि एनआईए आग लगने की घटना की भी जांच करे।"
विपक्ष के नेता ने यह भी कहा कि सभी ने सुना कि विजयन के निवास पर लगे सीसीटीवी वज्रपात में तबाह गए। इसके बाद पता चला कि सचिवालय में आग लग गई। सब कुछ संदेहास्पद है। "जब तक हम विजयन को हटा नहीं देते, हम चैन से नहीं बैठेंगे।"
नई दिल्ली, 26 अगस्त (आईएएनएस)| सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को ऋण स्थगन अवधि के दौरान ब्याज पर छूट के बारे में कोई रुख स्पष्ट नहीं करने पर केंद्र सरकार की खिंचाई की। कोर्ट ने अस्थायी निलंबन अवधि के दौरान ऋण पर ब्याज वसूलने वाले वित्तीय संस्थानों के खिलाफ सुनवाई के दौरान ऐसा किया। शीर्ष अदालत ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि केंद्र इस मुद्दे पर भारतीय रिजर्व बैंक के निर्णय की आड़ में छिपा हुआ है, विशेष रूप से तब जब उसके पास आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत पर्याप्त शक्तियां हैं, जहां वह बैंकों को आस्थगित ईएमआई पर ब्याज लेने से रोककर फैसला ले सकता है और ऋण स्थगन अवधि में ब्याज पर छूट दे सकता है।
न्यायाधीशों अशोक भूषण, आर. सुभाष रेड्डी और एम.आर. शाह की पीठ ने केंद्र से कहा कि वह केवल व्यवसाय में दिलचस्पी नहीं ले सकती और लोगों की तकलीफों को अनदेखा नहीं कर सकती है।
याचिकाकर्ता के वकील ने शीर्ष अदालत को सूचित किया कि ऋण स्थगन 31 अगस्त को समाप्त हो रहा है, और 1 सितंबर को, उनका ग्राहक डिफॉल्ट में होगा।
केंद्र का प्रतिनिधित्व कर रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि 6 अगस्त को फैसला लिया गया कि इस मुद्दे पर विभिन्न क्षेत्रों के अनुसार निर्णय किया जाना है।
न्यायाधीश भूषण ने कहा कि इस मुद्दे पर केंद्र को अपना रुख स्पष्ट करना होगा। सॉलिसिटर जनरल ने शीर्ष अदालत को सूचित किया कि केंद्र आरबीआई के साथ मिलकर ऐसे लोगों की मुश्किल दूर करने में लगा है, जिन्होंने कर्ज लिया है।
न्यायाधीश भूषण ने कहा कि मौजूदा परिस्थितियां देशव्यापी लॉकडाउन की दने हैं। न्यायाधीश शाह ने कहा कि यह केवल व्यवसाय के बारे में सोचने का समय नहीं है।
पीठ ने कहा कि केंद्र को हलफनामे पर अपना पक्ष रखना होगा।
शीर्ष अदालत ने मेहता को एक सप्ताह का समय दिया कि वह केंद्र के रुख को स्पष्ट करते हुए एक हलफनामा दायर करें और मामले की आगे की सुनवाई के लिए 1 सितंबर का दिन निर्धारित किया।
कोर्ट ने गजेंद्र शर्मा और अन्य की याचिकाओं के संदर्भ यह सुनवाई की।
कैसर मोहम्मद अली
नई दिल्ली, 26 अगस्त (आईएएनएस)| भारतीय टीम के पूर्व सलामी बल्लेबाज चेतन चौहान का हाल ही में कोविड-19 के कारण निधन हो गया था। उन्होंने हालांकि कभी भी भारतीय टीम की कप्तानी नहीं की थी, लेकिन भारतीय टीम के पूर्व मैनेजर शाहिद अली दुर्रानी को 39 साल पहले लगा था कि चेतन में कप्तानी के गुण हैं।
यह वही दुर्रानी ने जिन्होंने 1980-81 दौरे पर मेलबर्न टेस्ट में हुए विवाद में सुनील गावस्कर द्वारा टीम के मैदान छोड़ने से रोका था।
लखनऊ में रहने वाले 84 साल के दुर्रानी उस आस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड दौरे के पर अपनी रिपोर्ट में चेतन की काफी तारीफ की थी। उस रिपोर्ट की एक प्रति आईएएनएस के पास है। रिटायर्ड एयर फोर्स कैप्टन दुर्रानी आज भी उस रिपोर्ट पर कायम है जिसमें उन्होंने चेतन को विवादों से दूर रहने वाला, विनम्र, समय का पालन करने वाला और टीम बैठकों में अहम योगदान देने वाला बताया था। चेतन उस आस्ट्रेलियाई दौरे पर अच्छी फॉर्म में भी थे और तीन मैचों की टेस्ट सीरीज में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले दूसरे बल्लेबाज थे।
अपनी उस 21 पेजों की रिपोर्ट में दुरार्नी ने सभी 17 खिलाड़ियों के बारे में लिखा था। दुरार्नी ने चेतन के बारे में लिखा था, "यह राजपूत अपनी सीमित बल्लेबाजी काबिलियत में भी शानदार प्रदर्शन करने को लेकर समर्पित है। वह शानदार फील्डर भी हैं और उपयोगी गेंदबाज भी। खेल का अच्छा छात्र। अच्छे कप्तान बनने की काबिलियत।"
चेतन ने हालांकि कभी भी कप्तानी नहीं की चाहे वो महाराष्ट्र से खेले हों या दिल्ली से, भारतीय टीम की कप्तानी की बात ही छोड़ दीजिए।
दुर्रार्नी ने निश्चित तौर पर चेतन के अंदर नेतृत्व क्षमता देखी होगी।
उन्होंने कहा, "मैंने चेतन चौहान को कप्तानी के लायक कुछ चीजों को लेकर बताया था और वो थीं, शांत चित, परिपक्व नजरिया, हाथ में जो काम है उसके प्रति समर्पण, टीम में युवाओं की मदद करने का नजरिया, विवादों से दूर रहने वाला, समय का पालन करने वाला, विनम्र।"
