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यूक्रेन में स्टारलिंक और अंतरिक्ष में स्पेसएक्स कितने मददगार?
06-Mar-2022 1:24 PM
यूक्रेन में स्टारलिंक और अंतरिक्ष में स्पेसएक्स कितने मददगार?

इलॉन मस्क ने संकेत दिया है कि वो यूक्रेन में इंटरनेट की सुरक्षा करेंगे और अगर अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन के ध्वस्त होकर धरती पर आ गिरने की नौबत आई तो वो दुनिया को भी बचाएंगे. लेकिन आखिर कैसे करेंगे?

   डॉयचे वैले पर जुल्फिकार अबानी की रिपोर्ट-

यूक्रेन के उप प्रधानमंत्री मिखाइलो फेदोरोफ ने सोमवार को एक ट्वीट के जरिए स्टारलिंक के टर्मिनलों की खेप की आमद स्वीकार करते हुए आभार जताया. इलॉन मस्क का जवाब थाः "यू आर मोस्ट वेलकम.”

टोरंटो यूनिवर्सिटी में साइबरसुरक्षा से जुड़े एक वरिष्ठ शोधकर्ता जॉन स्कॉट-राइलटन ने भी तभी एक ट्वीट कियाः "अच्छा लगा देखकर. लेकिन ध्यान रहेः अगर #पुतिन #यूक्रेन के आसमान पर कब्जा जमा लेते हैं, तो यूजरों के अपलिंक ट्रांसमिशन, रूसी हवाई हमलों के लिए बीकन यानी संकेत-दीप की तरह काम करेंगे.”

15 बिंदुओं वाले एक थ्रेड में स्कॉट-राइलटन का ट्वीट पहला था.
रूसी अंतरिक्ष एजेंसी रॉसकॉस्मॉस के प्रमुख के ट्वीटों की बौछार के बीच उपरोक्त ट्वीट आया था. वो ट्विटर पर छिड़ी उस लंबी बहस का हिस्सा था जो बृहस्पतिवार देर शाम शुरू हुई थी और सप्ताहांत तक चलती रही. स्पेकएक्स और स्टारलिंक के मुखिया इलॉन मस्क भी यूक्रेन के हालात पर जारी बहस में कूद पड़े.

रॉसकॉस्मॉस के प्रमुख दिमित्री रोगोजिन उन प्रतिबंधों पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे थे जो अमेरिका और कुछ यूरोपीय देशों ने, यूक्रेन पर युद्ध थोपने के विरोध में रूस पर लगाए गए हैं.

इन प्रतिबंधों में एक ओर खेल गतिविधियों और मुकाबलों का बहिष्कार या उन्हें रूस से बाहर कराने जैसे कदम शामिल हैं तो दूसरी और आर्थिक चेतावनियां भी शामिल हैं. लेकिन इन प्रतिबंधों के दायरे में अब बाहरी अंतरिक्ष भी आ गया है.

रोगोजिन के ट्वीटों से मचा बवाल
ट्वीट पर भी युद्ध छिड़ गया. रोगोज़िन की प्रतिक्रियाओं के अलग अलग, सही-गलत बहुत से मायने निकाले जा रहे हैं. उदाहरण के लिए, उन्होंने अपने ट्विटर संदेशो में कहा है कि यूरोप, एशिया, और अमेरिका अंतरिक्ष में रूस के सहयोग के बिना कुछ नहीं कर सकते हैं. हमने रोगोजिन के ट्वीटों का अनुवाद किया है. पूरी थ्रेड को तो प्रकाशित नहीं किया जा सकता है, फिर भी कुछ काबिलेगौर हिस्से यहां पेश हैं.

रोगोजिन ने एक संख्याबद्ध थ्रेड में पूछा, "क्या आप तमाम देशों पर अपने अंतरिक्षयानों को रूसी रॉकेटो से छोड़ने पर रोक लगाना चाहते हो, जबकि हमारे रॉकेट दुनिया में सबसे भरोसेमंद हैं?”

