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कीव में जारी कड़े संघर्ष के बीच यूरोप आ रहे हैं अमेरिकी राष्ट्रपति
24-Mar-2022 12:37 PM
कीव में जारी कड़े संघर्ष के बीच यूरोप आ रहे हैं अमेरिकी राष्ट्रपति

कीव पर कब्जे की कोशिश में रूसी सेना का सामना भारी प्रतिरोध से हो रहा है. अमेरिकी राष्ट्रपति यूरोपीय नेताओं से यूक्रेन पर चर्चा करने ब्रसेल्स आ रहे हैं. यूक्रेन को सहायता बढ़ाने और रूस पर नए प्रतिबंध का एलान संभव है.

(dw.com) 

यूक्रेन पर रूस के हमले का आज 28वां दिन है. राजधानी कीव के नगर प्रशासन से जुड़े अधिकारियों ने बताया है कि रूसी सैनिकों ने यूक्रेन की राजधानी पर पूरी रात और बुधवार सुबह तड़के तक हमले किए. इन हमलों में दो जिलों की कई इमारतें ध्वस्त हो गई हैं. एक शॉपिंग मॉल, कुछ निजी इमारतें और कई बहुमंजिली इमारतों पर ये हमले किए गए हैं. इनमें चार लोग घायल हुए हैं. उत्तर पश्चिमी इलाके की ओर से बुधवार तड़के धमाकों और गोलियों की आवाजें सुनाई दे रही थीं. रूसी सेना कीव के उपनगरों पर नियंत्रण के जरिए राजधानी को घेरने की फिराक में है.

कीव के लिए संघर्ष
कीव पर कब्जे की कोशिश के दौरान रूसी सैनिकों का कड़े प्रतिरोध से सामना हो रहा है और कई बार उन्हें कदम वापस भी खींचने पड़े हैं. पश्चिमी खुफिया एजंसियों का आकलन है कि रूसी सेना का नुकसान बढ़ता जा रहा है. हालांकि घेराबंदी का सामना कर रहे यूक्रेनी शहरों की मानवीय दशा भी तेजी से खराब हो रही है. अमेरिका का अनुमान है कि रूस ने हमले की 10 फीसदी से ज्यादा क्षमता अब तक गंवा दी है. इसमें सैनिक, टैंक और दूसरी चीजें शामिल हैं. अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन का कहना है कि यूक्रेन के सैनिक देश के कई हिस्सों में अब जवाबी हमले कर रहे हैं. दक्षिणी शहर खेरसान जो रूस के कब्जे में चला गया था वहां अब यूक्रेनी सैनिकों का जवाब हमला चल रहा है.

यूक्रेन में बंदूकों की दुकान के आगे खूब भीड़ लग रही है और युद्ध शुरू होने के बाद बड़ी संख्या में लोग बंदूकें खरीद रहे हैं. बहुत से लोगों ने अपनी नौकरी छोड़ दी है और बंदूक चलाने की ट्रेनिंग लेकर सेना के साथ लड़ाई में शामिल हो रहे हैं.

रूसी सेना ने चेर्निहीव शहर पर बमबारी कर एक पुल को ध्वस्त कर दिया है. इस शहर पर रूसी सेना की घेराबंदी है. यह पुल यहां फंसे आम लोगों को बाहर निकालने और मानवीय सहायता पहुंचाने के लिए इस्तेमाल हो रहा था. डेसना नदी पर बना यह पुल शहर को राजधानी कीव से जोड़ता था. रूसी सैनिकों की घेरेबंदी में फंसे शहर में बिजली और पानी की सप्लाई बंद है और नगर प्रशासन के मुताबिक शहर मानवीय संकट का सामना कर रहा है.

रूसी सैनिकों ने चेर्नोबिल के परमाणु संयंत्र के पास एक प्रयोगशाला को भी ध्वस्त कर दिया है. यहां परमाणु कचरे के प्रबंधन को बेहतर बनाने पर रिसर्च होता था. रूसी सेना ने पिछले महीने युद्ध शुरू होने के बाद ही इस बंद हो चुके संयंत्र पर कब्जा कर लिया था. यूक्रेनी अधिकारियों का कहना है, "प्रयोगशाला में बेहद सक्रिय नमूने और रेडियोन्यूक्लाइड मौजूद हैं जो अब दुश्मनों के हाथ में हैं." रेडियोन्यूक्लाइड रासायनिक तत्वों के अस्थिर परमाणु हैं जो विकिरण पैदा करते हैं.

यूक्रेन की परमाणु नियामक एजेंसी ने सोमवार को बताया था कि संयंत्र के चारों ओर विकिरण पर नजर रखने वाले उपकरणों ने काम बंद कर दिया है.

मुश्किल में मारियोपोल
रूस के जंगी जहाजों से मारियोपोल पर लगातार बम और मिसाइलें गिराई जा रही हैं. यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की का कहना है कि रूसी सैनिकों ने मारियोपोल पहुंचने की कोशिश में जुटे राहतकर्मियों का रास्ता बंद कर दिया है और उसने राहत कर्मियों और बस ड्राइवरों को बंधक भी बना लिया है. ये लोग मारियोपोल में राहत का सामान ले कर जा रहे थे वहां इसकी बहुत जरूरत है. उनका यह भी कहना है कि रूस ने इस रास्ते के लिए रजामंदी पहले ही दी थी.