उन्होंने कहा, "चार महीने के उस दौरे में चेतन में यह काबिलियत मुझे साफ तौर पर दिखी थीं और मैंने बीसीसीआई को उस समय जो रिपोर्ट में लिखा था मैं अभी भी उस पर कायम हूं।"
दुर्रार्नी ने बताया कि चेतन का टीम की रणनीति बनाने में योगदान काफी बड़ा रहता था।
उन्होंने कहा, "अहम टीम बैठकों में वह कभी भी चुप नहीं रहते थे। वह पूरे जुनून और जज्बे के साथ इसमें हिस्सा लेते थे। अधिकतर समय में हम विपक्षी टीम की समझ को लेकर उनसे सहमत होते थे। वह खेल के बहुत अच्छे छात्र थे।"
चेतन जब 2017 में उत्तर प्रदेश विधानसभा में पहुंचे तब भी दुर्रार्नी ने उनको बारीकी से फॉलो किया।
उन्होंने कहा, "लखनऊ में मैंने उनके तीन साल के कैबीनेट मंत्री के काम को अखबारों के माध्यम से करीब से देखा। मुझे उनसे मिलने का मौका नहीं मिला, हालांकि इसका कोई निश्चित कारण नहीं है।"
चेतन ने अक्टूबर 1967 में चंदू बोर्डे की कप्तानी में महाराष्ट्र के साथ अपना प्रथम श्रेणी पदार्पण किया था। बोर्डे को याद नहीं कि चेतन ने कभी किसी टीम की कप्तानी की या नहीं।
भारतीय टीम के पूर्व कप्तान ने कहा, "वह बेहद समर्पित और शानदार बल्लेबाज थे। लेकिन मैंने उन्हें महाराष्ट्र की कप्तानी करते हुए नहीं देखा। हो सकता है कि उन्होंने पुणे में अपने कॉलेज टीम कप्तानी की हो। प्रोफेसर कमल भंडारकर ने उन्हें कोचिंग दी थी।"
चेतन ने 1975 में दिल्ली का रूख किया तब बाएं हाथ के स्पिनर बिशन सिंह बेदी दिल्ली के कप्तान थे। बेदी हालांकि दुरार्नी की बात से बचते दिखे।
बेदी ने कहा, "मुझे नहीं लगता कि दुरार्नी ने जो कहा है कि चेतन कप्तानी के काबिल थे, मुझे उसके साथ जाना चाहिए या नहीं। आम बात कहूं तो, अगर किसी में कप्तानी के गुण होते हैं तो वह शुरुआत में ही दिख जाते हैं, 30 साल या उसके बाद नहीं।"
चेतन के दिल्ली आने पर बेदी ने कहा, "उस समय वह वेस्ट जोन की टीम में जाने के लिए संघर्ष कर रहे थे। और उस समय दिल्ली को एक खडूस बल्लेबाज क जरूरत थी, इससे दोनों को फायदा हुआ।"
बेंगलुरू, 26 अगस्त (आईएएनएस)| बेंगलुरू में एक शख्स को फेसबुक पर बेंगलुरू सिटी पुलिस(बीसीपी) का फर्जी अकाउंट बनाने के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया है। एक अधिकारी ने बुधवार को ये जानकारी दी। संयुक्त पुलिस आयुक्त, अपराध संदीप पाटिल ने कहा, "सेंट्रल क्राइम ब्रांच (सीसीबी) की साइबर क्राइम विंग ने एक शख्स को गिरफ्तार किया, जिसने बेंगलुरू सिटी पुलिस के नाम पर फेसबुक पर फर्जी अकाउंट बनाया था।"
बेंगलुरू के मालेश्वरम के एक व्यक्ति पंकज कुमार बचावत (40) को फर्जी सोशल मीडिया अकाउंट बनाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया।
इससे पहले महीने की शुरुआत में, शहर में एक सोशल मीडिया पोस्ट के चलते दंगा भड़क गया था। फेसबुक पर एक नेता के रिश्तेदार ने भड़काऊ पोस्ट डाल दिया था, जिसके बाद भड़के दंगे के सिलसिले में 300 लोगों को गिरफ्तार किया गया था।
नई दिल्ली, 26 अगस्त (वार्ता)। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए सरकार को उन्होंने जो सलाह दी वह उचित थी और अब रिजर्व बैंक ने भी इसकी पुष्टि कर दी है।
श्री गांधी ने बुधवार को ट््वीट किया अर्थव्यवस्था को लेकर महीनों से जो चेतावनी मैं दे रहा हूं, आरबीआई ने अब उसकी पुष्टि की है। सरकार को यह कदम उठाने की जरूरत है: अधिक खर्च करें और ना ही ज्यादा उधार दे। गरीबों को पैसा दे और उद्योगपतियों को कर में छूट मत दीजिए। खपत बढ़ाकर अर्थव्यवस्था में सुधार का काम आरंभ करें। मीडिया के माध्यम से जो खतरनाक संदेश फैलाया जा रहा है, उससे गरीब को मदद नहीं मिलेगी और ना ही आर्थिक संकट से मुक्ति मिलेगी।Þ
इसके साथ ही श्री गांधी ने एक अंग्रेजी दैनिक में छपी खबर को भी पोस्ट किया है जिसमें रिजर्व बैंक ने कहा है कि अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए खपत बढ़ाना और कर्ज देना कम किया जाना जारूरी।
तिरुवनंतपुरम, 26 अगस्त (वार्ता)। वैश्विक महामारी कोविड-19 की वजह से देशभर में लगे लॉकडाउन के दौरान बंद किये गये विश्व प्रसिद्ध श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर के कपाट बुधवार को भक्तों के लिए खोल दिये गये।
कोरोना वायरस की वजह से लगे लॉकडाउन के बाद मंदिर मार्च से ही बंद था। भक्तों को सुबह आठ बजे से 11 बजे और शाम को पांच बजे से शाम को दीप आराधना तक मंदिर में प्रवेश की अनुमति होगी।