"आप तो पहले ही ये कर चुके हैं.”  
"क्या आप अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन में हमारे सहयोग को बर्बाद करना चाहते हैं.” "हमारे अंतरिक्ष यात्रियों और उनके प्रशिक्षण केंद्रों के बीच आदानप्रदान पर रोक लगाकर आप ये पहले ही कर चुके हैं.”

लेकिन यहीं पर "प्रतिभाशाली कारोबारी” पर हमले की शुरुआत हुई जिसमें उस कारोबारी को धरती की कक्षा को अंतरिक्ष के मलबे से प्रदूषित करने का आरोप लगाया गया. धरती के ऊपर इसी हिस्से में हमारे सबसे नजदीकी संचार उपग्रह उड़ रहे हैं और अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन भी उसी इलाके में उड़ता है. ये ट्वीट आया नहीं कि मस्क भी बहस में कूद पड़े.

धरती से लेकर अंतरिक्ष तक पहुंची रूसी धमकियां
"अगर आप हमसे सहयोग बंद कर देंगे तो आईएसएस को बेकाबू होकर अमेरिका या यूरोप के ऊपर गिरने से भला कौन रोकेगा? स्टेशन भारत या चीन के ऊपर भी गिर सकता है. क्या आप उन्हें इस किस्म के खतरे में डालेंगे? अंतरिक्ष स्टेशन रूस के ऊपर से तो गुजरता नहीं है, खतरा आप लोगों पर ही है. क्या आप उसके लिए तैयार हैं? तो इसीलिए चूंकि रूस एक साझेदार है, मेरी सलाह है कि आप लोग गैरजिम्मेदार खिलाड़ी जैसा बर्ताव बंद करिए और इन अल्जाइमर की बीमारी सरीखे प्रतिबंधों को हटा दीजिए. ये मेरी दोस्ताना सलाह है.”

इलॉन मस्क कार निर्माता टेस्ला कंपनी, उपग्रह संचालित कंपनी स्टारलिंक और रॉकेट कंपनी स्पेसएक्स के मालिक हैं. (ये तो बस सबसे बड़ी तीन कंपनियां हैं उनकी). मस्क ने रूसी अधिकारी के ट्वीटों का जवाब स्पेसएक्स के लोगो की तस्वीर भेजकर दिया.

ट्विटर पर मस्क के फॉलोअरों ने जब उनसे पूछा कि क्या इसका मतलब ये है कि स्पेसएक्स, अंतरिक्ष स्टेशन को बचाएगा, तो मस्क ने एक शब्द में जवाब दियाः "हां.”

आखिर कंपनी के पास ऐसा कौनसा सटीक उपाय है जिससे वो सुनिश्चित करेगी कि अंतरिक्ष स्टेशन संभावित रूप से किसी रोज किसी सघन आबादी वाले क्षेत्र में न गिर पाए. ये अभी साफ नहीं है. लेकिन ये बात साफ है कि नासा और उसके सहयोगियों की मदद करने में, जिनमें रूसी स्पेस एजेंसी भी है-  मस्क और दूसरी स्पेस कंपनियों के, अपने स्वार्थ हैं.  

2031 में अंतरिक्ष स्टेशन की विदाई
नासा और उसे नियंत्रित करने वाली, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और उप राष्ट्रपति कमला हैरिस की सरकार ने, 2030 तक अंतरिक्ष स्टेशन अभियान जारी रखने की प्रतिबद्धता जताई है. जनवरी में प्रकाशित नासा की एक रिपोर्ट में रूस एक प्रमुख साझेदार के रूप में सूचीबद्ध है. लेकिन ये बात यूक्रेन पर रूसी हमले से पहले की है.

