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हांग कांग: मृत्यु के बाद पालतू जानवरों को कचरे में जाने से बचाने का संघर्ष
06-Sep-2021 2:49 PM
हांग कांग: मृत्यु के बाद पालतू जानवरों को कचरे में जाने से बचाने का संघर्ष

हांग कांग में पालतू जानवरों के लिए एक दर्जन से ज्यादा शवदाह-गृह खुल गए हैं. लोगों का कहना है कि सरकारी एजेंसियां मृत पालतू जानवरों के शरीर को कचरे के गड्ढों में डाल देती हैं.

(dw.com)

हांग कांग में एक तो जमीन प्राप्त करना एक मुश्किल काम है और उसके ऊपर से शवों को दफनाने का खर्च बहुत अधिक है. ऐसे में जानवरों के लिए दर्जन भर से ज्यादा शवदाह-गृह बनाए गए हैं, जहां पालतू जानवरों का दाह संस्कार किया जाता है.

कुत्तों के लिए पॉज गार्जियन रेस्क्यू शेल्टर नाम का आश्रय चलाने वाले केंट लुक कहते हैं कि इस विकल्प की वजह से पालतू जानवरों को एक करुणामयी दाह संस्कार मिल रहा है. लुक एक साथ करीब 500 बेघर कुत्तों की देखभाल करते हैं और इनमें से कई की देखरेख तो उन्हें उन कुत्तों के अंत समय तक करनी पड़ती है.

अंतिम विदाई
उनका मानना है कि एक सम्मान-पूर्ण अंतिम विदाई से उनके कुत्तों को जीवन के अंत में भी इज्जत मिलती है. उन्होंने यह भी बताया कि वो अगर अपने कुत्तों के शवों को सरकार को सौंप देंगे तो उन्हें शहर के कचरे के कई गड्ढों में से एक में डाल दिया जाएगा.

लुक कहते हैं, "हम यह नहीं चाहते कि इन शवों को कचरे में डाल दिया जाए. हम चाहते हैं कि इनके साथ थोड़ी इज्जत से पेश आया जाए." दाह संस्कार पास ही में स्थित एक पशुओं के लिए बने एक शवदाह-गृह में किए जाते हैं, जहां एक 'सांकेतिक' शुल्क भी लिया जाता है.

इंसानों के जैसा दाह-संस्कार
कई पालतू जानवरों के मालिक ज्यादा पैसे भी देते हैं. यह शुल्क 180 डॉलर से शुरू होता है और बड़े पशुओं के लिए और अधिक शुल्क भी देना पड़ सकता है. जानवरों के मालिकों को अलग से एक कमरा दे दिया जाता है जहां वे उन्हें अंतिम विदाई दे सकते हैं.

बाद में अगर वे चाहें तो शव के जल जाने के बाद बची भस्म को घर ला सकते हैं या एक शवदाह केंद्र के बागीचे में बिखेर सकते हैं. जोई वॉन्ग ने अपनी बिल्ली सुएट सुएट के लिए दाह संस्कार चुना. उन्होंने बताया कि वो अपनी बिल्ली की भस्म को अपनी बालकनी में लगे ताड़ के एक पेड़ के नीचे बिखेरना चाहती हैं.

वॉन्ग चाहती थीं कि सुएट सुएट को इंसानों की तरह दाह संस्कार मिले. उन्होंने बताया, "वो बालकनी से हमें देख सकती है...और वो हमारी जिंदगी का हिस्सा बनी रह सकती है और हमारे बच्चों को बड़ा होते हुए देख सकती है."

सीके/वीके (रॉयटर्स)

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