श्री पद्मनाभस्वामी भगवान विष्णु का प्रसिद्ध हिन्दू मंदिर है। भारत के प्रमुख वैष्णव मंदिरों में शामिल यह ऐतिहासिक मंदिर तिरुवनंतपुरम के अनेक पर्यटन स्थलों में से एक है। मंदिर की संरचना में सुधार कार्य किए गए जाते रहे हैं। उदाहरणार्थ 1733 ई. में इस मंदिर का पुनर्निर्माण त्रावणकोर के महाराजा मार्तंड वर्मा ने करवाया था। श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर के साथ एक पौराणिक कथा जुड़ी है। मान्यता है कि सबसे पहले इस स्थान से विष्णु भगवान की प्रतिमा प्राप्त हुई थी जिसके बाद उसी स्थान पर इस मंदिर का निर्माण किया गया है।
श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर में वित्तीय गड़बड़ी को लेकर प्रबंधन और प्रशासन का विवाद नौ सालों तक न्यायालय में चला। केरल उच्च न्यायालय के फैसले को त्रावणकोर के पूर्व शाही परिवार ने उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी थी और जुलाई में शीर्ष न्यायालय ने मंदिर प्रबंधन में त्रावणकोर के पूर्व राजपरिवार के अधिकार को मान्यता दे दी।
शीर्ष न्यायालय ने देश में सबसे अधिक खजाने वाले मंदिरों में शामिल श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर के प्रबंधन में त्रावणकोर के पूर्व राजपरिवार के अधिकार को मान्यता देते हुए मंदिर के तहखाने (वॉल्ट बी) को खोला जाए या नहीं इसका फैसला प्रशासनिक एवं परामर्शदाता समिति पर छोड़ दिया था। मंदिर का तहखाना (वॉल्ट बी) किसी अनिष्ट के डर की वजह से बंद है। मंदिर के पास करीब दो लाख करोड़ रुपये की संपत्ति है।
नई दिल्ली, 26 अगस्त (वार्ता)। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने उत्तर प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ अपराध की बढ़ती घटनाओं पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए योगी सरकार पर कड़ा हमला किया है और राज्यपाल आनंदी बेन पटेल से इन वारदातों को रोकने के लिए राज्य सरकार को सख्त कदम उठाने का निर्देश देने का आग्रह किया है।
श्रीमती वाड्रा ने बुधवार को यहां जारी एक बयान में कहा, महामहिम राज्यपाल महोदया उत्तर प्रदेश। उप्र में महिला सुरक्षा के हालात बहुत खराब हो चुके हैं। लखीमपुर की एक लडक़ी ऑनलाइन फॉर्म भरने जा रही थी। उसकी बलात्कार कर नृशंस तरीके से हत्या हो गई। यूपी में ऐसा अब रोज हो रहा है। आशा है महिला होने के नाते आप इसकी गंभीरता समझेंगी और संज्ञान में लेंगी।
कांग्रेस की उत्तर प्रदेश की प्रभारी महासचिव राज्य में बढ़ते अपराधों को लेकर प्रदेश सरकार को लगातार कटघरे में खड़ा कर रही हैं और महिलाओं के साथ होने वाले अत्याचार रोकने में विफल बता रही है।
दिल्ली में कोरोना वायरस महामारी को लेकर हुए एक सर्वे के नतीजे चौंकाने वाले हैं. इस महीने दिल्ली में किए गए दूसरे सीरोलॉजिकल (Serological) सर्वे में पाया गया है कि 5 से 17 साल की आयु के नॉवेल कोरोना वायरस के सबसे ज्यादा मामले देखने को मिल रहे हैं. 5-17 साल के 34.7 फीसदी लोगों में कोविड-19 के एंटीबॉडी थे. जबकि 50 साल से अधिक आयु वाले 31.2 फीसदी लोगों में यह पाया गया. बता दें कि पहले यह कहा जा रहा था कि कोविड-19 का ज्यादा खतरा अधिक उम्र वर्ग वालों में है. सर्वें के अनुसार 18-49 साल के 28.5 फीसदी लोगों में कोविड-19 के एंटीबॉडी पाए गए.
न्यूज एजेंसी के अनुसार दिल्ली गवर्नमेंट कमिटी के हेड डॉ महेश वर्मा का कहना है कि बच्चों और युवाओं को घर में रखना मुश्किल है. यहां तक कि अगर वे स्कूल नहीं जा रहे हैं, तो वे खेलने के लिए बाहर जा सकते हैं. या वे इन डायरेक्ट रूट से कांट्रैक्ट में आ सकते हैं. उनका कहना है कि फिलहाल इसमें व्यापक स्टडी की जरूरत है. उनका कहना है कि यह समझना बहुत ही जटिल है कि कोरोना वायरस किन किन तरह से फैल रहा है. मैं एक परिवार को जानता हूं, जो घर से बाहर नहीं निकला, लेकिन उनके सदस्यों को फिर भी कोरोना का संक्रमण हो गया.
स्कूल बंद फिर भी बच्चे संक्रमित
सीरो के सर्वे में पाया गया है कि राष्ट्रीय राजधानी में 29.1 फीसदी लोगों में कोरोना वायरस संक्रमण के खिलाफ एंटी बॉडीज विकसित हो गए हैं. इससे पहले के सर्वे में पाया गया था कि 22 फीसदी लोगों में एंटी बॉडीज विकसित हुए हैं. अब अगस्त में हुआ सर्वेक्षण दिखाता है कि यह आंकड़ा बढ़कर 29.1 फीसदी हो गया है. हालांकि सर्वे के रिजल्ट्स के बाद सवाल यह उठ रहे हैं कि आखिर स्कूल बंद और फिर भी कम उम्र के लोगों में मामले क्यों बढ़े.
