अंतरराष्ट्रीय
शनिवार को आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में पेंटागन के प्रवक्ता जॉन कर्बी ने कहा कि काबुल एयरपोर्ट से अमेरिकी सैनिकों का कम होना शुरू हो गया है.
एक सवाल के उत्तर में उन्होने कहा कि, "हां हम हट रहे हैं." हालांकि उन्होंने सैनिकों की संख्या के बारे में कोई जानकारी नहीं दी.
उन्होंने कहा कि अमेरिका निश्चित समयसीमा के भीतर अफ़ग़ानिस्तान से बाहर निकलने की कोशिश कर रहा है लेकिन वो अख़िरी घड़ी तक अफ़ग़ान लोगों को वहां से निकालने की पूरी कोशिश करेगा.
प्रेस कॉन्फ्रेंस में अमेरिकी सेना के मेजर जनरल विलियम टेलर ने कहा कि अफ़ग़ानिस्तान में शुक्रवार को किए गए ड्रोन हमले में आईएसआईएस-के के दो साजिशकर्ता मारे गए हैं जबकि उनका एक मददगार घायल हुआ है.
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ये पूछे जाने पर कि क्या गुरुवार को हुए हमले के बाद अमेरिकी सैनिकों की गोलियों से कुछ अफ़ग़ानियों की मौत हुई, पेंटागन के अधिकारी ने जवाब दिया कि वो इसकी पुष्टि नहीं कर सकते.
पेंटागन के प्रवक्ता जॉन कर्बी ने कहा, “लेकिन हम पूरी तरह से इसे नकारने की स्थिति में भी नहीं है.”
इससे पहले तालिबान के प्रवक्ता बिलाल करीमी ने ट्वीट कर कहा है कि काबुल एयरपोर्ट के कुछ हिस्सों में तालिबान के लड़ाके प्रवेश कर रहे हैं. शनिवार को तालिबान के लड़ाकों को एयरपोर्ट के परिसर में बनी इमारतों में देखा गया था.
हालांकि पेंटागन ने कहा है कि एयरपोर्ट के गेट और उड़ानपट्टी पर जारी गतिविधियां फिलहाल अमेरिकी सेना की निगरानी में हो रही हैं.
पेंटागन के मुताबिक़ अमेरिकी सेना ने अब तक 117,000 लोगों को काबुल से बाहर निकाल लिया है, जिनमें ज़्यादातर अफ़ग़ानी हैं.
अमेरिकी अधिकारियों ने कहा कि लोगों को बाहर निकालने की प्रक्रिया में और हमलों की आशंका है.
अफ़ग़ानिस्तान से पश्चिमी देशों की सेना के बाहर जाने की समयसीमा 31 अगस्त को ख़त्म होने वाली है.
समाचार एजेंसी एएफ़पी के अनुसार शनिवार को 5,000 से अधिक लोग काबुल एयरपोर्ट पर देश से निकाले जाने की प्रतीक्षा कर रहे थे.
इधर तालिबान के लड़ाकों ने एयरपोर्ट की तरफ आने वाली सड़कों को बंद कर दिया है और केवल उन्हीं लोगों को भीतर आने की इजाज़त दी जा रही है जिसके पास वैध दस्तावेज़ हैं.
तालिबान के एक अधिकारी ने एएफ़पी को बताया कि उनके पास अफ़ग़ानिस्तान में मौजूद अमेरिकी नागरिकों की सूची है और जिनके नाम इसमें हैं उन्हें जाने की इजाज़त दी जा रही है.
इससे पहले राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रवक्ता जेन साकी ने कहा था कि अमेरिकी सुरक्षा अधिकारियों का मानना है कि आने वाले दिन "अब तक के सबसे मुश्किल दिन हो सकते हैं". (bbc.com)