अंतरराष्ट्रीय
माइनस 40 से डिग्री से भी कम तापमान और ना के बराबर ऑक्सीजन, वो भी कई घंटों तक. विमान के पहिए में छिपकर एम्सटर्डम पहुंचे एक शख्स को देखकर अधिकारी भी हैरान हैं और एक्सपर्ट भी.
कॉर्गोलक्स का विमान रविवार को अफ्रीका से नीदरलैंड्स की राजधानी एम्सटर्डम पहुंचा. 17 घंटे लंबी उड़ान भरने के बाद विमान जब पार्किंग पर खड़ा हुआ तो उसके अगले पहिये के पास एक शख्स मिला. उसकी हालत खराब थी, लेकिन वह बोल पा रहा था. नीदरलैंड्स के बॉर्डर कंट्रोल विभाग के मुताबिक, "जिस तरह के हालात हैं, उन्हें देखा जाए तो वह काफी बेहतर हैं और उन्हें अस्पताल ले जाया गया है."
नीदरलैंड्स के अधिकारियों ने उसकी पहचान, राष्ट्रीयता और उम्र सार्वजनिक नहीं की है. अधिकारियों के मुताबिक उनकी प्राथमिकता उस व्यक्ति की सेहत है. डच बॉर्डर कंट्रोल विभाग की अधिकारी योआना हेलमॉन्डस कहती हैं, "यह निश्चित रूप से बहुत ही असामान्य है कि कोई उस ऊंचाई पर, इतनी ठंड में कैसे जिंदा रह सकता है. ये बहुत ही ज्यादा असाधारण है."
अभी यह पता नहीं चला है कि विमान के अगले पहियों में छुपकर नीदरलैंड्स पहुंचा ये शख्स कहां से आया है. बोइंग 747 मॉडल का यह कार्गो विमान दक्षिण अफ्रीका के शहर जोहानिसबर्ग से उड़ा और कुछ घंटों के लिए केन्या की राजधानी नैरोबी में रुका. लेकिन उसके बाद विमान करीब साढ़े आठ घंटे की नॉन स्टॉप उड़ान भर एम्सटर्डम पहुंचा. इस दौरान विमान ने करीब 6680 किलोमीटर की दूरी पूरी की.
लंबी दूरी तय करने वाले बड़े विमान आम तौर पर 9,000 से 11,000 मीटर की ऊंचाई पर उड़ान भरते हैं. इतनी ऊंचाई पर हवा का तापमान माइनस 43 डिग्री से माइनस 54 डिग्री के बीच होता है. इतनी ठंड में वो भी कई घंटे तक रहने पर इंसान के जिंदा बचने की संभावना ना के बराबर होती है. ठंड के अलावा इतनी ऊंचाई पर ऑक्सीजन की मात्रा भी बहुत कम होती है. यही कारण है कि 8,000 मीटर के बाद की ऊंचाई को डेथ जोन भी कहा जाता है.
मालवाहक विमान ऑपरेट करने वाली इटली की कंपनी कार्गोलक्स इटालिया ने भी अफ्रीका से नीदरलैंड्स पहुंचे इस शख्स की पुष्टि की है. कंपनी के प्रवक्ता ने कहा, "प्रशासन और एयरलाइन की जांच पूरी होने तक हम इस बारे में और कोई प्रतिक्रिया नहीं दे सकते हैं."
ओएसजे/एमजे (रॉयटर्स, एपी)