15000 वॉलंटियर्स पर हुआ सर्वे
यह सर्वे 1 अगस्त से 7 अगस्त के बीच किया गया था. सर्वे के लिए 15,000 से अधिक वॉलंटियर्स को एंटीबॉडी की उपस्थिति के लिए परीक्षण किया गया था. इसके रिजल्ट का मौलाना आज़ाद मेडिकल कॉलेज (एमएएमसी) में विश्लेषण किया गया था. सर्वेक्षण में 4 आयु वर्ग के लोगों ने भाग लिया. इसमें लगभग 25 फीसदी 18 साल से कम उम्र के, 50 फीसदी 18 से 50 साल के बीच और शेष 50 साल से ऊपर आयु वर्ग के थे.
साउथ ईस्ट में सबसे ज्यादा प्रभाव
सर्वे दिल्ली के सभी 11 जिलों में आयोजित किया गया था. बीमारी का सबसे अधिक प्रसार साउथ ईस्ट जिले में पाया गया, जहां 32.2 फीसदी प्रतिभागी एंटीबॉडी के साथ पाए गए. इस जिले ने पिछली बार से सबसे बड़ी छलांग लगाई है. पिछले सर्वे में यहां 22.2 फीसदी प्रतिभागी एंटीबॉडी के साथ पाए गए थे.
तीसरा सर्वे 1 से 5 सितंबर के बीच
कोरोना पर काबू पाने के लिए दिल्ली सरकार ने हर महीने सीरोलॉजिकल सर्वेक्षण (सीरो सर्वे) कराने का फैसला किया था. दिल्ली में अबतक दो सीरो सर्वे हो चुके हैं और तीसरा 1 से 5 सितंबर के बीच किया जाएगा. इसमें लगभग 17 हजार लोगों के सर्वेक्षण किए जाने की उम्मीद है. सीरो सर्वे के लिए नमूने दिल्ली के सभी 11 जिलों और सभी आयु वर्ग में एकत्र किए जाएंगे. बता दें कि पहला सीरो सर्वे 27 जून से 10 जुलाई के बीच आयोजित किया गया था. पहले सीरो सर्वे में 21,387 लोगों से नमूने लिए गए थे ,जबकि दूसरे दौर में 15 हजार नमूने एकत्र किए थे.
क्या होता है सीरोलॉजिकल सर्वे?
संक्रामक बीमारियों के संक्रमण को मॉनिटर करने के लिए सीरो सर्वे कराए जाते हैं. इन्हें एंटीबॉडी सर्वे भी कहते हैं. इसमें किसी भी संक्रामक बीमारी के खिलाफ शरीर में पैदा हुए एंटीबॉडी का पता लगाया जाता है. कोरोनावायरस या SARS-CoV-2 जैसे वायरस से संक्रमित मामलों में ठीक होने वाले मरीजों में एंटीबॉडी बन जाती है, जो वायरस के खिलाफ शरीर को प्रतिरोधक क्षमता देती है. बता दें कि कोरोनावायरस पहले से मौजूद रहा है, लेकिन SARS-CoV-2 इसी फैमिली का नया वायरस है, ऐसे में हमारे शरीर में पहले से इसके खिलाफ एंटीबॉडी नहीं है. लेकिन हमारा शरीर धीरे-धीरे इसके खिलाफ एंटीबॉडी बना लेता है.(financialexpress)
नई दिल्ली, 26 अगस्त (आईएएनएस)| दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने जेएनयू के पीएचडी स्कॉलर शर्जील इमाम को फरवरी में पूर्वोत्तर दिल्ली में हुए दंगों के सिलसिले में गिरफ्तार कर लिया है। उस पर गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत मामला दर्ज किया गया था। रविवार को उसे प्रोडक्शन वारंट पर असम से दिल्ली लाया गया।
दिल्ली पुलिस उसे 21 जुलाई को यहां लाने वाली थी लेकिन दिल्ली के लिए रवाना होने से ठीक पहले इमाम का कोविड-19 परीक्षण पॉजिटिव आ गया था।
इमाम सीएए और एनआरसी के खिलाफ हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान कथित रूप से भड़काऊ भाषण देने का आरोपी है और वर्तमान में उसे असम पुलिस ने यूएपीए से संबंधित मामले में गुवाहाटी जेल में बंद कर रखा था।
दिल्ली पुलिस ने 25 जुलाई को नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के खिलाफ हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान कथित भड़काऊ भाषण देने के मामले में इमाम के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था। दिल्ली की पटियाला हाउस अदालत में दायर की गई 600 पेज की इस चार्जशीट में आईपीसी की धारा 124 ए, 153, 505 और गैरकानूनी गतिविधियां अधिनियम 1967 की धारा 13 के तहत आरोप लगाए थे।
पटना/नई दिल्ली, 26 अगस्त (आईएएनएस)| बिहार को मानसून के कहर से अगस्त में राहत जरूर मिली मगर बाढ़ के हालात से निजात नहीं मिली है। प्रदेश के कई जिले अभी भी बाढ़ से बेहाल हैं। प्रदेश के करीब 20 जिलों में बाढ़ से फसल को नुकसान हुआ है। भारी-बारिश और बाढ़ से बिहार में करीब 33 फीसदी फसल को नुकसान का अनुमान है। बिहार में बीते सप्ताह तक 32.59 लाख हेक्टेयर में धान की रोपाई हो चुकी थी जबकि प्रदेश के किसानों ने मक्के की बुवाई 3.92 लाख हेक्टेयर में की है। ये आधिकारिक आंकड़े प्रदेश के कृषि विभाग से मिले हैं। आंकड़ों के अनुसार, बिहार में चालू खरीफ सीजन में 92,000 हेक्टेयर में दलहन फसलों की बुवाई हुई है जबकि तिलहनों की बुवाई 80,000 हेक्टेयर में हुई है।
विभागीय अधिकारी से मिली जानकारी के अनुसार, प्रदेश में बाढ़ और अत्यधिक बारिश के चलते करीब 33 फीसदी खरीफ फसलों का नुकसान होने का अनुमान है।
