राष्ट्रीय
मुरैना (मप्र), 25 अप्रैल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बृहस्पतिवार को कांग्रेस पर आदिवासियों को उनके अधिकारों से वंचित करने की साजिश रचने का आरोप लगाया और साथ ही कहा कि वह लोगों और उन्हें लूटने की कांग्रेस की योजनाओं के बीच दीवार बनकर खड़े हैं।
मध्य प्रदेश के मुरैना जिले में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए मोदी ने आरोप लगाया कि अगर कांग्रेस सत्ता में आई तो ‘विरासत कर’ के जरिए लोगों की उनके पूर्वजों द्वारा छोड़ी गई आधी से ज्यादा संपत्ति छीन लेगी।
उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस कहती है कि देश के संसाधनों पर पहला हक मुसलमानों का है, जबकि मैं कह रहा हूं कि इस पर पहला हक गरीबों का है।''
प्रधानमंत्री ने कहा, '' आपके और कांग्रेस की आपको लूटने की योजना के बीच मोदी दीवार बनकर खड़ा है।''
उन्होंने कांग्रेस को बहुत बड़ी विकास विरोधी पार्टी करार देते हुए कहा कि इसने मध्य प्रदेश को देश के अन्य 'बीमारू' राज्यों की कतार में खड़ा कर दिया है।
उन्होंने कहा कि वर्षों तक कांग्रेस ने सशस्त्र बलों के लिए 'वन रैंक वन पेंशन' योजना की अनुमति नहीं दी, लेकिन "हमने यह किया"।
प्रधानमंत्री ने विपक्षी दल पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस कई वर्षों से आदिवासियों और पिछड़े वर्गों को उनके अधिकारों से वंचित करने की साजिश रच रही है।
उन्होंने लोगों से सवाल किया,‘‘क्या आप पिछड़े वर्गों के अधिकारों को छीनने वालों का सफाया सुनिश्चित करेंगे?"
मोदी ने कहा कि भाजपा सरकार ने बिना किसी धार्मिक भेदभाव के 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन मुहैया कराया। प्रधानमंत्री ने कहा, "क्या आपने कभी सुना है कि किसी को सिर्फ इसलिए मुफ्त राशन नहीं मिल रहा है क्योंकि वह मुस्लिम है?"
मोदी ने स्पष्ट रूप से वंशवाद की राजनीति का जिक्र करते हुए कहा कि भाजपा के लिए देश से बड़ा कुछ नहीं है, जबकि कांग्रेस के लिए उसका अपना परिवार ही प्रमुख मानदंड है।
कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि उसने कर्नाटक में कई मुसलमानों को अवैध रूप से ओबीसी सूची में डाल दिया। (भाषा)
कन्नौज (उप्र), 25 अप्रैल समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बृहस्पतिवार को कन्नौज लोकसभा सीट के लिये अपना नामांकन दाखिल कर दिया।
बड़ी संख्या में समर्थकों के साथ कचहरी पहुंचे अखिलेश ने कन्नौज से नामांकन दाखिल किया। इस दौरान उनके साथ सपा के प्रमुख महासचिव राम गोपाल यादव एवं अन्य नेता भी मौजूद थे।
सपा ने इससे पहले मैनपुरी से पूर्व सांसद तेज प्रताप सिंह यादव को कन्नौज लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाया था।
अखिलेश ने नामांकन करने के बाद संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि कन्नौज में सपा के सभी नेताओं, कार्यकर्ताओं और आम जनता की यह ख्वाहिश थी कि वह इस सीट से चुनाव लड़ें। उम्मीद है कि जनता एक बार फिर उन्हें आशीर्वाद देगी।
उन्होंने कहा, ''कन्नौज का चुनाव भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की नकारात्मक राजनीति को खत्म करेगा। हम कन्नौज की पहचान को आगे बढ़ाएंगे। हम कन्नौज के लोगों के सम्मान और विकास के लिये काम करेंगे। भाजपा ने कन्नौज का विकास रोक कर नकारात्मक राजनीति की।''
अखिलेश ने आरोप लगाया, ''भाजपा की जो नकारात्मक राजनीति है, वह खत्म होगी। भाईचारे का एक दौर शुरू होगा जो कन्नौज में विकास और खुशहाली लाएगा।''
नामांकन से पहले अखिलेश ने कन्नौज से नामांकन की 24 साल पुरानी एक तस्वीर 'एक्स' पर साझा की और लिखा, ''फिर इतिहास दोहराया जाएगा। अब नया भविष्य बनाया जाएगा।''
इस पर अखिलेश के चाचा सपा महासचिव शिवपाल सिंह यादव ने लिखा, ''विजय भव: सर्वदा।''
अखिलेश यादव पूर्व में तीन बार कन्नौज से ही सांसद रह चुके हैं। वर्ष 2000 में कन्नौज सीट पर हुए उपचुनाव में वह पहली बार सांसद चुने गये थे। उसके बाद वह 2004 और 2009 में भी इसी सीट से सांसद रहे। उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने के बाद लोकसभा से इस्तीफा देने के चलते 2012 में कन्नौज सीट पर हुए उपचुनाव में अखिलेश की पत्नी डिंपल निर्विरोध चुनी गयी थीं।
वर्ष 2014 के आम चुनाव में भी डिंपल ने इसी सीट से जीत दर्ज की थी। हालांकि साल 2019 के चुनाव में वह भाजपा के सुब्रत पाठक से पराजित हो गयी थीं।
अखिलेश यादव वर्तमान में करहल विधानसभा सीट से विधायक और प्रदेश विधानसभा में विपक्ष के नेता हैं। वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में वह करहल सीट से पहली बार विधायक बने थे।
कन्नौज में लोकसभा चुनाव के चौथे चरण के तहत आगामी 13 मई को मतदान होगा। (भाषा)
कुंदापुर (कर्नाटक), 25 अप्रैल अपनी मखमली आवाज के लिए 'भगवत श्रेष्ठ' के नाम से चर्चित यक्षगान कलाकार सुब्रह्मण्य धारेश्वर का 67 वर्ष की उम्र में बृहस्पतिवार को बेंगलुरु में निधन हो गया।
परिवार के सूत्रों ने बताया कि वह बीमार थे और आज सुबह बेंगलुरु में बेटे के घर पर उन्होंने अंतिम श्वांस ली।
उनके परिवार में उनकी पत्नी, बेटा और बेटी हैं।
बडगुथिट्टू संस्करण में यक्षगान को अनोखे रूप में पेश कर इसकी लहर पैदा करने वाले कलिंग नवादा के निधन के बाद सुब्रह्मण्य धारेश्वर ने इस कला को नयी ऊंचाइयों पर पहुंचाया।
तटीय कर्नाटक की एक अनूठी नृत्य कला यक्षगान के लिए धारेश्वर ने अपने जीवन के 46 वर्ष समर्पित किए। यक्षगान पारंपरिक लोक नृत्य का एक रूप है जो कर्नाटक के तटीय जिलों और केरल के कासरगोड जिले में लोकप्रिय है। नृत्य, गायन और नाट्य कला की यह संयुक्त शैली केरल की थेय्यम कला से मिलती-जुलती है।
धारेश्वर के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने कहा कि यक्षगान कला के क्षेत्र में 'भगवत श्रेष्ठ' का योगदान हमेशा याद किया जाएगा। (भाषा)
दिल्ली, 25 अप्रैल । राज्यसभा के लिए निर्विरोध निर्वाचित भाजपा के वरिष्ठ नेता और उत्तराखंड भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने गुरुवार को नई दिल्ली में राज्यसभा सदस्यता की शपथ ली।
राज्यसभा के सभापति व उपराष्ट्रपति जगदीप धनकड़ ने उन्हें सदस्यता दिलाई। शपथ ग्रहण के बाद महेंद्र भट्ट ने कहा कि पार्टी नेतृत्व ने उन्हें राज्यसभा में काम करने का मौका दिया है।
राज्यसभा सदस्य के रूप में वे उत्तराखंड के विकास के लिए काम करते रहेंगे।
आपको बता दे महेंद्र भट्ट उत्तराखंड के सीमांत जिले चमोली के निवासी हैं। वह बद्रीनाथ विधानसभा से विधायक भी रह चुके हैं।
2022 के विधानसभा चुनाव में उन्हें बद्रीनाथ विधानसभा से हार का सामना करना पड़ा था। वह वर्तमान में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के पद पर कार्य कर रहे हैं।
(आईएएनएस)
नयी दिल्ली, 25 अप्रैल कांग्रेस ने बृहस्पतिवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर उसके घोषणापत्र को लेकर झूठ फैलाने का आरोप लगाया और उन्हें यह बताने की चुनौती दी कि घोषणापत्र के किस पन्ने पर 'धन पुनर्वितरण' का उल्लेख किया गया है।
पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह भी कहा कि कांग्रेस के 'न्याय पत्र' (घोषणापत्र) में विरासत कर का भी कोई उल्लेख नहीं है और यह विषय उसके एजेंडे में ही नहीं है।
संवाददाताओं से बातचीत में उन्होंने दावा किया कि विरासत कर भारतीय जनता पार्टी के एजेंडे में रहा है।
कांग्रेस महासचिव ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने 2021 की जनगणना नहीं करवाई क्योंकि वह आरक्षण खत्म करना चाहती है।
रमेश ने यह आरोप भी लगाया कि प्रधानमंत्री 'असत्यमेव जयते' के प्रतीक हैं और इसी में विश्वास करते हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस लोगों का धन छीनकर उन लोगों में वितरित करना चाहती है जिनके ज्यादा बच्चे हैं और जो घुसपैठिये हैं।
रमेश ने संवाददाताओं से कहा, "कुछ राज्यों में भाजपा का सफाया होने रहा है, कुछ राज्यों में उनकी सीटों में भारी कमी होने जा रही है। भाजपा परेशान है, प्रधानमंत्री बौखलाए हुए हैं।"
