अंतरराष्ट्रीय
खाड़ी क्षेत्र के एक विवादास्पद गैस फ़ील्ड को डेवलप करने पर सऊदी अरब और कुवैत के बीच हुए समझौते को लेकर ईरान ने शनिवार को नाराज़गी जताई है. ईरान ने दोनों देशों के बीच हुए समझौते को अवैध करार दिया है.
ईरान इस गैस फ़ील्ड के दोहन पर अपना दावा जताता है.
कुवैत के आधिकारिक बयान के अनुसार, दोनों देशों के ऊर्जा मंत्रियों ने सोमवार को अरश गैस फ़ील्ड को विकसित करने को लेकर समझौते पर दस्तखत किए थे.
समाचार एजेंसी एएफ़पी की रिपोर्ट के अनुसार, यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद दुनिया भर में गैस की क़ीमतें जिस तरह से बढ़ रही हैं, उसे देखते हुए कुवैत और सऊदी अरब ने ये समझौता किया है.
ईरान के विदेश मंत्रालय ने शनिवार को इस समझौते को अवैध करार देते हुए बयान जारी किया. उसका कहना है कि कुवैत और सऊदी अरब के बीच हुआ समझौता अतीत में हुई बातचीत और निर्धारित प्रक्रियाओं का उल्लंघन है.
ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सईद ख़ातिबज़ादेह ने कहा, "ईरान अरश गैस फ़ील्ड के दोहन के अपने अधिकार को सुरक्षित रखता है. इस गैस फ़ील्ड को विकसित करने की दिशा में कोई भी कार्य तीनों देशों के बीच समन्वय स्थापित करके ही की जानी चाहिए." अरश गैस फ़ील्ड को लेकर साठ के दशक से ही विवाद रहा है. (bbc.com)