बिहार के मधेपुरा जिला के प्रबुद्ध किसान प्रणव कुमार भ्रमर ने कहा कि मानूसन इस बार सीजन के आरंभ से ही मेहरबान रहा, जिससे शुरुआत में धान की रोपाई में काफी मदद मिली, लेकिन बाद में लगातार भारी बारिश और बाढ़ के हालात हालात पैदा होने से कई इलाकों में फसल का नुकसान हुआ है।
बिहार में इस साल जून में औसत से 82 फीसदी अधिक ज्यादा बारिश हुई, जबकि जुलाई में औसत से 72 फीसदी अधिक बारिश हुई, हालांकि अगस्त में बीते सप्ताह तक औसत से नौ फीसदी कम बारिश हुई है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के ताजा आंकड़ों के अनुसार, 1 जून से लेकर 25 अगस्त तक बिहार में औसत से 23 फीसदी ज्यादा बारिश हुई है। प्रदेश के करीब 16 जिलों में बाढ़ के हालात बने हुए हैं।
केंद्रीय जल आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, 25 अगस्त को देश में जिन 26 स्टेशनों में बाढ़ की स्थिति बेहद गंभीर थी उनमें से 15 स्टेशन बिहार के हैं, जबकि उत्तर प्रदेश में पांच, झारखंड में दो और एक-एक स्टेशन असम, ओडिशा और पश्चिम बंगाल के हैं। वहीं, सामान्य से ज्यादा खराब बाढ़ की स्थिति वाले 17 स्टेशनों में भी सात बिहार के ही हैं। वहीं, अन्य में सात असम और तीन उत्तर प्रदेश के हैं।
बिहार के दरभंगा, मधुबनी, समस्तीपुर, गोपालगंज, सारण, सीवान, शिवहर, खगड़िया, भागलपुर, सहरसा, मधेपुरा, सुपौल, पुर्णिया समेत करीब 20 जिले बाढ़ से प्रभावित हुए हैं, जहां फसलों को भी नुकसान हुआ है।
नई दिल्ली, 26 अगस्त (आईएएनएस)| जेईई (मुख्य) परीक्षा के एडमिट कार्ड जारी कर दिए गए हैं। अब नीट अंडर ग्रेजुएट-2020 परीक्षा के लिए भी एडमिट कार्ड जल्द ही जारी किए जाएंगे। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी यानी एनटीए ने यह सुनिश्चित किया कि 99 प्रतिशत से अधिक उम्मीदवारों को उनकी पसंद का परीक्षा केंद्र मिले। इन परीक्षाओं के लिए छात्रों को उनकी पसंद एवं घरों के नजदीक परीक्षा केंद्र चुनने का विकल्प दिया गया था।
छात्रों को वरीयता क्रम के हिसाब से परीक्षा केंद्रों के विकल्प को चुनना था। एनटीए के मुताबिक, 99 फीसदी छात्रों को उनकी पहली पसंद के आधार पर परीक्षा केंद्र आवंटित किए गए हैं।
एनटीए ने परीक्षाओं के विषय में आधिकारिक जानकारी देते हुए कहा कि जेईई परीक्षा के लिए परीक्षा केंद्रों की संख्या भी 570 से बढ़ाकर 660 कर दी गई है। वहीं नीट के लिए परीक्षा केंद्रों की संख्या 2546 से बढ़ाकर 3843 की गई है।
जेईई (मेन) की परीक्षाएं 1 से 6 सितंबर के बीच होंगी। नीट की परीक्षा 13 सितंबर को होगी। जेईई एडवांस की परीक्षा 27 सितंबर को होगी। पहले जेईई की परीक्षा 18 जुलाई से 23 जुलाई के बीच और नीट की परीक्षा 26 जुलाई को होनी थी।
नीट और जेईई जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं में 27 लाख से अधिक छात्रों को अपनी पसंद का परीक्षा केंद्र चुनने का अवसर दिया गया है। इससे कोरोना संक्रमण के इस दौर में कई छात्रों को प्रवेश परीक्षाएं देने के लिए दूसरे शहरों में नहीं जाना पड़ेगा।
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक, छात्रों को अपनी पसंद का केंद्र चुनने का विकल्प इसलिए दिया गया, ताकि उन्हें लंबी यात्रा न करनी पड़े और वह अपनी सुविधा के अनुसार परीक्षा केंद्र का चयन कर सकें।
नयी दिल्ली 26 अगस्त (वार्ता) केन्द्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने आज कहा कि कॉर्निया प्रत्यारोपण के लिए प्रतीक्षारत मरीजों तथा कॉर्निया दान की संख्या के बड़े अंतर को पाटने के लिए लोगों को कॉर्निया दान के प्रति प्रेरित करने की जरुरत है।
अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान, दिल्ली के डॉ. राजेन्द्र प्रसाद नेत्र संस्थान स्थित राष्ट्रीय नेत्र बैंक (एनईबी) द्वारा आयोजित 35वें राष्ट्रीय नेत्र दान पखवाड़े के अंतर्गत आज हुए वेबीनार में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि लाखों लोग कॉर्निया प्रत्यारोपण की प्रतीक्षा कर रहे हैं। कॉर्निया प्रत्यारोपण की प्रतीक्षा कर रहे लोगों और दान की गई कॉर्निया के अंतर को दूर करने के लिए वर्तमान गति के अनुसार कई दशक लगेंगे।