उन्होंने दावा किया, "प्रधानमंत्री ने पहले चुनाव को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश की और अब वो ऐसी बातें कर रहे हैं जो कांग्रेस के "न्याय पत्र'' में है ही नहीं।’’
कांग्रेस महासचिव का कहना था,‘‘ हमारा का एक सकारात्मक एजेंडा है। हम जनता के मुद्दों पर चुनाव लड़ना चाहते हैं।"
उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री ने कुछ दिनों से 400 पार का नारा छेड़ दिया और मोदी की गारंटी की बात छोड़ दी। प्रधानमंत्री सरेआम ध्रुवीकरण कर रहे हैं और झूठ फैला रहे हैं। कांग्रेस, हमारे न्याय पत्र और नेताओं को बदनाम करने में लगे हैं।"
रमेश ने कहा, "इस न्याय पत्र में विरासत कर का कोई जिक्र नहीं है। विरासत कर हमारा एजेंडा नहीं है। राजीव गांधी (पूर्व प्रधानमंत्री) ने 1985 में विरासत कर को हटाया था।"
उन्होंने दावा किया कि विरासत कर भाजपा का एजेंडा है तथा पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली, वित्त राज्य मंत्री जयंत सिन्हा और भाजपा से जुड़े बुद्धिजीवियों ने इसकी पैरवी की थी।
उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री को चुनौती देता हूं कि वह बताएं कि कांग्रेस के 50 पन्ने वाले घोषणापत्र के किस पन्ने पर धन पुनर्वितरण की बात की गई है।"
रमेश ने प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा, "जिस व्यक्ति ने खुद मंगलसूत्र का सम्मान नहीं किया, वह मंगलसूत्र के बारे में बात कर रहे हैं।"
कांग्रेस नेता का कहना है कि उनकी पार्टी समावेशी आर्थिक विकास चाहती है। (भाषा)
जयपुर, 25 अप्रैल राजस्थान में लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में 13 सीट पर शुक्रवार को मतदान होगा। अधिकारियों ने बताया कि सुबह सात बजे प्रारंभ होने वाले मतदान के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।
अधिकारी ने बताया कि आम चुनाव के साथ ही बांसवाड़ा लोकसभा क्षेत्र के बागीदौरा विधानसभा सीट पर उपचुनाव भी होगा।
राज्य में लोकसभा की कुल 25 सीटें हैं जिनमें से 12 पर मतदान 19 अप्रैल को हुआ। प्रदेश की जिन 13 सीट पर 26 अप्रैल को मतदान होगा, उनमें बाड़मेर, जोधपुर, जालौर, बांसवाड़ा, चित्तौड़गढ़, कोटा, टोंक-सवाई माधोपुर, अजमेर, पाली, उदयपुर, राजसमंद, और झालावाड़-बारां सीट शामिल हैं।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता ने बताया कि स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव के लिए पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। इन क्षेत्रों में 1.72 लाख से अधिक मतदान कर्मी मतदान कराएंगे। शांतिपूर्ण मतदान संपन्न कराने के लिए कुल 82,487 सुरक्षाकर्मियों की ड्यूटी लगाई गई है। इनमें राजस्थान पुलिस के साथ-साथ, होमगार्ड, फॉरेस्ट गार्ड एवं आरएसी जवान शामिल हैं। केंद्रीय पुलिस बलों की 175 कंपनियां भी मतदान के दौरान कानून व्यवस्था एवं सुरक्षा में सहयोग करेंगी।
इन 13 लोकसभा सीट में 28,758 बूथ पर मतदान होगा और 2.80 करोड़ मतदाता 152 प्रत्याशियों के चुनावी भाग्य का फैसला करेंगे।
राज्य की 12 सीटों पर 19 अप्रैल को पहले चरण में अपेक्षाकृत कम मतदान के बाद दूसरे चरण में भारतीय जनता पार्टी का प्रचार अभियान तेज रहा।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राज्य में अपनी सभाओं में कांग्रेस पर तीखा हमला बोला है।
राज्य में पहले चरण में 12 सीटों पर 58.28 फीसदी मतदान हुआ जो 2019 में 64.02 फीसद था। कम मतदान प्रतिशत से चिंतित दोनों दलों के नेताओं ने लोगों को मतदान के लिए प्रोत्साहित करने पर ध्यान केंद्रित किया है।
पिछले दो लोकसभा चुनाव 2014 और 2019 में एक भी सीट नहीं जीत पाने वाली कांग्रेस इस बार भाजपा के गढ़ में सेंध लगाने की कोशिश में है। दूसरे चरण की 13 सीटों में से छह 'हॉट सीट' मानी जा रही हैं।
इनमें भारत-पाकिस्तान की सीमा पर स्थित राजस्थान के सबसे बड़े लोकसभा क्षेत्र बाड़मेर में निर्दलीय उम्मीदवार रविंद्र सिंह भाटी, कांग्रेस उम्मीदवार उम्मेदाराम और भाजपा उम्मीदवार कैलाश चौधरी के बीच त्रिकोणीय मुकाबला माना जा रहा है।
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत जालोर सीट से चुनाव मैदान में हैं और प्रचार अभियान के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री का ज्यादातर ध्यान जालोर पर ही रहा, जिससे भाजपा उम्मीदवार लुंबाराम के लिए मामला 'कठिन' होता नजर आ रहा है।
वैभव गहलोत 2019 में अपना पहला लोकसभा चुनाव जोधपुर में भाजपा के गजेंद्र सिंह शेखावत से हार गए थे।
दूसरे चरण में सबकी नजरें जोधपुर पर होंगी जहां भाजपा सांसद गजेंद्र सिंह शेखावत को कांग्रेस उम्मीदवार करण सिंह उचियारड़ा से कड़ी टक्कर मिल रही है। कांग्रेस नेता का यह पहला लोकसभा चुनाव है जबकि शेखावत 2014 और 2019 में लगातार दो जीत के बाद तीसरी बार मैदान में है।
उचियारड़ा ने गजेंद्र सिंह को 'बाहरी' बताते हुए 'स्थानीय' और 'बाहरी' का मुद्दा बनाया है।
भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने झालावाड़-बारां लोकसभा सीट पर अपना चुनाव प्रचार केंद्रित रखा। उनके बेटे और मौजूदा सांसद दुष्यंत सिंह इस सीट से फिर से चुनाव मैदान में हैं और उसनका मुकाबला कांग्रेस उम्मीदवार उर्मिला जैन से हैं।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को कोटा में कांग्रेस उम्मीदवार प्रह्लाद गुंजल से कड़ी चुनौती मिल रही है। गुंजल पहले भाजपा में थे और उनकी तभी से बिरला से अदावत रही है।
आदिवासी बहुल बांसवाड़ा सीट पर दिलचस्प मुकाबला देखने को मिल रहा है, जहां कांग्रेस ने अपना उम्मीदवार उतारने के बावजूद भारत आदिवासी पार्टी (बीएपी) के उम्मीदवार राजकुमार रोत को समर्थन दिया। कांग्रेस उम्मीदवार अरविंद डामोर ने नामांकन वापस नहीं लिया और मैदान में बने रहे। इस सीट पर भाजपा ने महेंद्रजीत सिंह मालवीय को उम्मीदवार बनाया है।
मालवीय बागीदौरा से कांग्रेस विधायक थे लेकिन हाल ही में भाजपा में शामिल हो गए और विधायक पद से इस्तीफा दे दिया। उनके इस्तीफे से खाली हुई बागीदौरा विधानसभा सीट के लिए मतदान भी 26 अप्रैल को होगा।
राजस्थान विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष और कांग्रेस के उम्मीदवार डॉ. सीपी जोशी भीलवाड़ा सीट पर भाजपा के दामोदर अग्रवाल के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चंद्र प्रकाश जोशी भी चित्तौड़गढ़ से तीसरी बार लोकसभा चुनाव लड़ रहे है। चित्तौड़गढ़ में पूर्व मंत्री उदयलाल आंजना कांग्रेस प्रत्याशी हैं। (भाषा)
नयी दिल्ली, 25 अप्रैल भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने बृहस्पतिवार को घोषणा की कि सुप्रीम कोर्ट व्हाट्सएप संदेशों के माध्यम से अधिवक्ताओं को वाद सूची और मामलों को दाखिल करने और सूचीबद्ध करने से संबंधित जानकारी साझा करना शुरू करेगा।
प्रधान न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली नौ न्यायाधीशों की पीठ ने याचिकाओं से उत्पन्न एक जटिल कानूनी सवाल पर सुनवाई शुरू करने से पहले न्यायमूर्ति चंड्रचूड़ ने यह घोषणा की।
याचिकाओं से यह सवाल निकलकर सामने आया कि क्या निजी संपत्तियों को संविधान के अनुच्छेद 39 (बी) के तहत 'समुदाय के भौतिक संसाधन' माना जा सकता है, जो राज्य के नीति निर्देशक सिद्धांतों (डीपीएसपी) का एक हिस्सा है।
प्रधान न्यायाधीश ने कहा, ''75वें वर्ष में उच्चतम न्यायालय ने एक पहल की है, जिसमें न्यायालय की आईटी सेवाओं के साथ व्हाट्स ऐप संदेशों को एकीकृत कर न्याय तक पहुंच को और मजबूत बनाने का लक्ष्य रखा गया है।''
उन्होंने कहा कि अब अधिवक्ताओं को मुकदमा दाखिल करने के बारे में ऑटोमेटेड संदेश प्राप्त होंगे। न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने यह भी कहा कि वाद सूची के प्रकाशित होने के बाद बार सदस्यों को उनके मोबाइल फोन पर सूची प्राप्त होगी।
वाद सूची का मतलब एक तय तिथि पर अदालत द्वारा मुकदमे पर होनी वाली सुनवाई।
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा, ''यह एक क्रांतिकारी कदम है।''
प्रधान न्यायाधीश ने शीर्ष अदालत का आधिकारिक व्हाट्सएप नंबर भी साझा किया और कहा कि इस पर कोई संदेश और कॉल प्राप्त नहीं होगा।
