अंतरराष्ट्रीय

नूपुर शर्मा मामले में डच सांसद की टिप्पणी को लेकर चर्चा
08-Jun-2022 6:05 PM
नूपुर शर्मा मामले में डच सांसद की टिप्पणी को लेकर चर्चा

नूपुर शर्मा और नवीन कुमार जिंदल को भले बीजेपी ने पार्टी से निकाल दिया है लेकिन जिस तरह से इस्लामिक देशों और मुस्लिम बहुल देशों से प्रतिक्रिया आई, उस पर बहस ख़त्म नहीं हुई.

57 इस्लामिक या मुस्लिम बहुल देशों के संगठन ऑर्गेनाइज़ेशन ऑफ इस्लामिक कोऑपरेशन यानी ओआईसी ने भी इस मामले में भारत को आड़े हाथों लिया था.

भारत ने ओआईसी को तीखा जवाब दिया लेकिन इस्लामिक देशों को लेकर सतर्कता से प्रतिक्रिया दी. भारत सरकार ने अपने आधिकारिक बयान में कहा है कि भारत सभी धर्मों का सम्मान करता है.

जब पैग़ंबर मोहम्मद पर विवादित टिप्पणी को लेकर अरब देशों से आपत्ति आ रही थी, उसी वक़्त भारत के उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू क़तर में थे.

ख़बर आई कि क़तर के डेप्युटी अमीर ने उपराष्ट्रपति को दी दावत को रद्द कर दिया. द हिन्दू की रिपोर्ट के अनुसार, वजह सेहत से जुड़ी समस्या बताई गई थी. कई देशों में भारत के राजदूत रहे विवेक काटजू ने द हिन्दू से कहा है कि विदेशी धरती पर भारत के लिए यह बहुत ही अपमानजनक रहा. इसके अलावा ईरान के विदेश मंत्री भारत आने वाले थे, तभी यह विवाद हुआ. ईरान ने भी भारत से कहा कि वह पैग़ंबर के अपमान करने वालों को रोके.

भारत की विदेश नीति में खाड़ी के देश काफ़ी अहम रहे हैं. पाँच अगस्त, 2019 को भारत ने कश्मीर का विशेष दर्जा ख़त्म किया तो अरब के देशों ने कोई आपत्ति नहीं जताई थी. दूसरी तरफ़ पाकिस्तान उम्मीद कर रहा था और उसने दबाव भी बनाया कि अरब देश भारत के ख़िलाफ़ बोलें.

इन सबके बीच नीदरलैंड्स के सांसद का एक ट्वीट भारत का एक तबका ख़ूब पसंद कर रहा है.

भारत की विदेश नीति में खाड़ी के देश काफ़ी अहम रहे हैं. पाँच अगस्त, 2019 को भारत ने कश्मीर का विशेष दर्जा ख़त्म किया तो अरब के देशों ने कोई आपत्ति नहीं जताई थी. दूसरी तरफ़ पाकिस्तान उम्मीद कर रहा था और उसने दबाव भी बनाया कि अरब देश भारत के ख़िलाफ़ बोलें.

इन सबके बीच नीदरलैंड्स के सांसद का एक ट्वीट भारत का एक तबका ख़ूब पसंद कर रहा है.

ये ट्वीट है डच सांसद गीर्ट वाइलडर्स का. पैग़ंबर पर टिप्पणी के बाद उपजे विवाद पर वाइलडर्स ने एक ट्वीट कर कहा था कि तुष्टीकरण कभी भी फ़ायदा नहीं देता बल्कि इससे चीज़ें और ख़राब होती हैं.

गीर्ट ने लिखा है, "तुष्टीकरण कभी काम नहीं करता. ये स्थितियों को बिगाड़ता ही है. इसलिए भारत के मेरे प्यारे दोस्तों, इस्लामिक देशों के उकसावे में न आएं. आज़ादी के लिए खड़े होइए और गर्व करिए. अपनी नेता नूपुर शर्मा के बचाव में आइए, जिन्होंने सच कहा है."

अपने इस्लाम विरोधी बयानों के लिए पहचाने जाने वाले गीर्ट वाइल्डर्स पर एक बार ब्रिटेन में प्रवेश पर प्रतिबंध भी लगा था. हालाँकि, बाद में ये प्रतिबंध वापस ले लिया गया. वाइल्डर्स की जान के ख़तरे को देखते हुए उन्हें सुरक्षा मुहैया कराई जाती है.

गीर्ट वाइलडर्स का ये ट्वीट अब तक करीब 16 हज़ार बार रीट्वीट हो चुका है. भारत में कई बीजेपी समर्थकों अब इस ट्वीट को शेयर कर रहे हैं.

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का मुखपत्र ऑर्गेनाइज़र ने भी इस ट्वीट के आधार पर नूपुर शर्मा के समर्थन में पूरा लेख छापा है.

