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रूस ने रणनीति बदली, लेकिन यूक्रेन पर हमला जारी
27-Mar-2022 12:51 PM
रूस ने रणनीति बदली, लेकिन यूक्रेन पर हमला जारी

रूस ने यूक्रेन पर 'विशेष सैन्य कार्रवाई' का पहला चरण पूरा होने का एलान किया है. हालांकि यूक्रेनी शहरों पर हमला अब भी जारी है. इस बीच यूक्रेनी सेना ने कई इलाकों में मजबूत वापसी की है.

(dw.com) 

रूसी सेना के उप प्रमुख ने शुक्रवार शाम को कहा कि उनके सैनिकों ने पहले दौर के प्रमुख लक्ष्यों को हासिल कर लिया है. ऐसा लगता है कि रूसी सेना ने अपना ध्यान जमीनी युद्ध से हटाने के साथ ही अलगाववादी इलाके डोनबास की तरफ मोड़ दिया है. फिलहाल यह तो नहीं कहा जा सकता कि व्लादिमीर पुतिन यूक्रेन में अपने लक्ष्यों से पीछे हट रहे हैं, लेकिन रूसी सेना की गतिविधियों से संकेत मिल रहे हैं कि वह रूसी शहरों में जमीनी युद्ध लड़ने के पक्ष में नहीं हैं.

राजधानी कीव के पास दो रूसी बख्तरबंद बटालियन अब भी शहर के उत्तर-पश्चिम और पूरब में अटके हुए हैं. रूसी सेना ज्यादा से ज्यादा मिसाइलों और हवाई हमलों का ही सहारा ले रही है. जमीन पर उसे यूक्रेन के कड़े प्रतिरोध का सामना करना पड़ रहा है. जमीन पर रूस को ज्यादा कामयाबी नहीं मिल सकी है. तकरीबन चार हफ्ते से ज्यादा की लड़ाई के बाद भी रूस किसी बड़े यूक्रेनी शहर पर नियंत्रण नहीं कर सका  है.

रूस की सेना को कई इलाकों में कड़े प्रतिरोध के कारण अपने कदम वापस खींचने पड़े हैं. बीते हफ्तों में अमेरिका और दूसरे देशों ने यूक्रेन को हथियारों की आपूर्ति तेज कर दी है. इस युद्ध में रूसी सेना को भी भारी नुकसान हुआ है. बड़ी संख्या में सैनिकों की मौत के साथ ही उसे टैंक, जहाज, हैलीकॉप्टर और दूसरे सैन्य उपकरणों के लिहाज से भारी क्षति हुई है.

हालांकि यूक्रेनी शहरों पर मिसाइलों और लड़ाकू विमानों से हमला लगातार जारी है. यूक्रेन के डोनबास इलाके में रूस समर्थित अलगाववादी 2014 से ही कुछ इलाकों पर अपना नियंत्रण रखे हुए हैं. रूस अब इसी इलाके पर अपना ध्यान केंद्रित कर युद्ध का नया दौर शुरू कर रहा है.

रूसी सैनिकों ने बेलारूस की सीमा के पास मौजूद स्लावुटिश को अपने कब्जे में ले लिया है. यहां चेर्नोबिल न्यूक्लियर प्लांट के कर्मचारी रहते हैं. कीव के गवर्नर ने शनिवार को यह जानकारी दी है. उन्होंने यह भी बताया कि रूसी सैनिकों ने एक अस्पताल पर कब्जा करने के साथ ही शहर के मेयर का अपहरण कर लिया है.

युद्ध खत्म करने की अपील
यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने शुक्रवार को फिर रूस से युद्ध खत्म करने की अपील की. हालांकि इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि शांति के लिए वह अपना इलाका नहीं छोड़ेंगे.

यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की शनिवार को कतर के दोहा फोरम में वीडियो लिंक के जरिए शामिल हुए. अपने भाषण में उन्होंने संयुक्त राष्ट्र और दुनिया के ताकतों से उनके देश की मदद के लिए आगे आने को कहा. जेलेंस्की ने मारियोपोल में हुई तबाही की तुलना सीरिया की जंग में अलेप्पो की तबाही से की.

जेलेंस्की ने कहा, "वे हमारे बंदरगाहों को तबाह कर रहे हैं. यूक्रेन से निर्यात रुक गया तो पूरी दुनिया में समस्या होगी." जेलेंस्की ने देशों से ऊर्जा का निर्यात बढ़ाने की भी मांग की. यह खासतौर से बेहद अहम है, क्योंकि कतर दुनिया में प्राकृतिक गैस का बड़ा निर्यातक है. जेलेंस्की ने रूस की आलोचना करते हुए कहा कि रूस परमाणु हथियारों से सबको डरा रहा है.