न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा, ''इससे हमारी कामकाजी आदतों में महत्वपूर्ण बदलाव आएगा और कागजात बचाने में काफी मदद मिलेगी।''
प्रधान न्यायाधीश चंद्रचूड़ के नेतृत्व में शीर्ष अदालत न्यायपालिका के कामकाज को डिजिटल बनाने के लिए कदम उठा रही है।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने ई-कोर्ट परियोजना के लिए सात हजार करोड़ रुपये की मंजूरी दी है। (भाषा)
वाराणसी, 25 अप्रैल । केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने गुरुवार को काशी के कोतवाल कहे जाने वाले काल भैरव के दर्शन किए और पीएम मोदी की जीत का आशीर्वाद मांगा।
बुधवार को पीएम मोदी के चुनाव कार्यालय उद्घाटन के लिए अमित शाह काशी पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने एक जनसभा को संबोधित किया था।
एयरपोर्ट निकलने से पहले गृहमंत्री अमित शाह ने काशी के कोतवाल बाबा काल भैरव के दर्शन किए। शाह तकरीबन दो मिनट तक मंदिर में रहे और फिर बाहर निकले।
इस दौरान जय श्रीराम, मोदी-योगी जिंदाबाद, अमित शाह जिंदाबाद के नारे भी लगे।
बाहर निकलने पर केंद्रीय मंत्री ने हाथ उठाकर स्थानीय लोगों का अभिवादन किया।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का काशी विश्वनाथ धाम जाने का कार्यक्रम तय था, लेकिन अंतिम समय में रद्द कर दिया गया।
बताया जा रहा है कि उनकी कोई जनसभा थी, इस कारण उन्होंने अपना दर्शन कार्यक्रम रद्द कर दिया।
इसके पहले अमित शाह ने गुरुवार सुबह ताज होटल में काशी के कुछ प्रबुद्धजनों से मुलाकात की, चुनाव में बड़ी जीत सुनिश्चित करने के लिए सुझाव मांगे, काशी के विकास कार्यों पर उनकी राय जानी।
समीक्षा के दौरान उन्होंने चुनाव में कोई कमी न रह जाए इसके संदेश भी दिया।
-- (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 25 अप्रैल । बिहार के चर्चित यूटूबर मनीष कश्यप ने भाजपा का दामन थाम लिया है। भाजपा में शामिल होने के लिए मनीष कश्यप गुरुवार को भाजपा सांसद मनोज तिवारी और अपनी माताजी के साथ पार्टी मुख्यालय पहुंचे।
भाजपा के राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख अनिल बलूनी, पार्टी सांसद मनोज तिवारी, पार्टी के राष्ट्रीय मीडिया सह प्रमुख संजय मयूख और अपनी मां की मौजूदगी में मनीष कश्यप ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की।
भाजपा में शामिल होने के बाद मनीष कश्यप ने कहा कि जब वह जेल में थे तो उनकी मां लड़ रही थी ,उन्हें पता है कि किसने मेरा साथ दिया।
उनकी मां ने ही कहा कि मनोज भैया (मनोज तिवारी) की बात नहीं काटनी है, इसलिए उन्होंने भाजपा में शामिल होने का फैसला किया।
उन्होंने कहा कि वह कभी भाजपा के खिलाफ नहीं लड़े, बल्कि वह बिहार में परिवारवाद के खिलाफ रहे हैं।
मनीष कश्यप को भाजपा में लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले मनोज तिवारी ने कहा कि मनीष कश्यप ने हमेशा जनता के सरोकार से जुड़े मुद्दों को उठाया है, हमेशा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समर्थन में बात की है, लेकिन कुछ राजनीतिक दलों ने उनको बहुत दुख दिया है।
तिवारी ने यह भी कहा कि भाजपा ने हमेशा मनीष कश्यप का साथ दिया है।
(आईएएनएस)
मुंबई, 25 अप्रैल । बॉलीवुड एक्ट्रेस तमन्ना भाटिया को महाराष्ट्र साइबर पुलिस ने करोड़ों रुपये के महादेव ऑनलाइन सट्टेबाजी घोटाले की चल रही जांच में पूछताछ के लिए तलब किया है। अधिकारियों ने गुरुवार को यह जानकारी दी।
अधिकारियों ने कहा कि तमन्ना भाटिया ने कथित तौर पर महादेव के ग्रुप ऐप में से एक, फेयरप्ले ऐप पर आईपीएल देखने के लिए प्रचार किया था।
एक्ट्रेस को अपना बयान दर्ज करने के लिए सोमवार, 29 अप्रैल को साइबर पुलिस के सामने पेश होने के लिए कहा गया है।
कई अंतरराज्यीय और केंद्रीय एजेंसियां भी महादेव ऐप घोटाले की जांच कर रही हैं, जो अनुमानित 6,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का बताया जा रहा है।
2021 में घोटाला सामने आने के बाद मनोरंजन जगत की कई हस्तियों, बिजनेसमैन और राजनीतिक संरक्षण वाले अन्य लोगों की संलिप्तता सामने आई।
इस मामले में पूरे भारत में छह दर्जन से ज्यादा एफआईआर दर्ज की गई हैं और जैसे ही मनी-लॉन्ड्रिंग का पहलू सामने आया, प्रवर्तन निदेशालय भी जांच में कूद गया।
(आईएएनएस)
हैदराबाद, 25 अप्रैल । तेलंगाना के वारंगल जिले में एक सड़क हादसे में इंटरमीडिएट के चार छात्रों की मौत हो गई। बताया जा रहा है कि ये सभी छात्र परीक्षा में सफलता का जश्न मना कर लौट रहे थे।
यह दुर्घटना वारंगल-खम्मम राजमार्ग पर वर्धन्नापेट शहर के बाहरी इलाके में आधी रात के आसपास हुई। जानकारी के मुताबिक जिस बाइक पर यह चारों युवक सवार थे, वह विपरीत दिशा से आ रही एक निजी बस से टकरा गई।
इस हादसे में तीन युवकों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि चौथे ने वारंगल के एमजीएम अस्पताल में दम तोड़ा।
हादसे का शिकार हुए सभी मृतकों की उम्र 17 साल के आसपास थी। उनकी पहचान एम. सिद्दू, पी. गणेश, वरुण तेज और पी. रानिल कुमार के रूप में हुई है।
गणेश वर्धन्नापेट के रहने वाले थे, जबकि तीन अन्य शहर के पास येलांडा गांव के निवासी थे। उन्होंने इंटरमीडिएट परीक्षा उत्तीर्ण की थी, जिसका परिणाम बुधवार को घोषित किया गया।
जानकारी के मुताबिक परीक्षा की सफलता का जश्न मनाने के लिए वह सभी डिनर के लिए बाहर गए थे। हालांकि, घर लौटते वक्त वे हादसे का शिकार हो गए। बाइक ने नियंत्रण खो दिया और वह विपरीत दिशा से आ रही बस से टकरा गई।
(आईएएनएस)
होशियारपुर, 25 अप्रैल । होशियारपुर में बदमाशों के हौसले इस कदर बुलंद हैं कि वो दिनदहाड़े लूटपाट की वारदात को अंजाम दे जा रहे हैं। ताजा मामला दाना मंडी इलाके का है जहां बदमाशों ने बेखौफ मोबाइल की दुकान में जबरन घुसकर लूटपाट की वारदात को अंजाम दिया।
इस दौरान बदमाश लाखों का सामान लेकर मौके से फरार हो गए। मामले का वीडियो भी सामने आया है, जिसमें देखा जा सकता है कि कैसे बदमाश दुकान में घुसकर लूटपाट की वारदात को अंजाम दे रहे हैं।
वहीं, दुकान के मालिक संजीव कुमार ने बताया, “वो हर रोज की तरह दुकान पर आए, लेकिन आज उनकी दुकान का ताला टूटा हुआ मिला। इसके बाद अंदर दाखिल हुए तो अंदर का नजारा देख उनके होश फाख्ता हो गए। बदमाश सभी सामान लेकर फरार हो चुके थे।"
उधर, पड़ोस के दुकानदार ने घटना के बारे में बताते हुए कहा कि सारी रात जीटी रोड चलता है, लेकिन इसके बावजूद भी चोरों के हौसले इतने बुलंद हैं कि शटर तोड़ कर अंदर से सारा कीमती सामान लेकर चोर फरार हो गए।
स्थानीय दुकानदार ने बताया कि रात में पुलिसकर्मियों की गश्त बढ़ाई जाए, ताकि चोरी की वारदात पर अंकुश लग सके।
हालांकि, लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए बड़ी संख्या में पुलिस बलों की तैनाती है, लेकिन इसके बावजूद भी जिस तरह से चोर चोरी की वारदात को अंजाम दे जा रहे हैं, वो चिंता का विषय है।
(आईएएनएस)
पटना, 25 अप्रैल । बिहार की राजधानी पटना के रेलवे स्टेशन के पास गुरुवार को एक बहुमंजिला होटल में आग लग गई। चल रही पछुआ हवा के कारण आग तुरंत पूरे होटल में फैल गई।
पुलिस के मुताबिक, पटना जंक्शन के पास एक बहुमंजिला इमारत में आग लग गई। आग लगने के बाद मौके पर अफरा-तफरी मच गई।
घटना की जानकारी मिलने के बाद पुलिस और अग्निशमन दस्ते की कई गाड़ियां मौके पर पहुंचकर आग पर काबू पाने का प्रयास शुरू कर दिया गया।
कोतवाली थाना क्षेत्र में हुई इस दुर्घटना में कुछ लोगों के फंसे होने की भी आशंका जताई गई है। फंसे लोगों को निकाला जा रहा है।
आग लगने के कारणों का पता नहीं चल सका है। आग से बड़ी क्षति का अनुमान लगाया जा रहा है।
बताया जा रहा है कि सड़क के किनारे खड़ी गाड़ियों को भी नुकसान पहुंचा है।
उल्लेखनीय है कि भीषण गर्मी और तेज पछुआ हवा के कारण बिहार में लगातार आग लगने की घटनाएं सामने आ रही हैं।
(आईएएनएस)
नईमा खातून को पांच सालों के लिए अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी का वाइस चांसलर नियुक्त किया गया है. यूनिवर्सिटी की स्थापना के 123 सालों बाद पहली बार एक महिला को वीसी की जिम्मेदारी दी गई है.