2030 के बाद, अंतरिक्ष स्टेशन पर चलने वाल आज सरीखे अभियान निजी सेक्टर को देने के लिए नियत किए गए हैं. माना जाता है कि स्पेसएक्स, एक्सियम, ब्लू ऑरिजिन, नैनोरैक्स और नॉर्थरोप ग्रुम्मान जैसी कंपनियां, नासा की मदद से धरती की कक्षा के निचले इलाकों में वाणिज्यिक ठिकाने विकसित करेंगी.

उसके बाद अंतरिक्ष स्टेशन को हटा दिया जाएगा- उसे धरती पर एक नियंत्रित ढंग से वापस लाया जाएगा- और वो आखिरकार प्रशांत क्षेत्र के उस हिस्से में उतारा जाएगा जिसे साउथ पैसेफिक ओशनिक अनइनहैबिटड एरिया (एसपीओयूआ) यानी दक्षिणी प्रशांत महासागरीय निर्जन क्षेत्र कहा जाता है. ये पॉइन्ट नेमो के आसपास का इलाका है.

इसी जगह पर अंतरिक्ष कार्यक्रम वाले देश अपने बेकार उपग्रहों और दूसरा अंतरिक्ष कबाड़ डालते हैं. वैसे ये इलाका बस कहने को ही निर्जन या उजाड़ है. जैसा कि हमने दूसरी रिपोर्ट में बताया है, एसपीओयूआ शोध से वंचित लेकिन विविधता और प्रचुर समुद्री जीवन वाला एक ठिकाना है.

अनुमान और अटकलें
अंतरिक्ष स्टेशन में लोगों और साजोसामान को पहुंचाने के लिए नासा ने स्पेसएक्स से सेवाएं ली हैं. ये एक प्रमुख वाणिज्यिक कंपनी है. और अंतरिक्ष स्टेशन के भविष्य के निर्माण में अपनी एक केंद्रीय भूमिका निभाने की तलबगार है.

एक्सियम को अंतरिक्ष स्टेशन में पहला प्राइवेट क्रू भिजवाने का ठेका मिला है. वो अपना खुद का अंतरिक्ष स्टेशन बनाने का संकल्प पहले ही कर चुकी है. उस अभियान के लिए उसे मौजूदा अंतरिक्ष स्टेशन और एक शुरुआती बिंदु की दरकार है.

लेकिन ये लोग जो भी हैं और भविष्य में ये जो भी करें, इंडस्ट्री में हर कोई जानता है कि स्पेस में भारी सामग्रियां ले जाना कितना कठिन है. बहुत संभव है कि कम से कम इनमें से कुछ कंपनियां अंतरिक्ष स्टेशन के हिस्सों को बचाए रखने की उम्मीद कर रहे हैं.

तो फिर खतरा क्या है?
एक सवाल फिर भी बचा रह जाता है कि क्या रोगोजिन की टिप्पणियां एक विस्तारित युद्ध के संदर्भ वाली धमकियां थी. लेकिन इसका जवाब इन पंक्तियों का लेखक न ही दे तो बेहतर.

अंतरिक्ष से धड़ाधड़ गिर रहे हैं स्पेसएक्स के सेटेलाइट
इसकी बजाय हम लोग यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी में रोगोजिन के समकक्ष योसेफ आश्चबाखेर का रुख करते हैं जिनका ट्विटर पर बस इतना ही कहना थाः "मौजूदा संघर्ष के बावजूद नागरिक अंतरिक्ष सहयोग एक पुल की तरह बना हुआ है. सहयोगी देशों और अन्य साझेदारों के साथ प्रतिबद्धता का सम्मान करते हुए, यूरोपीय स्पेस एजेंसी, ईएसए उनके सभी कार्यक्रमों से जुड़ी रहेगी जिनमें अंतरिक्ष स्टेशन और एक्सोमार्स लॉंच अभियान भी शामिल हैं. हम हालात पर नजर रखे हुए हैं.”

