अंतरराष्ट्रीय
कराची में मारी माता मंदिर पर हमला
-शुमायला ख़ान
पाकिस्तान के सिंध प्रांत की राजधानी कराची के कोरंगी इलाक़े में बुधवार को हिंदुओं के मारी माता मंदिर में तोड़फोड़ की गई. मंदिर में एक मूर्ति को भी खंडित करने की भी ख़बर है.
पुलिस ने इस मामले में एफ़आईआर दर्ज की है लेकिन हमले के बाद इलाक़े में लोगों में डर बना हुआ है.
ऑल कराची मद्रासी हिंदू पंचायत के अध्यक्ष एसके शमीम ने बताया, "छह अज्ञात लोग बंदूकों के साथ मंदिर परिसर में घुस गए. उन्होंने कहा कि मंदिर के पुजारी को बुलाओ या किसी बड़े व्यक्ति को बुलाकर लाओ. इत्तेफाक की बात है कि वहां उस वक्त कोई बड़ा नहीं था. उन्होंने मंदिर में रंगरोगन कर रहे और सफ़ाई कर रहे बच्चों को डराया."
"उन्होंने पहले हनुमान मंदिर को तोड़ा, उसके बाद गणेश मंदिर तोड़ा और कहने लगे कि हम दोबारा वापस आएंगे."
ऑल कराची मद्रासी हिंदू पंचायत के सदस्य और स्थानीयनिवासी संजीव कुमार ने कहा, "हम इस इलाक़े में 1961 से रह रहे हैं. यहां पहले कभी ऐसा नहीं हुआ."
कराची में क़रीब सौ तमिल हिंदू परिवार रहते हैं जिनमें से 15 परिवार कोरंगी इलाक़े में और बाकी मद्रासी पारा में रहते हैं. मद्रासी पारा कराची कैंटोनमेंट के पड़ोस में हैं.
बुधवार को जब ये घटना हुई तो मारी माता मंदिर में मारी अम्मान त्योहार के लिए रंगरोगन हो रहा था.
लोगों के बीच डर का माहौल
मंजीला का घर मारी माता मंदिर के बगल में है. वो इस हमले से गुस्से में हैं और डरी हुई हैं.
उन्होंने कहा, "मंदिर में ऐसा पहली बार हुआ है. बच्चे मंदिर के अंदर थे. अगर उन्हें चोट लग जाती तो क्या होता?"
"चाहे मंदिर हो, चर्च हो या मस्जिद क्या कोई भी आकर ऐसे हमले कर सकता है."
एक और स्थानीय निवासी मीना ने कहा कि वो जानती हैं कि बीजेपी की नेता नूपुर शर्मा के बयान से पूरी दुनिया के मुसलमान दुखी हैं.
वो कहती हैं कि वो नफ़रत भरे भाषणों का समर्थन नहीं करती, हर धर्म का सम्मान किया जाना चाहिए. कराची में जो भी हुआ वो सही नहीं था.
ज़िला प्रशासन और पुलिस ने हिंदू समुदाय के लोगों को पूरी सुरक्षा देने का आश्वासन दिया है और मंदिर के मुख्य दरवाज़े पर पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है.
मंदिर पर हुए हमले के बाद स्थानीय हिंदू समुदाय में डर फैला हुआ है. उन्होंने प्रशसन से मंदिर के भीतर और बाहर कैमरे लगाने और उनके इलाक़ों में सुरक्षा देने की मांग की है.
इस हमले के बाद तमिल हिंदुओं को 10 जून से शुरू हो रहा तीन दिनों का मारी अम्मान त्योहार टालना पड़ रहा है. पंचायत ने इसे अगले महीने जुलाई में मनाने का फ़ैसला किया है.
भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने मारी माता मंदिर पर हमले की आलोचना की है और 'इसे धार्मिक अल्पसंख्यकों का सुनियोजित तरीके से उत्पीड़न' बताया.
लेकिन, पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने इन आरोपों को खारिज किया है.
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में भारत की ओर इशारा करते हुए कहा कि, "पड़ोसी देश में सरकारी मशीनरी से संरक्षण प्राप्त धार्मिक कट्टरपंथियों की मुस्लिम समुदाय के ख़िलाफ़ हिंसा के विपरीत पाकिस्तान सरकार इस मामले को लेकर बेहद सख़्त है और अपराधियों के ख़िलाफ़ कार्रवाई की जा रही है. हमला करने वालों के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज़ की गई है और उन्हें पकड़ने की पूरी कोशिश की जा रही है."
पाकिस्तान में पहले भी हिंदू मंदिरों पर हमले हुए हैं. इससे पहले पिछले साल दिसंबर में कराची के नारायणपुरा इलाक़े में एक व्यक्ति ने मंदिर में तोड़फोड़ की थी जिसके बाद इलाक़े के लोगों ने उसे पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया था. उस पर ईशनिंदा का मामला दर्ज किया गया.
बीते साल नवंबर में कराची की ली मार्केट के नज़दीक शीतल दास कंपाउंड में बने एक मंदिर में भी कुछ लोगों ने हमला किया था. उन पर बाद में ईशनिंदा का मामला दर्ज किया गया था.(bbc.com)