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी की नई वाइस चांसलर के तौर पर नईमा खातून को नियुक्त किया गया है. यूनिवर्सिटी के 123 सालों के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है कि एक महिला को वीसी बनाया गया है. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मंजूरी के बाद नाइमा खातून को शिक्षा मंत्रालय ने पांच सालों के लिए यह जिम्मेदारी सौंपी है.
चूंकि यह नियुक्ति लोकसभा चुनाव के दौरान हुई है और फिलहाल अचार संहिता लागू है इसलिए चुनाव आयोग से भी इसकी मंजूरी ली गई. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक चुनाव आयोग ने कहा कि अचार संहिता को ध्यान में रखते हुए आयोग को नाइमा खातून की नियुक्ति पर कोई आपत्ति नहीं है.
नईमा खातून का अकादमिक सफर
नईमा ने साल 1988 में अलीगढ़ यूनिवर्सिटी में साइकॉलजी डिपार्टमेंट में बतौर लेक्चरर अपना करियर शुरू किया था. उन्होंने इसी विषय में अपनी पीएचडी भी की है. वह 2013 से 2014 तक इस विभाग की चेयरपर्सन भी रह चुकी हैं. अपने अकादमिक योगदानों के बलबूते उन्हें 2014 में अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के वीमेंस कॉलेज का प्रिसिंपल बना दिया गया.
प्रिसिंपल के साथ साथ वह यूनिवर्सिटी के कई अहम प्रशासनिक पदों पर भी रही हैं जैसे डिप्यूटी प्रॉक्टर और रेसिडेंशियल कोचिंग की डेप्यूटी डायरेक्टर. इसके अलावा एक साल के लिए वह यूनिवर्सिटी ऑफ रवांडा में भी पढ़ाने गई थीं.
रिसर्च के अलावा नईमा खातून अब तक अपनी छह किताबें प्रकाशित कर चुकी हैं. उनके रिसर्च पेपर कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय जर्नल में प्रकाशित किए जा चुके हैं.
क्यों खास है नईमा खातून की नियुक्ति
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी भारत के सबसे पुराने विश्वविद्यालयों में से एक है. लेकिन सौ साल से भी अधिक बीत जाने के बाद अब तक किसी भी महिला ने इस यूनिवर्सिटी की वीसी का पद नहीं संभाला था. इसलिए नईमा खातून की नियुक्ति एक मिसाल के तौर पर देखी जा रही है. इससे पहले साल 1920 में बेगम सुल्तान जहां इस यूनिवर्सिटी की पहली चांसलर बनाई गई थीं.
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के अलावा भारत में केवल दो और केंद्रीय विश्वविद्यालय ही हैं जिनकी वाइस चांसलर महिलाएं रही हैं. शांतिश्री जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी की वीसी बनीं और नजमा अख्तर जामिया मिलिया इस्लामिया की, जिसका कार्यकाल 2023 में पूरा हुआ.
ई-बुक को बाजार में आए दशकों हो चुके हैं और तब से छपी हुई किताबों के मर्सिये पढ़े जा रहे हैं, लेकिन आज भी छपी हुई किताबें ज्यादा बिकती हैं. ऐसा क्यों?
डॉयचे वैले पर विवेक कुमार की रिपोर्ट-
दिल्ली में रहने वाले 34 साल के संकेत शर्मा बताते हैं कि वह महीने की चार-पांच किताबें तो खरीद ही लेते हैं. ए़डवर्टाइजिंग प्रोफेशनल शर्मा ने डीडब्ल्यू से कहा कि कोविड महामारी के दौरान उन्होंने काफी किताबें खरीदीं और महामारी के बाद भी इस संख्या में कमी नहीं आई है. 34 साल के संकेत उस पीढ़ी के पाठक हैं जिन्होंने किंडल पर ई-बुक पढ़ना शुरू किया. लेकिनई-बुकऔर उसके बाद ऑडियो बुक्स आने के बावजूद किताबों का खरीदना कम से कम उनके लिए तो कम नहीं हुआ.
स्टैटिस्टा मार्केट इनसाइट के आंकड़े बताते हैं कि इलेक्ट्रॉनिक किताबें यानी ई-बुक आज भी छपी हुई किताबों से जीत नहीं पाई हैं. अधिकतर देशों में आज भी छपी हुई किताबों की बिक्री ई-बुक से ज्यादा है. उदाहरण के लिए अमेरिका में पिछले साल लगभग 20 फीसदी आबादी ने कम से कम एक ई-बुक खरीदी. हालांकि छपी हुई किताब खरीदने वालों की संख्या 30 फीसदी रही.
इलेक्ट्रॉनिक किताबों की अवधारणा 1970 के दशक से ही मौजूद रही है, लेकिन 1990 और 2000 के दशक में इनकी लोकप्रियता तेजी से बढ़ी. जो ई-बुक रीडर सबसे पहले बाजार में आए थे, उनमें 1992 में आया सोनी डेटा डिस्कमैन शामिल है. हालांकि इसे बहुत ज्यादा लोकप्रियता नहीं मिली. ई-बुक की लोकप्रियता का नया दौर 2007 में शुरू हुआ जब एमेजॉन ने किंडल बाजार में उतारा.
छपी हुईं किताबें ज्यादा बिकीं
चीन ही एक ऐसा देश है जहां ई-बुक, छपी हुई किताबों से ज्यादा बिक रही हैं. स्टैटिस्टा के मुताबिक वहां पिछले साल 24 फीसदी लोगों ने छपी हुई किताब खरीदी जबकि 27 फीसदी लोगों ने ई-बुक खरीदी.
अपनी रिपोर्ट में स्टैटिस्टा ने लिखा है, "पूरी दुनिया में किताबों के बाजार के विश्लेषण के आधार पर कहा जा सकता है कि भले ही ई-बुक्स की लोकप्रियता बढ़ी है लेकिन वे छपी हुई किताबों को खत्म नहीं कर पाएंगी बल्कि उनके पूरक के रूप में मौजूद रहेंगी, जिससे प्रकाशन उद्योग को लाभ पहुंचेगा.”
छपी हुई किताबें खरीदने के मामले में ब्रिटेन के लोग बाकी दुनिया में आगे हैं. वहां लगभग 50 फीसदी आबादी ने पिछले साल कोई ना कोई किताब खरीदी है. इसके मुकाबले ई-बुक खरीदने वालों की संख्या 15 फीसदी रही. स्पेन और जापान में भी 40 फीसदी से ज्यादा लोगों ने छपी हुई किताब खरीदी जबकि ई-बुक खरीदने वालों की संख्या 20 फीसदी से कम रही.
भारत में किताबों का हाल
भारत में छपी हुई किताबें खरीदने वालों की संख्या 25 फीसदी से कुछ ही ज्यादा रही जबकि 10 फीसदी से कम लोगों ने ई-बुक खरीदी. जानकार कहते हैं कि भारत में पढ़ने की आदत दूसरे समाजों के मुकाबले कम है इसलिए बिक्री बहुत ज्यादा नहीं है.
जाने-माने लेखक सुंधाशु गुप्त कहते हैं, "लोग छपी हुई किताबें खरीदते हैं या ई बुक्स, इससे पहले ये सवाल भी जरूरी है कि क्या लोग किताबें खरीदते हैं, और किस समाज में, किस उम्र के लोग?" डीडब्ल्यू से बातचीत में उन्होंने कहा कि भारत में आज भी शिक्षित लोगों की संख्या बहुत कम है, बावजूद इसके किताबें तो बिकती ही हैं. प्रकाशकों की प्रगति और पुस्तक मेलों में आने वाली भीड़ उनकी इस बात की गवाह है.
गुप्त का कहना है कि जब हम पूरी तरह से शिक्षित समाज की बात करेंगे, जहां लोग (और खासकर युवा) ई बुक्स का सही अर्थ और उपयोग जानते हैं, वे निश्चित रूप से ई बुक्स के प्रति अधिक आकर्षित होंगे. उन्होंने यह भी कहा, "भारतीय समाज में जहां किताबों के प्रति ही आकर्षण खत्म हो रहा है, वहां ई बुक्स यदि कोई खरीद भी रहा है तो वह युवा पीढ़ी ही है. अधेड़ या वृद्ध आज भी छपी हुई किताब के प्रति ही झुकाव रखते हैं. ई बुक्स और छपी हुई किताबों के बीच की दूरी कम करने का कहीं भी कोई जरिया दिखाई नहीं देता."
पढ़ने का वैज्ञानिक आधार
2023 में एल. एल्टामुरा, सी. वर्गास और एल सैल्मेरोन ने एक शोध पत्र प्रकाशित किया था जिसमें उन्होंने कहा था कि छपी हुई किताब से किसी बात को समझने की दर ई-बुक के मुकाबले छह से आठ फीसदी ज्यादा होती है. हालांकि बहुत से लोगों ने कहा कि वे इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस पर ज्यादा तेजी से पढ़ पाते हैं लेकिन उन्होंने यह भी माना कि इस तरह पढ़ते हुए सोशल मीडिया, विज्ञापन, नोटिफिकेशन जैसी चीजों के कारण ध्यान ज्यादा बंटता है.