एक्सोमार्स पर पड़ने वाला अप्रत्यक्ष प्रभाव
यूक्रेन के हालात और रूस पर अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों के बारे में ईएसए ने सोमवार को जारी एक आधिकारिक बयान में कहा कि वो "अपने सदस्य देशों के रूस पर लगाए गए प्रतिबंधो को पूरी तरह से लागू कर रही है.”

ईएसए ने कहा, फ्रेंच गयाना के कौरू में यूरोपीय स्पेसपोर्ट से अपने कर्मचारियों को हटाने के रूसी स्पेस एजेंसी के फैसले का "हम लोग संज्ञान लेते हैं.”

इस फैसले का असर आने वाले अंतरिक्ष अभियानों पर पड़ सकता है क्योंकि कई अंतरिक्ष यान ऐसे हैं जो लॉन्चिंग के लिए रूसी सोयुज रॉकेटों का इस्तेमाल करते हैं. ईएसए का कहना है कि वो जहां जरूरत होगी उस हिसाब से यूरोपीय रॉकेटों का इस्तेमाल करेगी.

एक्सोमार्स 2022 प्रोग्राम को जारी रखने के मुद्दे पर ईएसए का कहना है, "प्रतिबंधों के चलते और एक ज्यादा व्यापक संदर्भ को देखते हुए 2022 में तो लॉन्च हो पाना संभव नहीं है.” एक्सोमार्स के दूसरे चरण को रूस के बाइकोनुर से सितंबर या अक्टूबर में छोड़ा जाना था.

स्टारलिंक और यूक्रेन में इंटरनेट
शनिवार को यूक्रेन के उप प्रधानमंत्री और डिजिटल रूपांतरण मंत्री मिखाइलो फेदोरोफ ने एक लिहाज से मस्क को देश में इंटरनेट सेवा ठप होने से बचाने की चुनौती ही दे डाली थी. फेदोरोफ का ट्वीट थाः "@इलॉनमस्क, आप मार्स में कॉलोनी बसाने की कोशिश कर रहे हैं और इस बीच रूस यूक्रेन पर कब्जे की कोशिश में है!”

"आपके रॉकेट अंतरिक्ष से सफलतापूर्वक पहुंच रहे हैं वहीं रूसी रॉकेट यूक्रेन के नागरिकों पर निशाना साध रहे हैं! हम आपसे मांग करते हैं कि आप यूक्रेन को स्टारलिंक के स्टेशन मुहैया कराएं और समझदार रूसियों को स्टैंड लेने को कहें.”

दस घंटे होते होते मस्क का जवाब आ गयाः "स्टारलिंक सेवा अब यूक्रेन में एक्टिव है. और भी टर्मिनल दिए जा रहे हैं.”

उन्हें स्टारलिंक टर्मिनलों की जरूरत क्यों है?
टर्मिनलों से जुड़ा एक किस्म का अटपटा सा उल्लेख असल में एक जीवंत संदर्भ है. पर्याप्त टर्मिनल यानी संचार उपग्रह के जमीन पर स्थित रिसीवरों के बिना यूक्रेन स्टारलिंक के अंतरिक्ष स्थित इंटरनेट ट्रांसमीटरों का इस्तेमाल नहीं कर पाएगा. किसी भी उपग्रह सेवा में यही बात लागू होती हैः आपको जमीन पर सैटेलाइट रिसीवरों की जरूरत होती है, वे सिग्नल पकड़ते हैं और उन्हें वापस रवाना करते हैं. सैटेलाइट फोन, सैटेलाइट टीवी, सैटेलाइट इंटरनेट- ये सब एक समान हैं.

लेकिन जैसा कि बताया जाता है कि रूस तमाम किस्म के जमीनी बुनियादी ढांचे को निशाना बना रहा है, तो इस स्थिति में ये देखना बाकी है कि क्या या किस हद तक मस्क का स्टारलिंक का संकल्प, यूक्रेन के इंटरनेट की हिफाजत करेगा और सूचना और मुक्त संचार तक उसकी पहुंच को निर्बाध बनाए रखने में मददगार होगा. (dw.com)
 

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