अंतरराष्ट्रीय
बीजिंग. वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत से जारी तनाव के बीच चीन ने रक्षा खर्च को बढ़ाने का फैसला किया है. चीन ने शनिवार को रक्षा को लेकर यह बड़ी घोषणा की है. खास बात है कि चीन लगातार डिफेंस सेक्टर में अपने खर्च में इजाफा कर रहा है. जिसके चलते देश के पास एक मजबूत सेना तैयार हो गई है, यह सेना हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अमेरिका के सशस्त्र बलों को चुनौती दे रही है. चीन में संसद सत्र शुक्रवार से शुरू हो गया है.
एपी के अनुसार, चीन ने साल 2022 के लिए रक्षा क्षेत्र के खर्च में 7.1 फीसदी बढ़ाकर 22900 करोड़ डॉलर करने की घोषणा कर दी है. पिछले वर्ष में चीन ने खर्च में 6.8 प्रतिशत की वृद्धि की थी. हालांकि, बीते कुछ समय से चीन लगातार सैन्य क्षमता बढ़ा रहा है. वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भी खबरें आई थी कि चीन ने सैन्य गतिविधियां बढ़ा दी हैं. रक्षा बजट के मामले में चीन अमेरिका के बाद दूसरे नंबर पर है.
सरकार का कहना है कि खर्च में हुई बढ़त का ज्यादातर हिस्सा जवानों के कल्याण के लिए जाएगा. ऑब्जर्वर्स का कहना है कि बजट में चीन हथियारों की खरीदी को छोड़ा गया है. इनमें से अधिकांश को घरेलू स्तर पर ही तैयार किया जाता है. सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी की सैन्य शाखा होने के चलते पीपुल्स लिबरेशन आर्मी की सियासी भूमिका भी काफी बड़ी है.
शी जिनपिंग के मौजूदा कार्यकाल का अंतिम संसद सत्र
यूक्रेन को लेकर वैश्विक उथल-पुथल के बीच चीन में शुक्रवार को संसद का वार्षिक सत्र शुरु हुआ. वहीं राष्ट्रपति शी जिनपिंग का 10 साल का कार्यकाल इस साल समाप्त होने वाला है और वह अभूतपूर्व तौर पर तीसरा कार्यकाल शुरू करने की तैयारी में हैं. चीन का वार्षिक संसद सत्र शुक्रवार को शुरू हुआ जिसमें राष्ट्रीय विधानमंडल, नेशनल पीपुल्स कांग्रेस (एनपीसी) और सलाहकार निकाय चाइनीज पीपुल्स पॉलिटिकल कंसल्टेटिव कॉन्फ्रेंस (सीपीपीसीसी) शामिल हैं.
सीपीपीसीसी ने अपना सत्र शुरू किया जिसमें राष्ट्रपति शी और अन्य नेताओं ने हिस्सा लिया. सीपीपीसीसी में में 2,200 सदस्य हैं और इनमें से ज्यादातर सत्तारूढ़ चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीसी) द्वारा मनोनीत हैं.
एनपीसी दो सप्ताह से अधिक समय तक वार्षिक विधायी कार्य करेगा जिसमें प्रधानमंत्री प्रधानमंत्री ली क्विंग द्वारा प्रस्तुत की जाने वाली कार्य रिपोर्ट को मंजूरी देना शामिल है. इसमें चीन अपने वार्षिक आर्थिक प्रदर्शन की रूपरेखा तैयार करेगा और अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए अन्य आर्थिक पहलों के अलावा नए रक्षा परिव्यय की घोषणा करेगा.
(भाषा इनपुट के साथ)