इस अध्ययन में कहा गया कि छपी हुई किताब को पढ़ना डूब जाने वाला अनुभव होता है जिसके कारण पाठकों को सामग्री ज्यादा समझ आती है और वे ज्यादा प्रभावशाली रूप से उसे याद कर पाते हैं.
किताब उठाकर पढ़ने के फायदों पर पहले भी कई अध्ययन हो चुके हैं. एक शोध के मुताबिक किताब को पकड़ने, उसे पढ़ते वक्त बैठने और पढ़ते हुए सिर व आंखों की गति के रूप में शरीर और मस्तिष्क के लिए पढ़ना एक अलग अनुभव होता है.
2016 में प्रकाशित ‘द इवॉल्यूशन ऑफ रीडिंग' नाम के अपने शोधपत्र में ए. मैंगन और ए. वान डेर वील लिखते हैं, "छपी हुईं किताबें और कागज के कारण पठन सामग्री को एक तरह का ठोस भौतिक स्वरूप मिलता है. ई-बुक को अलग तरह से छुआ जाता है और उन्हें पकड़ने और उनके पन्ने पलटने का अनुभव अलग होता है. टच-स्क्रीन का असर कागज के असर से अलग होता है. न्यूरोसाइंस और मनोवैज्ञानिक शोध कहते हैं कि किसी भी चीज को छूने का अनुभव मस्तिष्क में उसकी छवि बनाने पर असर डालता है." (dw.com)
पश्चिम बंगाल के शिक्षक भर्ती घोटाले में अदालत के आदेश के बाद हजारों शिक्षकों का भविष्य सवालों में घिर गया है. अदालत ने उन्हें वेतन का पैसा सूद समेत लौटाने को कहा है.
डॉयचे वैले पर प्रभाकर मणि तिवारी की रिपोर्ट-
कलकत्ता हाईकोर्ट के फैसले से एक झटके में बेरोजगार होने वाले करीब 26 हजार शिक्षक और गैर-शिक्षण कर्मचारियों पर दोहरी मार पड़ने का जोखिम है. अब पास-पड़ोस और गांव के लोग उनको संदेह की निगाहों से देख रहे हैं. ज्यादातर लोगों ने घर या गाड़ी के लिए बैंक से कर्ज ले रखा है. उनकी सबसे बड़ी चिंता यह है कि आखिर अब अगले महीने से वो कर्ज की किस्त कहां से चुकाएंगे.
इनमें से पांच से छह हजार ऐसे लोग हैं जिनकी नियुक्ति पैनल की मियाद खत्म होने के बाद हुई थी. अदालत ने उनसे 12 फीसदी सालाना सूद समेत चार सप्ताह के भीतर वेतन की पूरी रकम लौटाने को कहा है. उनमें से हाईस्कूल यानी नौवीं-दसवीं के शिक्षकों को औसतन 22 लाख और हायर सेकेंडरी (11-12) के शिक्षकों को औसतन 28 से 30 लाख तक की रकम लौटानी पड़ सकती है.
धरने पर बैठे शिक्षक
इस बीच, राज्य के स्कूल सेवा आयोग ने हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की है. इसी हफ्ते सोमवार को हाईकोर्ट का फैसला आने के बाद ही मंगलवार सुबह राज्य के विभिन्न हिस्सों से ऐसे सैकड़ों शिक्षक कोलकाता के शहीद मीनार मैदान में पहुंच कर धरने पर बैठ गए.
मुर्शिदाबाद से यहां पहुंची अदिती कुंडू बताती है, "मैंने हाल में ही मकान के लिए बैंक से दस लाख रुपए का कर्ज लिया था. अब समझ में नहीं आ रहा है वह कहां से लौटाउंगी? अदालत के एक फैसले ने मेरे पूरे परिवार का भविष्य अंधकारमय बना दिया है. मुझे आगे की राह ही नहीं सूझ रही है."
पश्चिम मेदिनीपुर जिले के एक गांव से कोलकाता पहुंचे प्रदीप्त चंदा कहते हैं, "अदालत के फैसले से पहले तक जो लोग सम्मान की निगाहों से देखते थे अब वही लोग संदेह की निगाहों से देखने लगे हैं. उनको लगता है कि मैंने भी रिश्वत देकर नौकरी हासिल की है. उनका सवाल था कि आखिर कुछ लोगों की गलती की सजा सबको क्यों मिली है? सीबीआई उन लोगों का पता लगाती जिनको घोटाले के जरिए नौकरी मिली थी. लेकिन हमने तो अपनी मेरिट के बल पर नौकरी हासिल की थी."
चंदा का कहना है कि हर महीने मिलने वाला वेतन तो घर-परिवार चलाने में खर्च हो गया. अब समझ में नहीं आ रहा है कि इतने कम समय में लाखों रुपए कहां से जुगाड़ करूंगा. वह परिवार के अकेले कमाऊ सदस्य हैं. उनके कंधों पर बूढ़े और बीमार मां-बाप के अलावा तीन भाई-बहनों की भी जिम्मेदारी है.
26 हजार शिक्षकों की नियुक्ति रद्द
कलकत्ता हाईकोर्ट ने करीब 26 हजार शिक्षकों की नियुक्ति रद्द करते हुए उनको वेतन के तौर पर मिले पैसों को सूद समेत चार सप्ताह के भीतर लौटाने का निर्देश दिया है. इन लोगों पर राज्य के बहुचर्चित शिक्षक भर्ती घोटाले के जरिए नौकरी हासिल करने का आरोप था. सीबीआई इस घोटाले की जांच कर रही है.
लोकसभा चुनाव के बीच अदालत के इस फैसले को ममता बनर्जी व उनकी सरकार के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस फैसले को गैरकानूनी करार देते हुए इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की बात कही है. हालांकि विपक्षी राजनीतिक दलों ने इस मामले में तृणमूल कांग्रेस सरकार को कठघरे में खड़ा कर दिया है.
क्या है शिक्षक भर्ती घोटाला
यह मामला स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) की ओर से नौंवी से बारहवीं तक शिक्षक और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की भर्ती के लिए वर्ष 2016 में आयोजित परीक्षा से जुड़ा है. उस परीक्षा का नतीजा आया नवंबर, 2017 में. पहले आयोग की ओर से एक मेरिट लिस्ट जारी की गई थी. बाद में संशोधन के नाम पर जब दूसरी मेरिट लिस्ट जारी की गई तो उसमें पहली सूची के कई नाम गायब थे. उनकी जगह कई ऐसे उम्मीदवारों के नाम इस सूची में थे जिनको दूसरों के मुकाबले कम नंबर मिले थे.
इन उम्मीदवारों में तत्कालीन शिक्षा राज्य मंत्री परेश अधिकारी की पुत्री अंकिता अधिकारी भी शामिल थीं. पहली लिस्ट में शीर्ष 20 उम्मीदवारों में शामिल एक महिला उम्मीदवार बबिता सरकार का नाम दूसरी सूची में प्रतीक्षा सूची में चला गया. हालांकि मंत्री की पुत्री अंकिता, बबिता से कम नंबर पाने के बावजूद, दूसरी लिस्ट में शीर्ष पर आ गईं.
बबिता ने इसके खिलाफ हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की. उस पर लंबे समय तक चली सुनवाई के बाद अदालत ने मंत्री की पुत्री को नौकरी से हटाने और उससे पूरा वेतन वापस लेने का निर्देश दिया. उसकी जगह बबिता सरकार को नौकरी पर रखने का निर्देश दिया गया. उसके बाद इस कथित घोटाले के खिलाफ कई दूसरे उम्मीदवारों ने भी अदालत का दरवाजा खटखटाया था.
बाग समिति की रिपोर्ट
अदालत ने इस मामले की जांच के लिए रंजीत कुमार बाग की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया. बाग समिति की रिपोर्ट से सामने आया कि इस भर्ती परीक्षा में बड़े पैमाने पर घोटाला हुआ है. समिति ने घोटाले में शामिल पांच अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज करने की सिफारिश की थी. उसी रिपोर्ट के आधार पर हाईकोर्ट के तत्कालीन न्यायाधीश अभिजीत गांगुली ने नवंबर, 2021 में इस घोटाले की जांच सीबीआई को सौंपी थी. बाद में इससे जुड़े सात अन्य मामलों की जांच भी सीबीआई को सौंपी गई.
न्यायमूर्ति गांगुली के निर्देश पर ही सीबीआई ने पूर्व शिक्षा मंत्री और ममता बनर्जी सरकार में नंबर दो रहे पार्थ चटर्जी को पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था. यह इस घोटाले में पहली हाई प्रोफाइल गिरफ्तारी थी. उसके बाद स्कूल सेवा आयोग के कई अधिकारियों के अलावा तृणमूल कांग्रेस के कई नेता भी इस मामले में गिरफ्तार किए जा चुके हैं.
उस समय भी अदालत ने पांच हजार से ज्यादा लोगों को बर्खास्त करने का निर्देश दिया था. उस फैसले को खंडपीठ में चुनौती दी गई. हालांकि फैसला बरकरार रहा. बाद में सरकार ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. सुप्रीम कोर्ट ने इसे हाईकोर्ट की विशेष खंडपीठ के पास भेजकर शीघ्र फैसला करने का निर्देश दिया था. तीन महीने से ज्यादा चली सुनवाई के बाद अब यह फैसला आया है.