उन्होंने कहा कि (एनईबी) की स्थापना 1965 में की गई थी। इन 55 वर्षों में एनईबी को 31,000 कॉर्निया उत्तक दान में मिले, जबकि 20,000 लोगों की प्रत्यारोपण के लिए शल्य क्रिया की गई। इससे 20,000 लोगों के जीवन से प्रत्यारोपण के बाद अंधकार मिटा। इस दर से देखें तो प्रति वर्ष लगभग 560 प्रत्यारोपण किए गए। उन्होंने कहा कि अगर यह गति रही तो प्रतीक्षारत मरीजों और कॉर्निया दान की संख्या के अंतर को खत्म करने में काफी समय लगेगा।
डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि यह समय एक स्पष्ट लक्ष्य निर्धारित करने का है। इस कार्य को गति देने के लिए डॉ. राजेन्द्र प्रसाद नेत्र संस्थान में प्रतिमाह एक प्रभावी गतिविधि आयोजित की जानी चाहिए, ताकि लोगों को कॉर्निया दान करने के लिए प्रेरित किया जा सके। इसके लिए नई ऊर्जा और नये उत्साह की जरूरत है। दो वर्ष तक इस काम के लिए जुटकर प्रयास करने होंगे। उन्होंने यह भी कहा कि इस कार्य के लिए डॉ. राजेन्द्र प्रसाद नेत्र संस्थान में अति-उन्नत सुविधाएं हैं और प्रशिक्षित शल्य चिकित्सक भी हैं। उन्होंने कहा , “ आइये हम सब मिलकर इस लक्ष्य को हासिल करने में योगदान दें।”
नई दिल्ली, 26 अगस्त (आईएएनएस)| आम्रपाली आद्या ट्रेडिंग एंड इनवेस्टमेंट प्राइवेट लिमिटेड (एएटीआईपीएल) कंपनी के प्रबंध निदेशक को दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने लगभग 100 करोड़ रुपये मूल्य के 124 व्यक्तियों के शेयरों के साथ धोखाधड़ी और गबन के मामले में गिरफ्तार किया है। इसकी जानकारी पुलिस ने मंगलवार को दी। एएटीआईपीएल के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक संजीव कुमार सिन्हा और निदेशक नारायण ठाकुर को सोमवार को विभिन्न स्थानों पर छापे के बाद गिरफ्तार किया गया।
दोनो पर पवन कुमार चौधरी और 30 अन्य ने सितंबर 2017 में एक संयुक्त शिकायत पुलिस स्टेशन ईओडब्ल्यू में की थी, जिसमें धोखाधड़ी, क्रिमनल ब्रीच ऑफ ट्रस्ट और क्रिमनल कांसप्रेसी का आरोप लगाया गया था।
शिकायतकर्ताओं ने आरोप लगाया कि अपने ग्राहकों के जानकारी और अनुमति के बिना एएआईटीपीएल ने अपने ग्राहकों के शेयरों को अपने पूल खातों में स्थानांतरित कर दिया, जिसमें इसके निधियों का लाभ उठाने का वचन देकर बेच दिया गया था, लेकिन संबंधित ग्राहकों को अभी तक कोई भी भुगतान नहीं किया गया है।
संयुक्त पुलिस आयुक्त ईओडब्ल्यू ओपी मिश्रा ने कहा, "इस मामले में अब तक कुल शिकायतकर्ताओं की संख्या 124 हो गई है, जांच के दौरान शेयरों की कीमत लगभग 100 करोड़ की पाई गई है। एनएसई और एसईबीआई (सेबी) से भी शिकायतें मिली हैं।"
उन्होंने कहा, "अभियुक्त व्यक्तियों ने एक सुनियोजित साजिश रची और उन्होंने शेयरधारकों को अपनी कंपनी के माध्यम से व्यापार करने का लालच दिया और उन्हें आकर्षक प्रोत्साहन का आश्वासन दिया। उन्होंने अपने ग्राहकों के बिना जानकारी के उनके शेयरों को अपने पूल खातों में स्थानांतरित कर दिया और शेयरों को गिरवी रख दिया, जिसके बाद अपने कर्मचारियों के खातों के माध्यम से उन्हें बेच दिया।"
नई दिल्ली, 26 अगस्त (आईएएनएस)| पाकिस्तान की प्रमुख फिल्म अभिनेत्री और कराची फिल्म उद्योग में 'ग्लैमर गर्ल' के बाद सबसे ज्यादा चाही जाने वाली मेहविश हयात को सोशल मीडिया पर ट्रोल किया जा रहा है। उनका नाम भारत के सबसे वांछित भगोड़े दाऊद इब्राहिम के साथ जोड़ा गया है। पाकिस्तान के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कारों में से एक, तमगा-ए-इम्तियाज से सम्मानित कराची की रहने वाली अभिनेत्री को दाऊद इब्राहिम का करीबी बताया जा रहा है, जो कथित तौर पर पाकिस्तानी फिल्मों को फंड करता है और हताय को फिल्में दिलवाने में भी सहायता करता है।
37 वर्षीय अभिनेत्री को ट्विटर पर 14 लाख से अधिक लोग फॉलो करते हैं और उनकी तस्वीरें ट्विटर पर वायरल हो रही हैं। अंडरवल्र्ड डॉन दाऊद इब्राहिम की कथित परिचित के लिए हयात को ट्रोल किए जाने के साथ ही कुछ कठोर टिप्पणियों भी वायरल हुई हैं।
भारत के एक प्रमुख हिंदी न्यूज चैनल ने भी इस मामले में हयात के दाऊद इब्राहिम के साथ कथित संबंधों को लेकर खबरें दी हैं। अभिनेत्री के साथ संबंधों को उजागर करने के बाद 80 और 90 के दशक में कुछ बॉलीवुड नायिकाओं के साथ डॉन के अफेयर की पुरानी यादें भी फिर से ताजा हुई हैं।
केवल दाऊद इब्राहिम ही ऐसे नहीं है, जिनका नाता फिल्म उद्योग से रहा है। सूत्रों ने कहा कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान सहित कई प्रमुख क्रिकेटर उर्दू फिल्म उद्योग की ग्लैमर गर्ल के करीब हैं।
