अंतरराष्ट्रीय

दुनिया के सबसे लंबे लोगों का क़द अब घटने क्यों लगा है?
01-Oct-2021 9:42 AM
दुनिया के सबसे लंबे लोगों का क़द अब घटने क्यों लगा है?

दशकों से नीदरलैंड का दावा रहा है कि उसके लोग दुनिया में सबसे लंबे हैं. नीदरलैंड केंद्रीय सांख्यिकी ब्यूरो (सीबीएस) के मुताबिक, 1958 के बाद डच दुनिया के किसी भी दूसरे देश के लोगों के मुक़ाबले सबसे लंबे हो गए.

लेकिन हाल में हुए शोध बताते हैं कि आज की पीढ़ी अपने पहले की पीढ़ी की तुलना में थोड़ी छोटी हो गई है. पुरुषों की औसत लंबाई 1 सेंटीमीटर, तो महिलाओं की औसत लंबाई 1.4 सेंटीमीटर तक कम हो गई है.

हालांकि लंबाई में हुई इस कमी के कई कारण बताए जा रहे हैं, लेकिन इसमें से कोई कारण ऐसा नहीं है जो विशेषज्ञों को संतुष्ट कर सके.

20वीं सदी में लोगों का कद बढ़ता गया
सीबीएस ने अपनी वेबसाइट पर बताया कि क़द लंबा होने की प्रवृत्ति लगभग एक सदी पहले शुरू हुई थी. यह एजेंसी हर चार साल में एक स्वास्थ्य सर्वेक्षण करती है. इसी सर्वेक्षण में लोगों की लंबाई भी मापी जाती है.

2020 में, 19 साल के डच पुरुषों की औसत लंबाई 182.9 सेंटीमीटर थी, जबकि उसी उम्र की महिलाओं की लंबाई 169.3 सेंटीमीटर थी.

ये वृद्धि सतत और तीव्र रही है. 1930 में पैदा हुए पुरुषों की तुलना में 1980 में पैदा हुए पुरुषों की ऊंचाई औसतन 8.3 सेंटीमीटर बढ़ गई. इसी तरह महिलाओं की लंबाई इस दौरान 5.3 सेंटीमीटर बढ़ गई.

सीबीएस की एक रिसर्चर और एम्स्टर्डम विश्वविद्यालय के समाजशास्त्र की प्रोफ़ेसर रूबेन वैन गैलेन ने डचों के लंबे होने का कारण बताया. उन्होंने बीबीसी को बताया, "इस देश में लोग बहुत दूध पीते हैं."

लेकिन उन्होंने कहा कि इस सिलसिले में और भी कई थ्योरी हैं. वे कहते हैं, "बेहतर जीवन स्तर से भी ऐसा हो सकता है. सभी देशों के मानव विकास सूचकांकों में नीदरलैंड पहले स्थान पर है. दूसरे देशों में डेनमार्क का भी यही सूचकांक है और वहां के लोग भी लंबे हैं."

लंबे होने का फायदा बहुत
रूबेन वैन गैलेन ने प्राकृतिक चयन (चार्ल्स डार्विन की नैचुरल सेलेक्शन थ्योरी) की घटना की ओर इशारा किया. और कहा कि लंबा होने से व्यक्ति को काफी फायदा होता है.

मालूम हो कि प्राकृतिक चयन के सिद्धांत को 19वीं सदी के वैज्ञानिक चार्ल्स डार्विन ने पेश किया था. उनके अनुसार, ये सिद्धांत बताता है कि समय के साथ किसी प्रजाति के आनुवंशिक लक्षण बदल सकते हैं. इससे एक नई प्रजाति भी बन सकती है.

इस अध्ययन में लंबाई और आय के बीच के संबंधों पर भी काम किया गया.

वे बताती हैं, "आप जितने लंबे होते हैं, उतना अधिक पैसा कमाते हैं. यदि आप लंबे हैं तो आप अधिक प्रभाव का अहसास कराते हैं और शायद इसलिए लोग आपकी बातों को ज्यादा मानते हैं. और आप ज्यादा सामाजिक प्रतिष्ठा पाते हैं."

सामान्यत: महिलाएं भी अपने से लंबे पुरुषों की ओर ही आकर्षित होती हैं. लंबे पुरुषों के पास महिलाओं का चयन करते समय अधिक विकल्प होते हैं.

क़द छोटा होने के कारण

सीबीएस के नए शोध के अनुसार, अब डच लोगों की लंबाई बढ़ना बंद हो गई है. इसके लिए 19 से 60 साल की उम्र के 7,19,000 लोगों की लंबाई ली गई.

नतीजों के अनुसार, 2000 के बाद पैदा हुए 19 साल के पुरुषों की लंबाई 1980 के दशक में पैदा हुए पुरुषों की तुलना में औसतन 1 सेमी कम हो गई. महिलाओं का क़द भी 1.4 सेंटीमीटर छोटा हो गया है.

विशेषज्ञों का मानना है कि इसके मुख्य कारणों में प्रवासन का बढ़ना, खान-पान बदलना और आर्थिक संकट के प्रभाव रहे हैं.

सांख्यिकीय अधिकारी ने कहा, "प्रवासियों का आना एक वजह है. यदि हम दुनिया के सबसे लंबे लोग हैं, तो प्रवासी हमसे छोटे होते हैं. उनकी आनुवंशिक बनावट छोटे कद का होता है."

उन्होंने कहा, "लेकिन क़द में आया ये ठहराव कई पीढ़ियों में हुआ जब दो माता-पिता नीदरलैंड में पैदा हुए. ऐसा ही उन पीढ़ियों के साथ हुआ, जिनके चार दादा-दादी नीदरलैंड में पैदा हुए."

सीबीएस ने अपनी वेबसाइट पर लिखा कि बिना आप्रवासन के इतिहास वाले पुरुष लंबे नहीं होते, जबकि बिना आप्रवासन के इतिहास वाली महिलाओं की लंबाई में कमी की प्रवृत्ति दिखती है.

रूबेन वैन गैलेन कद घटने का एक दूसरा संभावित कारण बताते हैं. वो कहते हैं कि औसत लंबाई में कमी उस जैविक सीमा के चलते हो सकती है कि व्यक्ति अब और नहीं बढ़ सकता.

हालांकि विशेषज्ञों को सबसे ज्यादा चिंता जीवनशैली बदलने और विकास के दौरान युवाओं के ज्यादा कैलोरी लेने को लेकर है.

उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा, "सभी सामाजिक वर्गों में बच्चों का बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) समय के साथ बढ़ा है. इससे लोग पहले की तरह नहीं बढ़ सकते."

उन्होंने चेताया कि यदि ऐसा ख़राब जीवनशैली के चलते हुआ है तो इसकी जांच होनी चाहिए, क्योंकि इससे ज़्यादा जीने की संभावना पर असर पड़ सकता है.

उन्होंने कहा, "हम अब धूम्रपान नहीं करते, पर हमारे जीवन में अब ज्यादा गति नहीं है. हम अधिक कैलोरी लेकर अपना वजन भी बढ़ाते हैं. इसलिए पहले जितना लंबा न होने का अप्रत्यक्ष प्रभाव, प्रत्यक्ष प्रभाव की तुलना में अधिक चिंताजनक है." (bbc.com)

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news