तृणमूल कांग्रेस पर विपक्ष हमलावर
इस फैसले के बाद ममता बनर्जी ने पीड़ितों के साथ खड़े रहने की बात कही है. उनका सवाल था कि आखिर यह लोग चार सप्ताह के भीतर इतना पैसा कहां से चुकाएंगे. उन्होंने कहा कि सरकार नौकरियां दे रही है और वो इसे छीन रहे हैं. तृणमूल कांग्रेस ने कहा है कि हो सकता है कि कुछ गलतियां हुई हों. लेकिन कुछ लोगों की गलती की सजा सारे लोगों को देना उचित नहीं है. उनका कहना था कि कुछ उम्मीदवारों के खिलाफ शिकायत थी, लेकिन दो-तिहाई उम्मीदवारों के खिलाफ किसी ने कोई शिकायत नहीं की थी. बावजूद इसके सबकी नौकरियां छीन ली गई हैं. इससे करीब डेढ़ लाख लोगों के सामने अनिश्चितता की स्थिति पैदा हो गई है.
अदालती फैसले के बाद विपक्ष ममता बनर्जी और तृणमूल कांग्रेस पर हमलावर हो गया है. बीजेपी ने इसे बंगाल का सबसे बड़ा घोटाला बताते हुए ममता बनर्जी के इस्तीफे की मांग उठाई है. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने कहा है कि तृणमूल कांग्रेस नेताओं के भ्रष्टाचार का खामियाजा आम लोगों को भरना पड़ रहा है. चुनाव के सीजन में लोग इसका जवाब देंगे. उनका कहना था कि यह घोटाला शिक्षक के सम्मानित पेशे पर कलंक है.
सीपीएम नेता विकास रंजन भट्टाचार्य ने भी कहा है कि यह एक बड़ा घोटाला है जिसमें तृणमूल के तमाम नेता शामिल हैं. सीबीआई की जांच पूरी होने पर सबका असली चेहरा सामने आएगा. इस घोटाले का बेहद प्रतिकूल सामाजिक असर पड़ा है. इससे हजारों लोगों का भविष्य अधर में लटक गया है.
अदालत ने करीब तीन सौ पेज के अपने फैसले में सीबीआई को राज्य सरकार से जुड़े उन लोगों से पूछताछ करने और जरूरी होने पर हिरासत में लेने का निर्देश दिया है जो अतिरिक्त पदों की मंजूरी में शामिल थे. आरोप है कि अवैध नियुक्तियों के तहत लोगो को खपाने के लिए कई हजार अतिरिक्त पद बनाए गए थे. (dw.com)
लोकतंत्र का महापर्व कहे जाने वाले आम चुनाव के प्रथम चरण में मतदाताओं में ज्यादा उत्साह नहीं दिखा. जहां एक ओर त्रिपुरा में सबसे ज्यादा मतदाताओं ने अपने वोट डाले, वहीं बिहार में सबसे कम वोटर पोलिंग बूथ तक पहुंचे.
डॉयचे वैले पर मनीष कुमार की रिपोर्ट-
बिहार में 19 अप्रैल को लोकसभा चुनाव के प्रथम चरण में गया, औरंगाबाद, नवादा और जमुई में वोट डाले गए. आयोग द्वारा दी गई अद्यतन जानकारी के अनुसार, तमाम प्रयास के बावजूद राज्य में औसतन 50 प्रतिशत से कम 49.2 फीसदी मतदान हुआ. 2019 के आम चुनाव में यही मतदान प्रतिशत 53.47 था. पिछली बार भी राज्य की नवादा सीट पर सबसे कम 49.73 प्रतिशत मतदान हुआ था और इस बार भी नवादा सीट पर ही सबसे कम 41.5 प्रतिशत वोटिंग हुई. वोटिंग के इस ट्रेंड से निर्वाचन आयोग के साथ-साथ राजनीतिक पार्टियां परेशान हैं. सभी दलों में खलबली मची है. आयोग ने तो कम वोटिंग के कारणों की समीक्षा करने की बात कही है.
वैसे तो आम चुनाव में यदि मतदान प्रतिशत अधिक होता है तो इसे सत्ता के विरुद्ध माना जाता है और यदि कम वोटिंग होती है तो समझा जाता है कि चुनाव को लेकर मतदाताओं में खासा उत्साह नहीं है. ऐसे इसे लेकर कोई फार्मूला तय नहीं है, इससे हार या जीत का आकलन नहीं किया जा सकता. लेकिन, इतना तो साफ है कि राजनीतिक पार्टियां बेचैन हैं और अपने हिसाब से नफा-नुकसान का आकलन कर रही हैं. लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के मुखिया चिराग पासवान का मानना है कि कम वोटिंग इसलिए हुई है कि एनडीए के समक्ष कोई चुनौती नहीं है और एनडीए सभी जगह अच्छा करने जा रही है.
हालांकि, कम वोटिंग के लिए मौसम भी एक वजह मानी जा रही है. बीते 19 को राज्य में तीखी धूप थी. कहीं-कहीं लू चल रही थी. उस दिन औरंगाबाद का तापमान 41.3, गया का 42.1, नवादा का 42.0 एवं जमुई का 41.8 डिग्री सेल्सियस था. इस गर्मी में ग्रामीण इलाकों के मतदाता तो थोड़े उत्साह में दिखे, किंतु शहरी क्षेत्रों के वोटर उदासीन बने रहे. अर्थशास्त्री अमित बख्शी रोजगार के लिए पलायन को भी कम वोटिंग की एक वजह मानते हैं, भले ही वह मौसमी ही क्यों न हो. वे कहते हैं, "आम तौर पर ग्रामीण इलाकों में यह ट्रेंड है कि परिवार के सभी लोग एक साथ मतदान के लिए जाते हैं. ऐसे में यदि परिवार का मुखिया मौजूद नहीं होता है तो घर के अन्य सदस्य निकलना नहीं चाहते. शायद, सामाजिक समीकरण की वजह से भी वे निकलने से परहेज करते हों."
चाह अच्छे प्रत्याशियों की
राजनीतिक तथा सामाजिक विश्लेषक व चिंतक वोट देने के लिए लोगों के घरों से नहीं निकलने को खतरनाक संकेत मानते हैं. उनका कहना है कि यह स्थिति तब आती है जब वोटरों में नकारात्मकता का भाव और निराशा होती है. इसकी वजह सरकार के कामकाज, व्यवस्था, उम्मीदवारों के चयन, विकल्प का नहीं होना या फिर सिद्धांतविहीन होती जा रही राजनीति हो सकती है.
राजनीतिक विश्लेषक एनके चौधरी इसकी बड़ी वजह सिद्धांतविहीन राजनीति को मानते हैं. वे कहते हैं, "इस कारण लोगों में पहले की तरह उत्साह नहीं रहा और प्रत्याशियों के प्रति भी उनकी खास दिलचस्पी नहीं होती. काफी समय से एक ही सरकार या फिर विकल्प उपलब्ध नहीं होने से भी मतदाता निराश होते हैं." राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय द्वारा 40 लोकसभा क्षेत्रों में 60 हजार वोटरों के बीच कराए गए एक बेसलाइन सर्वेक्षण में यह बात सामने आई थी कि पार्टियां अच्छे उम्मीदवारों का चयन करेंगी, तभी वोट प्रतिशत बढ़ सकेगा. 42.2 प्रतिशत लोगों की यही राय थी.
उम्मीदवार थोपना पसंद नहीं
पहले अधिकतर राजनीतिक पार्टियां कैडर आधारित हुआ करती थीं. नेता दलों से जुड़कर लोगों की सेवा किया करते थे. उनके सामाजिक जीवन को देखकर ही उन्हें टिकट मिलता था. किंतु, अब परिस्थिति इसके उलट हो गई है. पत्रकार शिवानी कहती हैं, "किसी सीटिंग उम्मीदवार को अपनी पार्टी से टिकट नहीं मिला तो वह येन-केन-प्रकारेण दूसरे बड़े दल से अपनी सेटिंग कर सफल हो जाता है. यह बात दीगर है कि खराब परफॉर्मेंस के कारण उनकी पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया हो. तब मतदाता यह सोचने लगता है कि स्थिति तो बदलने वाली नहीं. इससे भी वोटरों का उत्साह घटता है."
पार्टियों पर टिकट बेचने तक के आरोप भी लगते रहे हैं. सामाजिक चिंतक एवं एएन सिन्हा सामाजिक अध्ययन संस्थान के पूर्व निदेशक डीएम दिवाकर गिरते वोट प्रतिशत को लोकतंत्र के लिए खतरनाक संकेत मानते हैं. वे कहते हैं, "पहले प्रत्याशियों के काम और संबंधों को देख लोग मतदान करना अपनी जिम्मेदारी समझते थे. लेकिन अब ऐसे उम्मीदवार कम हैं." बाहर से आकर चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों पर वे कहते हैं कि "क्षेत्र की जनता से तो उनसे जुड़ाव होता नहीं है. इससे लोगों की प्रतिबद्धता प्रभावित होती है, निराशा का भाव भी घर कर जाता है. राजनीतिक दलों को जनता से जुड़ा उम्मीदवार देना चाहिए."
सामूहिक प्रयास की जरूरत
वोटरों की उदासीनता को परख चुनाव आयोग के साथ-साथ राजनीतिक दल भी तेजी से सक्रिय हुए हैं. पार्टियों का यह भी मानना है कि मतदाता पर्ची के वितरण में भी लापरवाही बरती गई है, इसलिए बूथ स्तर तक के कार्यकर्ताओं को संपर्क साधने के साथ ही लोगों को जागरूक किया जा रहा है. 26 अप्रैल को होने वाले दूसरे चरण के लिए पार्टियां जिला निर्वाचन अधिकारी से बूथ पर गर्मी से बचाव की व्यवस्था करने का अनुरोध कर रही हैं.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी अपनी सभाओं में लोगों से घर जाकर आसपास के लोगों को प्रणाम कहने तथा वोटिंग के लिए प्रेरित करने का आग्रह कर रहे. बीजेपी ने कार्यकर्ताओं को जनसंपर्क करने तथा आरजेडी ने वोटिंग से पहले लोगों के लिए मतदान पर्ची का इंतजाम करने को कहा है. कांग्रेस व अन्य दल भी अपने नेताओं को वोटिंग के लिए लोगों को जागरूक करने की कोशिश करने को कह रहे हैं.