जेलेंस्की ने वीडियो के जरिए जारी राष्ट्र के नाम संदेश में कहा है, "हम मारियोपोल के निवासियों के लिए स्थायी मानवीय गलियारा बनाने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन हमारी सारी कोशिशें रूसी हमलावर गोलीबारी या फिर जान बूझ कर फैलाए आतंक से नाकाम कर दे रहे हैं."

यूक्रेन की उप प्रधानमंत्री ने 11 बस ड्राइवरों और चार राहतकर्मियों को उनकी गाड़ियों के साथ बंधक बनाने की बात कही है जिनके बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पा रही है. इस बीच मंगलवार को 7,000 से ज्यादा लोगों को  सुरक्षित निकालने में सफलता मिली है. जेलेंस्की का कहना है कि मारियोपोल में अभी भी एक लाख से ज्यादा लोग भोजन, पानी, बिजली और गर्मी की सप्लाई के बगैर रह रहे हैं. जंग से पहले यहां चार लाख से ज्यादा लोग रहते थे. संयुक्त राष्ट्र की शरणार्थी एजेंसी के मुताबिक अब तक 35 लाख लोग यूक्रेन से बाहर निकले हैं.

फ्रांस के अधिकारियों ने कहा है कि लोगों को सुरक्षित निकालने में मदद करने वाली और आपातकालीन सेवा मुहैया कराने वाली गाड़ियां पेरिस से बुधवार को रवाना हो रही हैं जो यूक्रेन की आपातकालीन सेवा को दी जाएंगी. फ्रांस के विदेश और गृह मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि 100 दमकल कर्मचारी और राहतकर्मी गाड़ियों और उपकरणों को रोमानिया में यूक्रेन की सीमा तक ले जाया जाएगा. इनमें 11 आग बुझाने वाली गाड़ियां, 16 बचाव करने वाली गाड़ियां और 23 ट्रकों में 49 टन स्वास्थ्य और आपातकालीन उपकरण भेजे जा रहे हैं. इससे पहले मंगलवार को 21 एंबुलेंसें भेजी गईं.

जर्मनी की विदेश मंत्री अनालेना बेयरबॉक ने बताया है कि यूक्रेन को स्ट्रेला मिसाइल भेजी जा रही है. यह मिसाइलें पूर्वी जर्मनी के पास थीं जिन्हें अब यूक्रेन को उसकी रक्षा के लिए दिया जा रहा है. जर्मनी ने हाल ही में यूक्रेन को हथियारों की सप्लाई शुरू की है.

अंतरराष्ट्रीय रेड क्रॉस कमेटी के प्रमुख बुधवार को रूस पहुंचे हैं ताकि रूसी हमले के कारण पैदा हुए मानवीय संकट के अलग अलग मुद्दों पर बातचीत की जा सके. उम्मीद का जा रही है कि आईसीआरसी के प्रमुख पीटर माउरर युद्धबंदियों, राहत के अभियानों और युद्ध से जुड़े कई मुद्दों पर चर्चा करेंगे. इससे पहले वह यूक्रेन भी गए थे. उनकी मुलाकात रूस के आईसीआरसी के प्रमुख से भी होगी. आईसीआरसी की रूसी शाखा उन लोगों की मदद कर रही है जो युद्ध शुरू होने के बाद यूक्रेन से रूस आए हैं.

ब्रसेल्स में बाइडेन
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन यूक्रेन पर चल रहे युद्ध के बारे में यूरोपीय नेताओं से चर्चा करने के लिए ब्रसेल्स आ रहे हैं. यहां नाटो और यूरोपीय संघ के नेता आपस में यूक्रेन की सहायता और युद्ध रोकने के उपायों पर चर्चा करेंगे. यूक्रेन की लंबे समय तक मदद करने के लिए एक विशेष कोष पर भी चर्चा होगी. आशंका है कि कुछ नए प्रतिबंधों का एलान होगा. इसके साथ ही यूक्रेन को और अधिक सैन्य सहायता पर भी चर्चा की जाएगी. जो बाइडेन यहां से पोलैंड भी जाएंगे. पोलैंड में बड़ी संख्या में शरणार्थी पहुंचे हुए हैं. अब तक यूक्रेन से निकले करीब आधे से ज्यादा लोग पोलैंड ही गए हैं.

बुधवार को पोलैंड की सरकार ने रूसी दूतावास के 45 कर्मचारियों को जासूसी के आरोप लगने के बाद देश छोड़ने का आदेश दे दिया. इस बीच संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में बुधवार को एक बार फिर यूक्रेन संकट के बारे में रूसी प्रस्ताव पर चर्चा होनी है. इस मामले में तीन बार पहले वोटिंग हो चुकी है और अब सुरक्षा परिषद के सामने रूसी प्रस्ताव है.

रूस की संसद ने एक कानून को मंजूरी दी है जिसके तहत यूक्रेन युद्ध में हिस्सा लेने वालों को मिलिट्री वेटरन का दर्जा दिया जाएगा. वेटरन का दर्जा मिलने पर उन्हें मासिक भुगतान के अलावा, टैक्स में छूट, सस्ते दर पर सामान और इलाज में प्राथमिकता की सुविधा मिलती है.

एनआर/आरपी (एपी, रॉयटर्स, एएफपी)
 

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