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चीनी फाइटर जेट ताइवान के डिफेंस जाेन में घुसे, तो छोटे से देश ने दिया मुंहतोड़ जवाब
02-Oct-2021 1:52 PM
चीनी फाइटर जेट ताइवान के डिफेंस जाेन में घुसे, तो छोटे से देश ने दिया मुंहतोड़ जवाब

ताइपे. चीनी एयरफोर्स के ताइवान के डिफेंस जोन में घुस आने पर ताइवान सरकार ने सख्त गुस्से का इजहार किया है. चीन ने नेशनल डे पर शक्ति प्रदर्शन करते हुए शुक्रवार और शनिवार की अलसुबह ताइवान की हवाई रक्षा सीमा में 38 फाइटर जेट भेज दिए थे. चीन की ओर से दो चरणों में की गई यह अब तक की सबसे बड़ी घुसपैठ थी.

इसके जवाब में ताइवान की एयरफोर्स भी हरकत में आ गई. उसने चीन को करारा जवाब देने के लिए अपने फाइटर जेट दौड़ा दिए. चीन दादागिरी दिखाते हुए ताइवान की सीमा के पास पिछले डेढ़ साल से लगातार हवाई घुसपैठ कर रहा है. ताइवान के प्रधानमंत्री सु त्सेंग-चेंग ने शनिवार सुबह कहा कि चीन जानबूझकर सैन्य आक्रमण में लगा हुआ है और क्षेत्रीय शांति को नुकसान पहुंचा रहा है.

चीन के ये फाइटर जेट अक्‍सर ताइवान के नियंत्रण वाले प्रतास द्वीप समूह के हवाई रक्षा क्षेत्र के नजदीक से गुजरते रहते हैं. ताइवानी रक्षा मंत्रालय के मुताबिक चीन ने 18 जे-16, चार सुखोई-30 विमान और दो परमाणु बम गिराने में सक्षम एच-6 बॉम्‍बर भेजे थे. इसके अलावा एक ऐंटी सबमरीन एयरक्राफ्ट भी चीनी बेड़े में शामिल था. इसके जवाब में ताइवान ने भी अपने लड़ाकू विमानों को दौड़ाया.

शनिवार को फिर से की हिमाकत
ताइवानी रक्षा मंत्रालय ने बताया कि इसके बाद शनिवार की अलसुबह को चीन ने 13 फाइटर जेट एक बार फिर से ताइवान हवाई रक्षा क्षेत्र से गुजरे. इसमें 10 जे-16, 2 एच-6 बॉम्‍बर और एक अर्ली वॉर्निंग एयरक्राफ्ट भी इसमें शामिल था. उसने कहा कि ताइवान के लड़ाकू विमानों ने चीनी विमानों को चेतावनी दी, वहीं, मिसाइलों को चीनी विमानों की निगरानी के लिए तैनात किया गया था.

चीनी विमानों का पहली यूनिट प्रतास द्वीप समूह के पास गुजरी. दूसरी यूनिट बाशी चैनल से गुजरी जो ताइवान को फिलीपीन्‍स से अलग करती है. यह प्रशांत महासागर और विवादित दक्षिण चीन सागर को जोड़ता है. चीन ने अपनी इस हरकत पर कोई बयान नहीं दिया है.

इससे पहले चीन ने कहा था कि इन लड़ाकू विमानों की उड़ान देश की संप्रभुता की रक्षा के लिए है. इससे पहले चीन ने जून महीने में एक साथ 28 विमान भेजकर अपनी ताकत का प्रदर्शन किया था. चीन ने ताइवान को अपनी संप्रभुता को स्‍वीकार कराने के लिए सैन्‍य और राजनीतिक दबाव बढ़ा दिया है.

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