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सऊदी महिलाओं का नया शौक, हथियार चलाने की ट्रेनिंग
02-Nov-2021 3:52 PM
सऊदी महिलाओं का नया शौक, हथियार चलाने की ट्रेनिंग

सऊदी अरब के रूढ़िवादी समाज में एक महिला 'टॉप गन' फायरिंग रेंज के लिए प्रशिक्षक के रूप में काम करती है. अधिक से अधिक महिलाएं अब रियाद में बंदूक चलाने की ट्रेनिंग ले रही हैं.

   (dw.com)

सऊदी अरब के पितृसत्तात्मक और रूढ़िवादी समाज में जीवन के कई क्षेत्रों में महिलाओं की भागीदारी से जुड़े क्रांतिकारी परिवर्तन देखने को मिल रहे हैं. अब एक निडर महिला ने एक ऐसे क्षेत्र में अपनी क्षमताओं का प्रदर्शन किया है जिसे अभी तक विशुद्ध रूप से पुरुषों के वर्ग का माना जाता था.

मिलिए 36 साल की मोना अल खुराइस से. उन्हें कम उम्र से ही बंदूकों में गहरी दिलचस्पी थी. उनके पिता छोटी उम्र से ही उन्हें शिकार पर ले जाते थे और उन्होंने खुद ही अपनी बेटी को बंदूक चलाना सिखाया था. पांच साल पहले मोना का जुनून ही उनका पेशा बन गया. उन्होंने देश-विदेश में राइफल शूटिंग का प्रशिक्षण हासिल किया ताकि एक दिन वह बंदूक और राइफल चलाने की प्रमाणित प्रशिक्षक के रूप में जानी जाए.
महिलाएं और बंदूक

वह अब रियाद में महिलाओं को राइफल शूटिंग का प्रशिक्षण दे रही हैं और उनके प्रशिक्षण केंद्र में जाने वाली सऊदी महिलाओं की संख्या बढ़ रही है. वे कहती हैं, "मैं अपने शौक को व्यवहार में लाने, एक कोच और एक सुरक्षा अधिकारी बनने में सक्षम होने के लिए बहुत खुश हूं," वे कहती हैं, "मुझे उम्मीद है कि मैं अपने अनुभव सऊदी लड़कियों के साथ साझा कर सकती हूं."

सऊदी अरब में हर साल शिकार के लिए एक शो आयोजित किया जाता है. यह वास्तव में रियाद में आयोजित विशेष शिकार हथियारों की एक महत्वपूर्ण प्रदर्शनी है. मोना अल खुराइस इस साल के सऊदी फाल्कनरी एंड हंटिंग शो में प्रदर्शकों में से एक हैं, जो शिकार में विशेषज्ञता वाले निर्माताओं के उत्पादों का प्रदर्शन करते हैं. प्रदर्शकों ने अर्ध-स्वचालित हथियारों के साथ-साथ अन्य शिकार उपकरण भी प्रदर्शित किए. केवल बंदूक लाइसेंस वाले ही इस प्रदर्शनी में हथियार खरीद सकते हैं.

इस अति-रूढ़िवादी, पुरुष-प्रधान अरब राजशाही में महिलाओं के साथ व्यवहार करने के तरीके और समाज में उनके स्थान और मान्यता में क्रांतिकारी परिवर्तन हो रहे हैं. देश में अब महिलाओं को हर क्षेत्र में पुरुषों के साथ काम करने की छूट दी जा रही है, जिसके नतीजतन महिलाओं को नौकरी के बाजार में बेहतर भविष्य दिखाई दे रहा है और वे अपने देश के कार्यबल का हिस्सा बन रही हैं. वे विभिन्न व्यवसायों में नौकरी भी पा रही हैं.

हालांकि मोना अल खुराइस को प्रारंभिक अवस्था में पुरुष-प्रधान और एकाधिकार वाले वातावरण में काम करने में बड़ी कठिनाई हुई. मोना कहती हैं, "मेरे पास एकमात्र समस्या खुद महिलाओं की आलोचना थी." वे कहती हैं, "यह मेरे लिए बहुत आश्चर्यजनक था क्योंकि मैं पुरुषों से इस आलोचना की उम्मीद कर रही थी."

जैसे-जैसे अधिक से अधिक सऊदी लड़कियों और महिलाओं को बंदूकें चलाने के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है, मोना की उम्मीदें बढ़ रही हैं और उनका मानना ​​है कि एक दिन महिलाओं की सोच बदलेगी और वह अपने साथी देशवासियों को संगठित करने का एक साधन बनेगी. मोना के मुताबिक, "मेरा लक्ष्य एक दिन ओलंपिक में प्रतिस्पर्धा करने में सक्षम होना है."

एए/सीके (रॉयटर्स)

 

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