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चांद से टकराने वाला है तीन टन कचरा, कर सकता है बड़ा गड्ढा
02-Mar-2022 5:49 PM
चांद से टकराने वाला है तीन टन कचरा, कर सकता है बड़ा गड्ढा

एक फूटे हुए रॉकेट के अवशेष 9,300 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चांद की सतह से टकराने वाले हैं. तीन टन वजन वाले इस कचरे से इतना बड़ा गड्ढा हो सकता है जिसमें ट्रैक्टर जितने बड़े कई वाहन समा जाएंगे.

(dw.com) 

चांद की सतह के जिस तरफ यह कचरा टकराएगा वो सुदूर ऐसी जगह है जहां तक धरती की दूरबीनों की नजर नहीं पहुंचती है. सैटेलाइट चित्रों की मदद से टक्कर की पुष्टि करने में कई सप्ताह या कई महीने भी लग सकते हैं.

विशेषज्ञों का मानना है कि यह रॉकेट चीन का है जिसने इसे करीब एक दशक पहले अंतरिक्ष में छोड़ा था. यह तबसे अंतरिक्ष में इधर उधर भटक रहा है. लेकिन चीन के अधिकारियों ने इस रॉकेट के चीनी होने पर संदेह व्यक्त किया है.

निजी पर्यवेक्षक ने लगाया पता

बहरहाल, रॉकेट हो किसी का भी वैज्ञानिकों का मानना है कि इसकी टक्कर से चांद की सतह पर 10 से 20 मीटर गहरा गड्ढा हो जाएगा और चांद की धूल उड़ कर सतह पर सैकड़ों किलोमीटर तक फैल जाएगी.

पृथ्वी के पास ही अंतरिक्ष में तैर रहे कचरे पर नजर रखना तुलनात्मक रूप से आसान होता है. गहरे अंतरिक्ष में भेजी जाने वाली चीजों के किसी दूसरी चीज से टकराने की संभावना कम ही होती है और उन्हें अक्सर जल्दी ही भुला भी दिया जाता है.

सिर्फ शौकिया तौर पर खगोलीय जासूस की भूमिका निभा रहे मुट्ठीभर अंतरिक्ष पर्यवेक्षक उन पर नजर रखते हैं. इसी तरह के एक पर्यवेक्षक बिल ग्रे ने जनवरी में इस रॉकेट के चांद से टकराने के मार्ग का पता लगाया था. ग्रे एक गणितज्ञ और एक भौतिकशास्त्री हैं.

चीन का इनकार, संदेह बरकरार

शुरू में उन्होंने स्पेसएक्स को इसका जिम्मेदार बताया था जिसके बाद कंपनी की आलोचना भी हुई थी. लेकिन ग्रे ने एक महीने बाद बताया कि शुरू में वो गलत थे और अब उन्हें पता चला है कि वो "रहस्मयी" चीज स्पेसएक्स का रॉकेट नहीं है.

उन्होंने बताया कि संभव है कि वो एक चीनी रॉकेट का तीसरा चरण है जिसने 2014 में चांद पर एक टेस्ट सैंपल कैप्सूल भेजा था. कैप्सूल फिर वापस आ गया था लेकिन रॉकेट उसके बाद भटकता ही रहा.

चीनी सरकार के अधिकारियों का कहना है कि वो रॉकेट पृथ्वी के वायुमंडल में वापस लौट आने के बाद जल गया था. लेकिन एक जैसे नाम वाले दो चीनी मिशन थे जिनमें एक थी यह टेस्ट उड़ान और दूसरी थी 2020 का चांद की सतह से पत्थरों के सैंपल ले कर वापस आने वाला मिशन.

क्यों होती है टक्कर

अमेरिकी पर्यवेक्षकों का मानना है कि दोनों मिशनों की जानकारी को मिलाया जा रहा है. धरती के पास अंतरिक्ष कचरे पर नजर रखने वाले अमेरिकी अंतरिक्ष कमांड ने मंगलवार को बताया कि 2014 वाले मिशन का चीनी रॉकेट कभी धरती के वायुमंडल में कभी वापस आया ही नहीं.

लेकिन कमांड इस बात की पुष्टि नहीं कर पाया कि अभी चांद से टकराने वाली चीज किस देश की है. ग्रे का कहना है उन्हें पूरा विश्वास है कि यह चीन का ही रॉकेट है. चांद पर पहले से ही कई गड्ढे हैं. चांद का वायुमंडल लगभग न के बराबर है जिसकी वजह से वो लगातार गिरने वाले उल्कापिंडों और क्षुद्रग्रहों से अपना बचाव नहीं कर पाता है.

बीच बीच में अंतरिक्ष यान भी उससे टकराते रहते हैं. इनमें ऐसे यान भी हैं जिन्हें वैज्ञानिक परीक्षणों के लिए जानबूझकर टकराया जाता है. चांद पर कोई मौसम भी नहीं है जिसकी वजह से उसकी सतह का घिसाव भी नहीं होता और ये गड्ढे हमेशा के लिए रह जाते हैं.

सीके/एए (एपी)

 

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