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उत्तर कोरिया के मिसाइलों के परीक्षण पर जापान ने कहा, किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेंगे
06-Jun-2022 9:23 AM
उत्तर कोरिया के मिसाइलों के परीक्षण पर जापान ने कहा, किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेंगे

जापान की समाचार एजेंसी क्योडो ने सरकारी सूत्रों के हवाले से जानका री दी कि उत्तर कोरिया ने एक साथ कई मिसाइलें दाग़ी हैं.

समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने दक्षिण कोरिया के जॉइंट् चीफ़ ऑफ़ स्टाफ़ के हवाले से जानकारी दी है कि ये मिसाइलें उत्तर कोरिया की राजधानी प्योंगयांग के सुनान इलाक़े से दाग़ी गई हैं.

एक दिन पहले ही दक्षिण कोरिया और अमेरिका का संयुक्त सैन्य अभ्यास ख़त्म हुआ है. इस अभ्यास में चार साल से ज़्यादा वक़्त के बाद पहली बार अमेरिकी विमानों ने हिस्सा लिया था.

जापान ने मिसाइल परीक्षण को लेकर तीखी प्रतिक्रिया दी है. जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने कहा कि इसे किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है.

जापान के प्रधानमंत्री किशिदा ने कहा कि उत्तर कोरिया इस साल की शुरुआत से ही बार-बार बैलिस्टिक मिसाइलें दाग रहा है. इसमें नए तरीके की इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल यानी ICBM शामिल हैं. ये हरकत क्षेत्र की शांति और स्थिरता के लिए ख़तरा है. इसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है. ये मिसाइल लॉन्च अंतरराष्ट्रीय क़ानूनों का भी उल्लंघन है और हम इसकी कड़ाई के साथ निंदा करते हैं.

ध्यान रहे कि अमेरिका के उत्तर कोरिया मामलों के विशेष दूत संग किम हाल में दक्षिण कोरिया का दौरे किया. उन्होंने दक्षिण कोरिया और जापान के समकक्ष अधिकारियों से मुलाक़ात की थी.

दक्षिण कोरिया के ज्वाइंट चीफ़ ऑफ़ स्टाफ़ के प्रवक्ता किम जूनरैक ने उत्तर कोरिया से कहा है कि वो परीक्षणों पर तुरंत रोक लगाए.

किम जूनरैक ने कहा, "उत्तर कोरिया की ओर से बैलिस्टिक मिसाइलों का लगातार परीक्षण करना उकसावे की गंभीर घटना है. इससे कोरियाई प्रायद्वीप और अंतरराष्ट्रीय समुदाय की शांति और स्थिरता के लिए ख़तरा पैदा होता है. इस इसकी पुरज़ोर निंदा करते हैं और उनसे गुज़ारिश करते हैं कि ऐसा करना तुरंत बंद कर दें."

उत्तर कोरिया ने हाल में इस तरह के हथियारों के परीक्षण की संख्या बढ़ा दी है.

बीते महीने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन दक्षिण कोरिया के दौरे पर थे. वो जैसे ही वापस लौटे तभी उत्तर कोरिया ने इंटकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल दागी. अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने इसकी कड़ी आलोचना की थी.

अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र से उत्तर कोरिया पर और अधिक प्रतिबंध लगाने की मांग की लेकिन चीन और रूस ने इस पर वीटो लगा दिया.

साल 2006 के बाद से चीन और रूस ने पहली बार संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में उत्तर कोरिया पर प्रतिबंध लगाने के मामले में वीटो किया.

साल 2006 में उत्तर कोरिया ने पहला परमाणु परीक्षण किया था. अभी भी ये आशंका जताई जा रही है कि उत्तर कोरिया साल 2017 के बाद पहली बार परमाणु परीक्षण कर सकता है.

अमेरिका उत्तर कोरिया से स्पष्ट शब्दों में कहा चुका है कि कूटनीति के लिए उसके दरवाज़े खुले हैं और वो प्रतिबंधों में ढील देने के लिए चर्चा करने को भी तैयार है. (bbc.com)

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