ऑर्गनाइज़र पत्रिका के संपादक प्रफुल्ल केतकर ने इस आर्टिकल को ट्वीट करते हुए साथ में लिखा है, "सर तन से जुदा वाली सोच को जानते हुए डच सांसद ने नूपुर शर्मा के बयान का बचाव किया; कहा- तुष्टीकरण से स्थितियां ख़राब होती हैं. यूरोप में उभरती संकट की स्थिति का स्पष्ट संकेत."

ख़ुद को आरएसएस से जुड़ा बताने वाले ट्विटर यूज़र देवेंद्र जाटव लिखते हैं, "जो हिम्मत डच सांसद ने दिखाई है, वही हिम्मत बीजेपी के नेताओं को दिखानी चाहिए थी. मगर अफ़सोस सब के सब ख़ामोश है. हैरानी है कि बीजेपी की महिला नेताओं ने भी नूपुर का साथ नहीं दिया."

गीर्ट वाइल्डर्स ने क्या कहा?
डच सांसद वाइलडर्स ने एक के बाद एक नूपुर शर्मा के समर्थन में कई ट्वीट किए हैं.

उन्होंने अपने ताज़ा ट्वीट में दावा किया है कि नूपुर शर्मा को समर्थन देने की वजह से उन्हें कई मुस्लिमों ने जान से मारने की धमकी दी है.

उन्होंने एक अन्य ट्वीय में लिखा, "ये बहुत ही वाहियात है कि अरब और इस्लामिक देश भारतीय नेता नूपुर शर्मा की ओर से पैग़ंबर मोहम्मद पर सच बोलने से ग़ुस्सा है. भारत माफ़ी क्यों मांगे?"

गीर्ट वाइल्डर्स ने मंगलवार को एक और ट्वीट कर के इस्लामी देशों पर निशाना साधा.

उन्होंने लिखा, "पाखंडियों की मत सुनिए. इस्लामिक देशों में लोकतंत्र नहीं है, क़ानून का शासन नहीं है, आज़ादी नहीं है. ये अल्पसंख्यकों पर ज़ुल्म करते हैं और मानवाधिकारों की इस तरह धज्जियां उड़ाते हैं, जैसे कोई और नहीं करता. इनकी आलोचना होनी ही चाहिए!"

गीर्ट वाइल्डर्स बुधवार को भी एक ट्वीट में अपील की है कि पूरे भारत को एकजुट होकर नूपुर शर्मा का समर्थन करना चाहिए.

क्या है पूरा मामला?
नूपुर शर्मा ने बीती 26 मई को एक न्यूज़ चैनल पर डिबेट शो में पैग़ंबर मोहम्मद को लेकर विवादित टिप्पणी की थी. नूपुर शर्मा के अलावा बीजेपी के एक और प्रवक्ता नवीन कुमार जिंदल ने भी पैग़ंबर को लेकर आपत्तिजनक ट्वीट किया था.

इनकी टिप्पणी का भारत में कई दिनों तक विरोध जारी रहा. क़रीब दस दिन बाद इस्लामिक देशों ने इस बयान पर तीख़ी प्रतिक्रिया दी. क़तर ने भारत के राजदूत दीपक मित्तल को को तलब किया और आधिकारिक तौर पर आपत्ति का नोट सौंपा. क़तर ने इस मामले में भारत सरकार से सार्वजनिक रूप से माफ़ी मांगने को कहा.

विवाद इतना बढ़ा कि इसके बाद भारतीय जनता पार्टी ने नूपुर शर्मा को निलंबित किया और नवीन कुमार जिंदल को पार्टी से बाहर कर दिया गया.

दूसरी ओर भारत सरकार अरब देशों को ये समझाने की कोशिश की कि इन दोनों नेताओं के बयान का भारत सरकार के रुख से लेना-देना नहीं है.

इसके बाद भी विरोध नहीं थमा. दूसरे देशों के अलावा नूपुर शर्मा के निलंबन पर बीजेपी को अपने समर्थकों की ओर से भी विरोध का सामना करना पड़ रहा है.

कहा जा रहा है कि पार्टी का काडर दोनों नेताओं पर हुई इस कार्रवाई से संतुष्ट नहीं है. हालाँकि, अंग्रेज़ी अख़बार द इंडियन एक्सप्रेस ने अपनी एक रिपोर्ट में दावा किया है कि बीजेपी के कई वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि पैग़ंबर मोहम्मद को लेकर की गई विवादित टिप्पणी पर दोनों प्रवक्ताओं को पार्टी से निलंबित और निष्कासित करने का फैसला 'अच्छा और ठीक तरह से सोच-समझकर लिया गया फैसला है'. (bbc.com/hindi)

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