अंतरराष्ट्रीय
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने पूरे देश से अपील की है कि वे राजधानी इस्लामाबाद में रविवार में होने वाली सभा में शामिल हों और देश को ये संदेश दें कि वे ख़रीद फ़रोख़्त के ख़िलाफ़ हैं. गुरुवार को एक वीडियो संदेश में इमरान ख़ान ने कहा कि एक ख़ास ग्रुप पिछले 30 वर्षों से इस देश को लूट रहा है और अब ये लोग इस पैसे का इस्तेमाल खुले तौर पर जन प्रतिनिधियों के विवेक को ख़रीदने के लिए कर रहे हैं.
इमरान ख़ान ने क़ुरान का भी हवाला दिया और कहा कि अल्लाह का हुक़्म है क़ुरान में कि अच्छाई के साथ खड़े होना है और बुराई के ख़िलाफ़ खड़े होना है. उन्होंने कहा कि देश को सांसदों के विवेक को ख़रीदने वालों से स्पष्ट कर देना चाहिए कि वे इसके ख़िलाफ़ हैं और कोई भी ख़रीद फ़रोख़्त के माध्यम से देश के लोकतंत्र को नुक़सान नहीं पहुँचा सकता. बुधवार को भी इमरान ख़ान ये कह चुके हैं कि विपक्ष का अविश्वास प्रस्ताव नाकाम होगा. उन्होंने ये भी स्पष्ट किया है कि वे इस्तीफ़ा नहीं देंगे और सेना के साथ उनके अच्छे संबंध हैं.
पाकिस्तान की विपक्षी पार्टियों ने आठ मार्च को अविश्वसास प्रस्ताव पेश किया था. उन्होंने पीएम इमरान ख़ान पर कुप्रबंधन और अर्थव्यवस्था को ख़राब करने का आरोप लगाया था. पाकिस्तान की नेशनल असेंबली की बैठक 25 मार्च को होने वाली है. लेकिन इमरान ख़ान का कहना है कि वे किसी भी परिस्थिति में इस्तीफ़ा नहीं देंगे. इमरान ख़ान ने ये भी स्पष्ट किया कि उनके सेना के साथ अच्छे संबंध हैं. उन्होंने कहा कि मौजूदा राजनीतिक परिस्थिति में सेना की ग़लत तरीक़े से आलोचना की गई. अविश्वास प्रस्ताव पास कराने के लिए 342 सदस्यीय नेशनल असेंबली में विपक्ष को 172 सांसदों के समर्थन की आवश्यकता है. लेकिन सत्ताधारी तहरीक़े इंसाफ़ पार्टी का आरोप है कि विपक्ष सांसदों को इमरान सरकार के ख़िलाफ़ वोट करने के लिए रिश्वत दे रहा है.