पिछले साल, जब हयात को तमगा-ए-इम्तियाज से सम्मानित किया गया था, तो सोशल मीडिया पर ऐसी खूब टिप्पणी की गई कि उन्हें कराची में सबसे शक्तिशाली लोगों के साथ करीबी संबंधों के आधार पर पुरस्कार मिला है। एक प्रमुख वेबसाइट ने भी दाऊद इब्राहिम के साथ उनकी निकटता के बारे में संकेत दिया था।
पाकिस्तानी अभिनेत्री ने उस समय सुर्खियां बटोरीं जब उनकी हाल की दो फिल्मों ने बॉक्स ऑफिस पर रिकॉर्ड तोड़ दिए। इससे पहले 2017 में, उनकी फिल्म 'पंजाब नहीं जाऊंगी' ने लोगों का दिल जीत लिया था।
अपने लुक के लिए जानी जाने वाली हयात पाकिस्तान की एक टॉप सिंगिंग स्टार भी हैं और अक्सर कुछ जानी-मानी हस्तियों को होस्ट करती हैं, जिनमें क्रिकेटर्स, राजनेता और उद्योगपति शामिल हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि हयात ने एक पाकिस्तानी फिल्म में आइटम नंबर करने के बाद शोहरत हासिल की। वह दाऊद इब्राहिम के संपर्क में आई, जिसने पाकिस्तानी फिल्म उद्योग में अपने दबदबे का इस्तेमाल किया और उन्हें कुछ उच्च बजट की फिल्में मिलीं।
दाऊद (64), जो कुख्यात डी-कंपनी का नेतृत्व करता है, कथित तौर पर स्थानीय फिल्म उद्योग को फंड करता है और कराची और लाहौर में शीर्ष निर्माताओं और निर्देशकों के साथ अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है।
ट्विटर पर ट्रोल किए जाने पर हयात ने कहा कि यह उनके खिलाफ एक साजिश है, जो उनके नाम और शोहरत से ईष्र्या करते हैं, यह उनका काम है। हयात के करीबी सूत्रों ने दावा किया कि उनका माफिया या आपराधिक गिरोहों से कोई संबंध नहीं है।
इस बीच, कई भारतीयों ने उन्हें ट्विटर पर यह कहते हुए खूब लताड़ा कि हयात एक डॉन की करीबी हैं, जिस पर 1993 के मुंबई सीरियल बम धमाकों में कई सैकड़ों निर्दोष लोगों की हत्या का आरोप है।
लोगों ने हयात को सर्वोच्च नागरिक पुरस्कारों में से एक के साथ पाकिस्तान सरकार के फैसले पर भी सवाल उठाया, जो पहले दिग्गज गायक नूरजहां जैसे अन्य लोगों को दिया गया था।
कराची के एक व्यक्ति ने अभिनेत्री पर कटाक्ष करते हुए कहा कि उन्हें यह पुरस्कार मिलने तक कोई जानता तक नहीं था।
नई दिल्ली, 26 अगस्त (आईएएनएस)| केंद्रीय खाद्य सचिव सभी पात्र दिव्यांग जनों को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून (एनएफएसए) के तहत खाद्य सुरक्षा प्रदान करने को लेकर सभी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को पत्र लिखा है। यह जानकारी मंगलवार को केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने मंगलवार को दी। खाद्य सचिव ने अपने पत्र में मुख्य सचिवों से इस मामले में व्यक्तिगत तौर पर हस्तक्षेप करने और संबद्ध विभागों व अधिकाकारियों, खासतौर से जिला प्रशासनों को निर्देश देने का आग्रह किया है, ताकि इस दिशा में समुचित प्रक्रिया अपनाई जाए और खाद्य व सार्वजनिक वितरण विभाग द्वारा राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों को दिए गए निर्देशों का पालन हो।
इससे पहले केंद्र सरकार ने 22 अगस्त को राज्यों जारी लिखे पत्र के माध्यम से राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों को इस संबंध में निर्देश जारी किया था। खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग ने राज्यों को उन सभी दिव्यांगों को खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है जो एनएफएसए के तहत लाभार्थियों की पहचान के मानदंड के अनुसार पात्र हैं।
केंद्र सरकार ने सभी पात्रा दिव्यांगों को एनएफएसए और प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) के तहत अनाज मुहैया करवाने को कहा है। यही नहीं, पहले से जो इसमें शामिल नहीं है, उनको पात्रता मानदंड के आधार पर नया राशन कार्ड जारी करने का निर्देश दिया गया है। मंत्रालय ने कहा कि अंत्योदय अन्न योजना के लाभार्थी की पात्रता के लिए अशक्तता भी एक मानदंड है।
बता दें कि कोरोना काल में शुरू की गई पीएमजीकेएवाई के तहत एनएफएसए के प्रत्येक लाभार्थी को हर महीने पांच किलो गेहूं या चावल मुफ्त दिया जाता है। इसके अलावा प्रत्येक परिवार को एक किलो साबूत चना दिया जाता है। शुरुआत में यह योजना अप्रैल, मई और जून, तीन महीने के लिए शुरू की गई थी, मगर बाद में इसे बढ़ाकर नवंबर तक के लिए कर दिया गया है। शुरुआती तीन महीनों के दौरान प्रत्येक लाभार्थी परिवार को एक किलो प्रोसेस्ड दाल देने का का प्रावधान था, लेकिन जुलाई से दाल की जगह साबुत चना दिया जाता है
