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गुजरात में साबरमती आश्रम की पुनर्विकास योजना की आलोचना करते हुए राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि यह चौंकाने वाला है और गुजरात सरकार ने राजनीतिक रूप यह निर्णय लिया है.
हिंदुस्तान टाइम्स अख़बार लिखता है कि गहलोत ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस मामले में दख़ल दें और राज्य प्रशासन इस पर दोबारा विचार करे.
गहलोत ने कहा कि गुजरात सरकार का साबरमती आश्रम को तोड़कर एक म्यूज़ियम बनाना चौंकाने वाला है.
"लोग इस पवित्र जगह को देखने आते हैं कि कैसे गांधीजी ने साधारण जीवन जिया और समाज के हर वर्ग को शामिल करके एक विशाल स्वतंत्रता आंदोलन की योजना बनाई, ख़ासकर के तब जब समाज बहुत बंटा हुआ था. उन्होंने अपने जीवन के 13 क़ीमती साल इस आश्रम में बिताए."
गुजरात सरकार ने अहमदाबाद में साबरमती आश्रम के पुनर्विकास के लिए 1200 करोड़ रुपये की गांधी आश्रम मेमोरियल और सीमा विकास परियोजना तैयार की है.
साबरमती नदी के किनारे 1917 में महात्मा गांधी ने इस आश्रम की स्थापना की थी और राज्य सरकार की परियोजना इसके इर्द-गिर्द बननी है.
ऐसा माना जा रहा है कि 35 एकड़ के इस कॉम्प्लेक्स के निर्माण के दौरान कई ग़ैर-विरासत ढांचों को ढहा दिया जाएगा. तक़रीबन 100 प्रसिद्ध हस्तियां इस क़दम का विरोध कर चुकी हैं उनका आरोप है कि यह गांधीवादी संस्थानों को एक प्रकार से क़ब्ज़े में लेने की कोशिश है. (bbc.com/hindi)