अंतरराष्ट्रीय
चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने गुरुवार को काबुल का दौरा किया, अगस्त 2021 में अफ़ग़ानिस्तान में तालिबान की सत्ता में वापसी के बाद ये चीन के विदेश मंत्री का पहला दौरा था.
अफ़ग़ानिस्तान के स्थानीय न्यूज़ चैनल टोलो न्यूज़ के मुताबिक़ इस दौरे का मुख्य मक़सद आर्थिक, राजनीतिक और निवेश के मुद्दों पर चर्चा करना था.
गुरुवार को एक रूसी प्रतिनिधिमंडल भी कई मुद्दों पर चर्चा करने के लिए काबुल पहुंचा.
चीनी विदेश मंत्री ने सबसे पहले उप प्रधानमंत्री, मुल्ला अब्दुल ग़नी बरादर और विदेश मामलों के कार्यवाहक मंत्री अमीर ख़ान मुत्ताकी से मुलाक़ात की.
अफ़ग़ानिस्तान के विदेश मामलों के प्रवक्ता अब्दुल क़हर बल्खी ने कहा,"दोनों देशों के विदेश मंत्रियों ने राजनीतिक, आर्थिक और पारगमन के मुद्दों, एयर कॉरिडोर, शैक्षणिक छात्रवृत्ति, वीज़ा जारी करने, खदानों के क्षेत्र में काम शुरू करने जैसे महत्वपूर्ण मामलों पर चर्चा की."
चीन के विदेश मंत्री वांग यी का काबुल दौरा इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि दुनिया के देश तालिबान सरकार को मान्यता देने से कतरा रहे हैं. ऐसे में गुरुवार को चीनी विदेश मंत्री का औचक दौरा अहम माना जा रहा है.
इससे पहले वांग यी पाकिस्तान में मौजूद थे जहां उन्होंने दो दिवसीय ओआईसी की बैठक में हिस्सा लिया. इसके बाद उन्हें भारत दौरे पर आना था. लेकिन वे इससे पहले अचानक काबुल पहुंच गए.
ओईआसी की बैठक में भारत प्रशासित जम्मू-कश्मीर को लेकर चीन के विदेश मंत्री ने टिप्पणी की थी. उन्होंने कहा, ‘’कश्मीर के मुद्दे पर हम कई इस्लामी दोस्तों की आवाज़ सुन रहे हैं, चीन की भी इसे लेकर यही इच्छा है.‘’
इस बयान पर भारत ने कड़ा एतराज़ जताया है.
वांग यी इस वक़्त भारत के दौरे पर हैं. (bbc.com)