अंतरराष्ट्रीय
दुनिया में एलियंस को लेकर कई तरह की रिसर्च की जा रही है मगर आधिकारिक तौर पर किसी ने भी ये नहीं माना है कि दूसरे ग्रहों पर लोग मौजूद हैं. हालांकि समय-समय पर कई वैज्ञानिकों और आम लोगों ने भी एलियंस के देखे जाने का दावा किया है. इन दावों में कितनी सच्चाई है इसके बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता है मगर इस बात को पूरी तरह से नकारा भी नहीं जा सकता है कि हमारी दुनिया के अलावा भी इस ब्रह्मांड में ऐसी दुनिया हैं जहां लोग रहते हैं. एलियंस और उनके यूएफओ को देखे जाने की तमाम बातों के बीच हाल ही में एक खबर चीन से आई है जो सभी को चौंका रही है.
चीन में ‘फास्ट’ नाम का एक विशाल टेलीस्कोप है जिसके जरिए दावा किया जा रहा है कि एलियंस का पता लगाया जा सकता है. रिपोर्ट्स के अनुसार खास ऑब्जर्वेशन के जरिए एलियंस से जुड़ी जानकारी जुटाने में ये टेलीस्कोप मदद करेगा. 500 मीटर के इस विशाल टेलीस्कोप का पूरा नाम एपर्चर स्फेरिकल रेडियो टेलीस्कोप है. जॉर्जिया के टिबिल्सी में स्थित फ्री यूनिवर्सिटी के एक वैज्ञानिक डॉ. जाजा ओसमानोवा ने कहा कि टेलीस्कोप के रेडियो स्पेक्ट्रल बैंड के जरिए बेहद एडवांस्ड सिविलाइजेशन का पता लगाया जा सकता है.
वैज्ञानिक ने कहा- ‘400 मिलियन लाइट ईयर्स दूर के भी एलियंस का लग सकेगा पता’
जाजा की रिसर्च के अनुसार ये टेलीस्कोप कार्दाशेव सिविलाइजेशन पद्धति की मदद से और थर्मल-एलेक्ट्रोमैग्नेटिक एनर्जी की मदद से ये पता लगाएगी कि दूसरे ग्रह पर लोग हैं या नहीं. फास्ट के जरिए ये मालूम चल जाएगा कि किसी दूसरे ग्रह पर कितनी एनर्जी इस्तेमाल हो रही है. इसके जरिए किसी
सभ्यता के तकनीकी उन्नति का पता लगाया जा सकता है. वैज्ञानिक की कैल्कुलेशन के हिसाब से फास्ट सबसे एडवांस एलियन सभ्यता का पता लगा सकता है जो 400 मिलियन लाइट ईयर्स दूर मौजूद हैं. वैज्ञानिक की ये स्टडी arXiv में पब्लिश हुई है. हालांकि अभी इसका रिव्यू नहीं किया गया है.
अमेरिकी मिलिट्री बेस पर दिखा था ‘यूएफओ’
एलियंस से जुड़ी कई खबरें हाल ही में आई हैं. पिछले दिनों टिकटॉक पर शेयर किए गए एक वीडियो में ये दावा किया गया था कि वीडियो में नजर आ रहा अजीबोगरीब जहाज एक यूएफओ है जो अमेरिका के हाथ लग गया है. वीडियो में दिख रहा प्लेन बाकी प्लेन्स से काफी अलग है. ये प्लेन चपटा है और इसका डिजाइन हैरान करने वाला है. वीडियो में प्लेन को एक गाड़ी से ले जाते देखा जा सकता है. वीडियो के साथ लोगों का दावा है कि वो जगह असल में एक अमेरिकी मिलिट्री बेस है जहां गुप्त तरीके से पकड़ा गया यूएफओ रखा गया है. वीडियो बनाने वाला शख्स भी काफी हैरान लग रहा है. दूसरे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर भी ये वीडियो वायरल हो गया है.