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समलैंगिक शादी कराने वाले हिंदू पुजारी को मिल रही हैं जान से मारने की धमकियां
09-Oct-2021 3:05 PM
समलैंगिक शादी कराने वाले हिंदू पुजारी को मिल रही हैं जान से मारने की धमकियां

कनाडा में एक मंदिर के पुजारी को जान से मारने की धमकियां दी जा रही हैं. इस पुजारी ने दो लड़कियों की आपस में शादी कराई थी, जिसके बाद उन्हें समाज से बाहर कर दिया गया.

(dw.com)

कनाडा के टोरंटो में एक हिंदू पुजारी को इसलिए धमकियां मिल रही हैं क्योंकि उन्होंने समलैंगिक शादी संपन्न कराई. श्रीरंगनाथन कुरुकल को ऑनलाइन और अन्य कई तरीकों से प्रताड़ना का सामना करना पड़ा है. टोरंटो पुलिस ने इस मामले में एक व्यक्ति को गिरफ्तार भी किया है.

कुरुकल ने स्थानीय मीडिया को बताया है कि उन्हें फोन, मैसेज और सोशल मीडिया के जरिए जान से मारने की धमकियां दी जा रही हैं. उन्हें अपने हिंदू समाज से भी बहिष्कार झेलना पड़ रहा है. कई स्थानीय हिंदू संस्थाओं ने उन्हें बाहर निकाल दिया है और पुजारियों की स्थानीय एसोसिएशन भी उनसे नाराज है.

हिंदू प्रीस्ट एसोसिएशन ऑफ कनाडा ने एक बयान जारी कर कहा है कि वे इस शादी की निंदा करते हैं. तमिल में लिखे इस बयान में एसोसिएशन ने कहा, "हम ग्राफ्टन में पिछले रविवार को हुई एक शादी की कड़ी निंदा करते हैं जो हिंदू मान्यताओं के विपरीत कराई गई और जिसने बहुत से हिंदुओं को आहत किया.”

शादी कराने से नाराज
एसोसिएशन के इस बयान की न सिर्फ कनाडा में बल्कि भारत और अन्य देशों में भी कई विचारकों ने निंदा की है. टोरंटो में रहने वाली सामाजिक कार्यकर्ता सुमाथी फेसबुक इस पूरे घटनाक्रम के बारे में लिखा है.

सुमाथी ने लिखा, "एक हिंदू पुजारी ने पिछले हफ्ते कनाडा में दो लड़कियों की शादी कराई. उसके फोटो और वीडियो वायरल हो रहे हैं. लेकिन तब से पुजारी को जान से मारने की धमकियां दी जा रही हैं. हिंदू मंदिर एसोसिएशन ने उन पर प्रतिबंध लगा दिया है. उन्होंने तमिल में एक बयान जारी किया है.”

सुमाथी ने इस घटना को समलैंगिकों के खिलाफ नफरत से जुड़ा हुआ बताया. उन्होंने कहा, "साम्राज्यवाद ने हमारे समुदायों से तीसरे लिंग को खत्म करने की कोशिश की और समलैंगिकों के प्रति नफरत आजतक जारी है जबकि दक्षिण एशियाई लोग कनाडा में बस चुके हैं. यह मानवाधिकारों का उल्लंघन है.”

कई जगह विरोध
दुनिया के दर्जनों मानवाधिकार संगठनों और सौ से ज्यादा कार्यकर्ताओं ने पुजारी कुरुकल के समर्थन में एक बयान भी जारी किया है. अमेरिका स्थित साधना कोएलिशन की ओर से जारी इस बयान में कुरुकल के साथ हो रहे बर्ताव की आलोचना की गई है.

यह बयान कहता है,"बतौर धार्मिक प्रतिनिधि, धार्मिक संस्थाओं के प्रतिनिधि और सचेत सामाजिक सदस्य होने के नाते हम श्री रंगननाथन कुरुकल को दी जारी धमकियों और प्रताड़ना से बेहद परेशान हैं. कुरुकल ने यह शादी कराने पर तब सहमति दी जबकि क्षेत्र के कई मंदिर और पुजारी उन्हें लौटा चुके थे."

अमेरिका स्थित एक अन्य हिंदू संगठन ‘हिंदूज फॉर ह्यूमन राइट्स' ने डॉयचे वेले को बताया कि कुछ रूढ़िवादी लोगों का यह व्यवहार निंदनीय है. संगठन ने कहा, "एक धार्मिक प्रतिनिधि ने एलजीबीटीक्यू प्लस समुदाय के दो लोगों के प्यार को सम्मान देने का फैसला किया. उन पर हो रहे हमलों की हम निंदा करते हैं. हम श्री रंगनाथन कुरुकल के समर्थन में खड़े हैं.”

समलैंगिकता को मान्यता
संगठन कहता है कि हिंदू समुदाय ने हमेशा लैंगिक और यौनिक विविधता का स्वागत किया है. उन्होंने कहा, "वैसे समलैंगिकों के खिलाफ और ट्रांसजेंडर लोगों के खिलाफ नफरत मौजूद रही है लेकिन एलजीबीटीक्यू प्लस लोगों को धार्मिक आख्यानों और पुस्तकों के जरिए मान्यता मिली है.”

कनाडा पुलिस ने इस मामले में एक महिला को नफरत के मकसद से किए गए कृत्यों के आरोप में गिरफ्तार किया है. टोरंटो पुलिस ने एक बयान जारी कर कहा है कि एक व्यक्ति को एक धार्मिक अनुष्ठान कराने के आरोप में धमकियां मिली थीं. पुलिस के मुताबिक 1 अक्टूबर क टोरंटो में 47 वर्षीय उमानथानी निशानाथन को धमकियां देने और अपराधिक प्रताड़ना के आरोप में गिरफ्तार किया गया है.

कनाडा में समलैंगिक शादियां कानूनन जायज हैं. 2005 में ही कनाडा ने इसे वैध कर दिया था और ऐसा करने वाला वह दुनिया का चौथा और यूरोप के बाहर पहला मुल्क बन गया था. भारत में समलैंगिक शादियां अभी भी वैध नहीं हैं. 

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