तुर्की के राष्ट्रपति रेचप तैयप एर्दोवान ने शुक्रवार टेलिफोन पर यूक्रेनी राष्ट्रपति से बात की है. इस दौरान यूक्रेन की हालत और रूस-यूक्रेन के बीच सुलह के लिए हो रही बातचीत पर चर्चा की गई. एर्दोवान ने  जेलेंस्की को बताया कि उन्होंने नाटो की हाल की बैठक में यूक्रेन की क्षेत्रीय अखंडता के लिए समर्थन जताया है. तुर्की के रूस और यूक्रेन के साथ करीबी संबंध हैं और वह इस युद्ध में किसी का पक्ष ना लेकर, मध्यस्थ की भूमिका निभाना चाहता है.

युद्ध अपराध के सबूत
युद्ध के प्रचण्ड दौर में ही संभावित युद्ध अपराध के सबूतों को जमा करने के लिए तैयारी चल रही है. पुतिन ने यूक्रेन पर जब पहला बम गिराया था, तभी अमेरिका ने कह दिया था कि रूसी सैनिक युद्ध के अंतरराष्ट्रीय कानूनों को तोड़ रहे हैं, जो दूसरे विश्वयुद्ध के बाद लिखे गए थे. हालांकि यह साफ नहीं है कि इनके लिए किसे जिम्मेदारा ठहराया जाएगा और कैसे?

यूक्रेन में जिन संभावित युद्ध अपराधों की चर्चा हो रही है उनमें घरों को गिराना, सुरक्षित गलियारों से निकलने की कोशिश कर रहे लोगों पर गोलीबारी, अस्पतालों को निशाना बनाना, कल्स्टर बम जैसे हथियारों का नागरिक इलाकों में इस्तेमाल करना, परमाणु बिजली केंद्र पर हमला और जान बूझ कर भोजन, पानी जैसी मानवीय सहायता का रास्ता रोकना शामिल है. हालांकि इसमें भी नीयत की भूमिका बड़ी है. केवल अस्पताल को ध्वस्त कर देना ही काफी नहीं है. यह भी दिखाना होगा कि ऐसा जान बूझ कर किया गया.

समाचार एजेंसी एपी ने स्वतंत्र रूप से यूक्रेन के कम से कम 34 अस्पतालों या इलाकाई केंद्रों पर हमले की रिपोर्ट दी है. एजेंसी के पत्रकारों ने नागरिक ठिकानों पर रूसी हमलों से हुई तबाही को खुद जा कर देखा. इन हमलों के शिकार बने बच्चों और दूसरे लोगों को दफनाए जाने की घटनाओं को भी इन पत्रकारों ने दर्ज किया है.

संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार आयुक्त ने कम से कम 1035 आम लोगों के मौत की पुष्टि की है. जिनमें 90 बच्चे भी शामिल हैं. इसके अलावा 1650 से ज्यादा लोग इस युद्ध में घायल भी हुए हैं. हालांकि माना जा रहा है कि असल संख्या इसकी तुलना में बहुत ज्यादा है.

मारियोपोल की मुसीबत
इधर मारियोपोल की सड़कों पर लड़ाई की खबरें आ रही हैं. मारियोपोल के मेयर वादिम बोइशेंको का कहना है कि रूसी घेराबंदी में रह रहे शहर की हालत अब भी खराब है और शहर के केंद्र में सड़कों पर लड़ाई चल रही है.  

मारियोपोल से आ रही तस्वीरों में हर तरफ तबाही के निशान और मलबे के ढेर दिख रहे हैं. टूटी-फूटी या पूरी तरह ध्वस्त इमारतें, जली हुई गाड़ियां दिख रही हैं. सदमे में डूबे लोग नजर आ रहे हैं जो पानी और खाना खोजने के लिए जगह-जगह मारे फिर रहे हैं. यहां लोगों को सामूहिक कब्रों में दफनाया जा रहा है.

इस बीच यूक्रेन के उप प्रधानमंत्री इरिना वेरेशचुक ने शनिवार को कहा कि 10 मानवीय गलियारा बनाने के लिए सहमति हुए है, ताकि नागरिकों को युद्ध वाले इलाकों से बाहर निकाला जा सके. वेरेशचुक ने यह भी कहा कि मारियोपोल से बाहर निकने वाले लोगों को निजी कारों में जाना होगा, क्योंकि रूसी सेना बसों को चेक प्वाइंट से नहीं गुजरने दे रही है. इन दावों की स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं हो सकी है.

तटवर्ती शहर होने के कारण रूस की मारियोपोल पर नजर है और वो किसी भी तरह से इस पर कब्जा करना चाहता है. हालांकि तबाही के बाद भी यूक्रेन यह इलाका रूस को सौंपने के लिए तैयार नहीं है. 4 लाख से ज्यादा आबादी वाले शहर में अब भी एक लाख से ज्याद आम नागरिक फंसे हुए हैं.

एनआर/आरएस (एपी, एएफपी, रॉयटर्स)

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