ऐसा नहीं है कि इस संदर्भ में निर्वाचन आयोग पहले से सतर्क नहीं रहा. टीआइपी (टारगेट इंप्लीमेंटेशन प्लान), एसवीईईपी (सिस्टमेटिक वोटर्स एजुकेशन एंड इलेक्टोरल पार्टिसिपेशन प्रोग्राम) और इलेक्शन एंबेसडर बनाई गई जानी-मानी हस्तियों द्वारा मतदाताओं से बूथ तक आकर वोटिंग की अपील की गई, भले ही अपेक्षित परिणाम न मिल सका हो. एक वरीय अधिकारी के अनुसार इस मुद्दे पर काफी विमर्श किया गया है और अन्य चरणों के लिए नई योजनाएं सामने आएंगी. हालांकि, इन सभी प्रयासों के साथ-साथ वोटर ही नहीं, आमजन को भी यह अहसास दिलाना होगा कि उनके एक-एक वोट का असर होता है, इसलिए उन्हें चेतने की जरूरत है. राजनीतिक दलों को भी अपनी विश्वसनीयता बढ़ानी होगी, प्रत्याशियों के चयन की प्रक्रिया में भी लोगों की सहभागिता सुनिश्चित करनी होगी. (dw.com)
पटना, 25 अप्रैल । राष्ट्रीय जनता दल में दलित चेहरा शिवचंद्र राम को पार्टी ने एक बार फिर बिहार की चर्चित सीट हाजीपुर से प्रत्याशी बनाया है। उनका मुकाबला एनडीए में शामिल लोजपा (रा) के प्रमुख चिराग पासवान से है। वैशाली जिले के महुआ विधानसभा से विधायक रह चुके शिवचंद्र राम की पहचान दलित नेता के रूप में होती है। दलित समाज के रविदास जाति से आने वाले राम का कहना है कि यह चुनाव अन्य चुनावों से अलग है। आईएएनएस ने उनसे खास बातचीत की।
उन्होंने कहा कि राजद इस चुनाव में नौकरी और विकास के मुद्दे पर चुनाव मैदान में उतरी है और इन मुद्दों को जनता पसंद कर रही है।
बिहार के पूर्व मंत्री राम ने आईएएनएस के साथ विशेष बातचीत में कहा कि इस चुनाव में लड़ाई 17 महीने बनाम 17 साल की है।
राजद के अध्यक्ष लालू प्रसाद के करीबी नेता के रूप में माने जाने वाले राम ने तेजस्वी यादव को 'नौकरी मैन ऑफ इंडिया ' बताते हुए कहा कि उन्होंने 17 महीने की सरकार में रहते हुए पांच लाख से अधिक नौकरियां बिहार में दिलवाई। बिहार के लोगों में आज तेजस्वी की पहचान नौकरी देने वाले नेता के तौर पर होने लगी है।
विरोधियों द्वारा एनडीए की सरकार में नौकरी के मामले में सब कुछ तय होने के संबंध में पूछे जाने पर वे बेबाकी से कहते हैं कि एनडीए की तो 17 साल से सरकार है, कितने लोगों को नौकरी दी गयी। बोलने के लिए आप कुछ भी बोल सकते हैं।
युवा राजद के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके राम कहते हैं कि हाजीपुर के लोग पिछले 47 साल से एक ही परिवार को झेल रहे हैं।
एनडीए के प्रत्याशी चिराग पासवान पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि इस चुनाव में भी एक प्रत्याशी जमुई से भागकर हाजीपुर में शरण लेने पहुंचे हैं। हाजीपुर की लड़ाई स्पष्ट है एक ओर हवा हवाई प्रत्याशी हैं, जबकि दूसरी ओर आपके सुख दुख में 24 घंटे आपके बीच रहने वाला।
उन्होंने बाहरी और स्थानीय का भी मुद्दा उठाया।
लोजपा के संस्थापक रामविलास पासवान की कर्मभूमि माने जाने वाले हाजीपुर लोकसभा के विषय में राम कहते हैं कि इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व अधिकांश समय एक परिवार के सदस्यों द्वारा किया जाता रहा है, लेकिन इस क्षेत्र ने जिस परिवार को जमीन से उठाकर सत्ता के गलियारों तक पहुंचाया, उस क्षेत्र को क्या मिला?
उन्होने दावा किया कि हाजीपुर को जितना आगे बढ़ना चाहिए था, वह नहीं बढ़ सका। आज भी कई इलाके बुनियादी सुविधाओं के लिए छटपटा रहे हैं। इस चुनाव में जनता मोदी सरकार को हटाने का मन बना चुकी है।
परिवारवाद के आरोपों के विषय में पूछने पर उन्होंने कहा कि पार्टी में नेताओं के बेटे और बेटियों को टिकट नहीं दिया गया है, यह मुद्दों से भटकाने की रणनीति है।
(आईएएनएस)
गुमला, 25 अप्रैल । गुमला जिले के चैनपुर थाना क्षेत्र में एक युवक ने अपने माता-पिता को पीट-पीटकर मार डाला। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।
बताया जा रहा कि उसने पारिवारिक संपत्ति को हड़पने की नीयत से वारदात को अंजाम दिया। चैनपुर थाने के एक पुलिस अफसर ने बताया कि ग्रामीण से मिली सूचना के अनुसार, लोरंबा खड़ियाटोला गांव में अर्पण मिंज ने बुधवार देर रात अपने पिता जेवियर मिंज और मां दोरसिया मिंज की पीट-पीटकर हत्या कर दी।
पुलिस ने गुरुवार सुबह आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। मृतकों के शव पोस्टमार्टम के लिए भेजे दिए गए हैं। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
(आईएएनएस)
पटना, 25 अप्रैल । बिहार के पटना जिले के पुनपुन इलाके में अज्ञात हमलावरों ने स्थानीय जदयू नेता सौरव कुमार की गोली मारकर हत्या कर दी। इस घटना में उनके एक दोस्त घायल हो गए। पुलिस पूरे मामले की छानबीन कर रही है।
पुलिस के मुताबिक, शिवसागर परसा बाजार के रहने वाले सौरव कुमार अपने कुछ दोस्तों के साथ बुधवार रात बढ़ैयाकोल गांव में एक रिसेप्शन पार्टी में गए थे।
वहां से देर रात जब लौट रहे थे, तब अज्ञात हमलावरों ने उन पर फायरिंग कर दी। गोली लगने से सौरव कुमार की मौत हो गई जबकि उनका एक दोस्त घायल हो गया।
घटना की सूचना के बाद आक्रोशित लोगों ने जमकर बवाल काटा और पटना-गया मार्ग को कई घंटे तक जाम रखा। इसके बाद पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और जाम खुलवाया। पुलिस मामले की जांच में जुटी है।
राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद की बेटी और पाटलिपुत्र से प्रत्याशी मीसा भारती ने मृतक सौरव के परिजनों से मुलाकात कर सांत्वना दी। मसौढ़ी के अनुमंडल पुलिस अधिकारी कन्हैया सिंह ने बताया कि पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है। हत्या के कारणों का अब तक पता नहीं चल सका है।
(आईएएनएस)
मथुरा, 25 अप्रैल । हिंदी फिल्मों में लंबे समय तक काम करने के बाद राजनीति में आने वाली मशहूर फिल्म अभिनेत्री हेमा मालिनी तीसरी बार मथुरा से चुनावी मैदान में हैं। वह मथुरा से भाजपा की उम्मीदवार हैं।
वह अपने क्षेत्र में प्रचार के लिए जुटी हैं। हेमा मालिनी का कहना है कि अब और ज्यादा विकसित मथुरा का प्रयास होगा।
आईएएनएस से हेमा मालिनी की हुई बातचीत के प्रमुख अंश...
सवाल :- इस बार के चुनाव में मुद्दे और चुनौतियां क्या हैं?
जवाब :- पिछले दो कार्यकाल में अधूरे रह चुके कार्यों को पूर किया जायेगा। नए कार्यों को भी कराया जायेगा। तीसरी बार के कार्यकाल में विकासित मथुरा की प्राथमिकता होगी। विकास के कार्य कभी समाप्त होने वाले नहीं हैं। यह अनवरत चलती रहती है। जो यहां के सांसद होंगे, उनमें ऊर्जा का होना आवश्यक है। तब कोई काम हो सकेगा। मथुरा के लिए ऊर्जावान सांसद ही चाहिए। जो हमेशा जनपद के विकास में मजबूती से जुटा रहे।
सवाल :- बेरोजगारी के मुद्दे पर विपक्ष घेर रहा है? भाजपा की क्या रणनीति है।
जवाब :- आरोपों में कोई दम नहीं है। सबकुछ ठीक चल रहा है। खासकर रोजगार को लेकर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बहुत काम किया है। अनेक योजनाएं चल रही हैं। नौजवानों को उनका लाभ उठाना चाहिए। विपक्ष के सवाल उठाने से सबकुछ हो जायेगा क्या? किसी को कहीं नहीं जाना है। नौजवान जाकर भाजपा कार्यकर्ताओं से मिलें। तमाम जानकारियां सरकारी वेबसाइट पर उपलब्ध हैं। उसका इस्तेमाल करें।
सवाल :- पिछले चुनाव में आरएलडी ने आपके खिलाफ प्रत्याशी लड़वाया था। इस बार साथ आने से कितना लाभ होगा?
जवाब :- भाजपा और रालोद का गठबंधन होना सकारात्मक है। जयंत जी अच्छा काम कर रहे हैं। उनके आने से मुझे खुशी है। हमारे लिए यह प्लस पॉइंट है।
सवाल :- श्रीकृष्ण जन्मभूमि पर कुछ कहेंगी?