भोपाल, 25 अगस्त (आईएएनएस)| मध्यप्रदेश की राजधानी में खाली पड़े एक सरकारी आवास में युवक-युवती के शव फांसी के फंदे पर लटके मिले हैं। आत्महत्या की वजह का खुलासा नहीं हो पाया है, मगर आशंका जताई जा रही है कि प्रेम-प्रसंग का मामला हो सकता है। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, मंगलवार की सुबह महाराणा प्रताप नगर के शिवाजी नगर क्षेत्र के खाली पड़े सरकारी मकान में युवक उमेश रैकवार (24) और चित्रा (21) के फांसी के फंदे पर लटके मिले। ये दोनों अपने परिजनों के साथ एक ही इमारत में रहते थे। उमेश एक निजी कंपनी में काम करता है। इन दोनों के एक खाली पड़े सरकारी मकान में मिले हैं। सुसाइड नोट आदि कुछ भी पुलिस को नहीं मिला है। इस मामले को प्रेम प्रसंग से जोड़कर देखा जा रहा है।
थाना प्रभारी सूर्यकांत अवस्थी ने बताया है कि युवती अपने भाई के साथ रहती थी और कक्षा 12वीं में पढ़ती थी। युवक और युवती के फांसी के फंदे पर लटके शव मिले। पुलिस मामले की जांच कर रही है। युवती के भाई ने जो बताया है, उसके मुताबिक सुबह जब वह सोकर उठा तो देखा कि बहन चित्रा घर पर नहीं है। वह पड़ोस के खाली पड़े मकान पर गया, जहां ताला लगा रहता था, ताला टूटा था। जब उसने आवाज लगाई और कोई जवाब नहीं मिला तो वह कुंडी तोड़कर अंदर पहुंचा तो देखा कि दोनों के शव पंखे से लटके हुए थे।
रजनीश सिंह
नई दिल्ली, 25 अगस्त (आईएएनएस)| खुफिया एजेंसियों को सूचना मिली है कि अलगाववादी समूह सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) ने इस महीने के अंत में 'पंजाब बंद' का आह्वान किया है, जिसके बाद अलर्ट जारी किया गया है।
खालिस्तान समर्थक समूह एसएफजे को अलगाववादी नीतियों के कारण पिछले साल जुलाई में गृह मंत्रालय द्वारा गैरकानूनी घोषित किया गया था।
समूह ने अपने एक हालिया संदेश के जरिए दिलावर सिंह की 25वीं पुण्यतिथि मनाने के लिए 31 अगस्त को 'पंजाब बंद' का आह्वान किया है। दिलावर पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह का हत्यारा है।
कांग्रेस नेता बेअंत सिंह 1992 से 1995 तक पंजाब के मुख्यमंत्री रहे थे। 31 अगस्त, 1995 को तत्कालीन मुख्यमंत्री बेअंत सिंह को चंडीगढ़ के केंद्रीय सचिवालय के बाहर एक बम धमाके में उड़ा दिया गया था। उनके साथ इस आतंकी हमले में 16 अन्य लोगों की जान भी गई थी। इस हमले में पंजाब पुलिस के कर्मचारी दिलावर सिंह ने मानव बम की भूमिका निभाई थी।
एसएफजे ने अपने बंद के आह्वान में अमृतसर से उन सिखों की वापसी यात्रा के लिए यात्रा खर्च की प्रतिपूर्ति की पेशकश की है, जो 31 अगस्त को अकाल तख्त में अरदास करेंगे।
इस पर एक हाई अलर्ट जारी किया गया है और पंजाब पुलिस को राज्य में किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए पूर्ण व्यवस्था करने के लिए कहा गया है। न्यूयॉर्क में रहने वाले एसएफजे के मुख्य प्रचारक और वकील गुरपतवंत पन्नू ने 'बंद' का आह्वान किया है।
पन्नू ने अपनी अपील में उल्लेख किया कि शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (एसजीपीसी) ने 2012 में ज्ञानी गुरबचन सिंह को अकाल तख्त का जत्थेदार नियुक्त किया, जिन्होंने बेअंत सिंह के हत्यारे दिलावर सिंह को 'कौमी शहीद' घोषित किया था।
समूह ने 31 अगस्त को अकाल तख्त अरदास में शामिल होने की इच्छा रखने वाले पंजाब के सिखों को नमन करते हुए सेवा देने की गुजारिश की है।
वर्ष 1992-95 के दौरान पंजाब की स्थिति पर एमनेस्टी इंटरनेशनल की रिपोर्ट का हवाला देते हुए, पन्नू ने कहा कि भाई शहीद दिलावर सिंह ने वास्तव में बेअंत के शासन के तहत सिखों के नरसंहार को रोक दिया था। हम 31 अगस्त को कौमी शहीद दिलावर सिंह के आदर देने के तौर पर पंजाब के लोगों से क्लीनिक और फार्मेसी जैसी आवश्यक सेवाओं को छोड़कर सभी व्यवसायों को बंद करने का आग्रह करते हैं।
पंजाब की स्थिति पर एमनेस्टी इंटरनेशनल की 1995 की रिपोर्ट का हवाला देते हुए पन्नू ने कहा, "पंजाब में खालिस्तान नामक राज्य में सिख मातृभूमि की स्थापना के लिए अक्सर हिंसक अभियान को दबाने के उनके प्रयासों में पंजाब में मानवाधिकारों का हनन किया गया है।"
उन्होंने दावा किया कि इन उल्लंघनों में लोगों के गायब होने, हत्याएं, व्यापक अत्याचार और हिरासत में लिए जाने जैसी प्रताड़ना शामिल हैं। भारतीय एजेंसियों का कहना है कि अमेरिका स्थित एसएफजे संगठन का पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठनों के साथ संबंध है।