जवाब :- मामला न्यायालय में है। प्रकरण चल रहा है। मैं क्या बोलूं? न्यायालय को डिसाइड करने दीजिये, फिर बात करेंगे।
सवाल :- राजनीति में बहुत से फिल्मी सितारे आए और चले गए पर आप डटी रहीं।
जवाब :- आप कहीं के सांसद बनेंगे तो पहले अपने दिमाग में एक विजन बनाना होगा। तमाम क्षेत्र मुझे भी दिए जा रहे थे, जैसे- नोएडा, गाजियाबाद आदि। परंतु, मैंने मथुरा को ही चुना; क्योंकि यहां विकास करने के लिए काफी अवसर हैं। यदि कोई अयोध्या का सांसद बनता है तो यह गर्व का विषय होगा। कार्य करने के लिए वहां भी तमाम अवसर हैं। वह व्यक्ति अद्वितीय और अच्छा काम करेगा। जिसे हमेशा याद किया जाएगा।
सवाल :- इस पंचवर्षीय में कौन-कौन से कम होने हैं?
जवाब :- 84 कोश परिक्रमा मार्ग निर्माण, यमुना सफाई, शिक्षा में भी काम करना है। माथुरा में सांस्कृतिक कार्यक्रम शुरू करने हैं। हमारी पारंपरिक कलायें निखारेंगी। सब कुछ तैयार है। इंफ्रास्ट्रक्चर तो है ही बस उसकी देखभाल करना है। देखभाल का दायित्व भी हमारा ही बनता है।
(आईएएनएस)
मुंबई, 25 अप्रैल । मुंबई में आधी रात को किराना दुकान (ग्रॉसरी शॉप) में दो गैस सिलेंडर फटने के बाद आग लग गई। बीएमसी आपदा नियंत्रण ने बताया कि घटना में एक 70 वर्षीय बुजुर्ग की मौत हो गई।
घटना रात करीब 11.55 बजे की है। धमाके से ग्राउंड फ्लोर पर बिजली की वायरिंग, इंस्टॉलेशन और किराने के सामान में आग लग गई। इसके बाद आग एंटॉप हिल के भीड़भाड़ वाले जय महाराष्ट्र नगर में ऊपरी मंजिल के आवासीय क्षेत्र में फैल गई। स्थानीय लोगों ने तत्काल फायर ब्रिगेड को बुलाया।
हालांकि, आग बिजली की फिटिंग और प्रतिष्ठानों तक ही सीमित थी। एक व्यक्ति जो कथित तौर पर ऊपरी मंजिल पर सो रहा था, नीचे किराने की दुकान से उठ रहे धुएं और आग की लपटों में फंस गया था।
स्थानीय लोगों ने दमकलकर्मियों को बताया कि एक व्यक्ति चॉल की ऊपरी मंजिल पर फंसा हुआ है। दमकलकर्मियों ने पीड़ित के जले हुए शरीर को वहां से निकाला और सायन अस्पताल पहुंचाया। हालांकि, उसकी मौत हो गई।
मृतक की पहचान पन्नालाल वैश्य के रूप में की गई है। वह 100 प्रतिशत जल गए थे। डबल गैस सिलेंडर विस्फोट से आग का कारण स्पष्ट नहीं है। मुंबई पुलिस मामले की जांच कर रही है।
(आईएएनएस)
भोपाल, 25 अप्रैल । मध्य प्रदेश के खजुराहो से सांसद और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा का कहना है कि उनके पहले कार्यकाल में बुंदेलखंड की खुशहाली की आधारशिला रखी जा चुकी है और अगले कार्यकाल में इस इलाके के माथे पर लगा सूखा, गरीबी, बेरोजगारी, पलायन का कलंक पूरी तरह मिट जाएगा और यह इलाका सूर्य तिलक की तरह चमकेगा।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष शर्मा का बतौर सांसद पहला कार्यकाल पूरा हो रहा है और शुक्रवार 26 अप्रैल को लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में यहां मतदान है।
आईएएनएस से खास बातचीत में उन्होंने कहा, "बीते पांच साल में बुंदेलखंड की तस्वीर बदलने के प्रयास हुए हैं। सड़कों का जाल बिछा है, स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार हो रहा है और पर्यटन को नया स्वरूप देने की कार्ययोजना पर काम चल रहा है। इस क्षेत्र के लिए केन बेतवा लिंक परियोजना क्रांतिकारी बदलाव लाने का काम करेगी। यह इलाका पानी की समस्या से जूझने वाले क्षेत्र के तौर पर पहचाना जाता रहा है। जब पानी होगा तो खेतों के लिए सिंचाई आसान हो जाएगी, पानी की उपलब्धता के चलते औद्योगिक विकास को भी गति मिलेगी।"
उन्होंने कहा, यहां के हर जिले में मेडिकल कॉलेज स्थापित किए जा रहे हैं जिससे लोगों को स्वास्थ्य सुविधा मिलना आसान हो जाएगी।
बुंदेलखंड की समृद्धि का जिक्र करते हुए शर्मा ने कहा कि यह वह इलाका है जहां की जमीन में हीरा है और यहां एलपीजी गैस से लेकर पेट्रोलियम तक मिलने की संभावना है। यहां की जमीन में तो हीरा है ही, यहां का आम आदमी भी हीरा से कम नहीं है जो देश के अलग-अलग हिस्सों में जाकर अपना पसीना बहाता है और देश निर्माण में हीरे की तरह अपना योगदान दे रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बुंदेलखंड की बदलती तस्वीर का जिक्र करते हुए शर्मा ने कहा कि यहां अंतरराष्ट्रीय स्तर का हवाई अड्डा बना है, वंदे भारत जैसी रेल सुविधा मिली है, केन बेतवा लिंक परियोजना का काम तेजी से चल रहा है, हर जिले में चिकित्सा महाविद्यालय शुरू हो रहे हैं और खजुराहो में आयुर्वेद चिकित्सा महाविद्यालय स्थापित किया जाने वाला है। राज्य के मुख्यमंत्री मोहन यादव समावेशी विकास को जमीन पर उतारने के अभियान में लगे हैं। इसके अलावा प्रयास किया जा रहे है कि खजुराहो में एक अंतरराष्ट्रीय स्तर का योग केंद्र स्थापित हो। इसके चलते अभावों में जूझने वाला बुंदेलखंड खुशी की राह पर आगे बढ़ रहा है और आने वाले समय में सूर्य तिलक की तरह चमकता नजर आएगा।
कांग्रेस की ओर से लगातार भारतीय जनता पार्टी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर किए जा रहे हमलों के सवाल पर शर्मा ने कहा कि कांग्रेस हो या विरोधी दल, वे पूरी तरह परिवारवादी राजनीति से घिरे हुए हैं और वर्तमान में चल रही मोदी लहर का मुकाबला करने में सक्षम नहीं हैं। उनकी स्थिति ठीक उस बाढ़ के समय जैसी है, जब पानी उफान पर होता है तो सांप बिच्छू से लेकर तमाम जहरीले जीव जंतु अपनी जान बचाने के लिए एक पेड़ पर इकट्ठा हो जाते हैं। ठीक इसी तरह का विपक्षी दलों का इंडी गठबंधन है, जो जान बचाने के लिए इकट्ठा हुए हैं और बाद में लड़ने लगेंगे। इसके बावजूद उनका मोदी लहर में बह जाना है।
राज्य में लोकसभा की कुल 29 सीटें है। पिछले चुनाव में भाजपा ने 28 स्थान पर जीत दर्ज की थी जबकि कांग्रेस सिर्फ एक छिंदवाड़ा में जीत हासिल कर सकी थी।
भाजपा का दावा है कि इस चुनाव में पार्टी सभी 29 स्थान पर जीत दर्ज करेगी।
(आईएएनएस)
जैसलमेर, 25 अप्रैल । राजस्थान के जैसलमेर के पिथला गांव के पास भारतीय वायु सेना का एक विमान क्रैश हो गया है। यह विमान सुनसान इलाके में गिरा, जिसमें जनहानि की कोई सूचना नहीं है।
क्रैश होने से विमान जल कर राख हो गया। इसका मलबा दूर-दूर तक फैला है। मलबे को देखने के लिए ग्रामीणों की भीड़ जुट रही है।
इस विमान में कोई पायलट नहीं था। इसलिए इसे जासूसी विमान माना जा रहा है।
हादसे के कारणों का अभी पता नहीं चल पाया है।
वायुसेना के अधिकारी पुलिस के साथ मौके पर पहुंच गए हैं।
माना जा रहा है कि किसी तकनीकी खामियों की वजह से ये विमान क्रैश हुआ है।
(आईएएएनएस)
हैदराबाद, 25 अप्रैल । हैदराबाद-विजयवाड़ा नेशनल हाईवे पर गुरुवार तड़के एक कार खड़े ट्रक से टकरा गई। इस हादसे में एक ही परिवार के छह सदस्यों की मौत हो गई और दो घायल हो गए।
पुलिस ने बताया कि यह हादसा तेलंगाना के सूर्यापेट जिले के कोडाद शहर में दुर्गापुरम स्टेज के पास हुआ। एक बच्चे समेत छह लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। दो अन्य घायलों को कोडाद के एक सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
पुलिस के अनुसार, एसयूवी सड़क किनारे खड़े ट्रक में पीछे से जा घुसी। मृतकों की पहचान माणिक्यम्मा, चंदर राव, कृष्णम राजू, स्वर्णा, श्रीकांत और लास्या के रूप में हुई है। खम्मम जिले का रहने वाला यह परिवार विजयवाड़ा जा रहा था।
पुलिस को संदेह है कि टक्कर का कारण तेज रफ्तार थी। कार चला रहे व्यक्ति को ट्रक खराब होने का पता ही नहीं चला।
(आईएएनएस)