खेल
Twitter.com/MirzaSania
भारत में टेनिस की जब भी बात होती है तो एक ही नाम हर किसी की ज़ेहन में आता है. वो नाम है सानिया मिर्ज़ा का. शोहरत की बुलंदियों से विवादों के तमाम दौर देखने वाली सानिया मिर्ज़ा को अब उनके चाहने वाले विंबलडन में खेलते हुए नहीं देख पाएँगे.
सानिया मिर्जा ने विंबलडन में आख़िरी मैच खेलकर विदाई की घोषणा कर दी है.
अपने आख़िरी मैच से पहले उन्होंने एक भावुक पोस्ट इंस्टाग्राम पर शेयर किया.
उन्होंने लिखा, "खेल आपसे मानसिक, शारीरिक और भावनात्मक रूप से बहुत कुछ ले लेता है. जीत और हार, कड़ी मेहनत और कड़ी हार के बाद ऐसी रातें होती हैं जब नींद नहीं आती लेकिन ये आपको बदले में इतना कुछ देता है कि कई दूसरी नौकरियाँ आपको नहीं दे सकती हैं. इसके लिए मैं आभारी हूँ."
"आँसू और ख़ुशी, लड़ाई और संघर्ष, हमने जो कुछ भी किया वो सब क़ीमती नज़र आता है जब अंत में देखते हैं. विंबलडन में खेलना और पिछले 20 सालों से यहाँ जीतते आना मेरे लिए सम्मान की बात की है. मुझे आपकी याद आएगी."
सानिया मिर्जा को अपने करियर के आख़िरी विंबलडन में मिक्स्ड डबल्स के सेमीफाइनल में हार का सामना करना पड़ा. सानिया का विंबलडन में ये आख़िरी मैच था.
35 साल की सानिया छह ग्रैंड स्लैम ख़िताब जीत चुकी हैं, जिनमें तीन मिक्सड डबल्स ख़िताब हैं हालांकि वे विंबलडन में मिक्सड डबल्स कभी नहीं जीत सकी. उन्होंने 2009 ऑस्ट्रेलियाई ओपन और 2012 फ्रेंच ओपन महेश भूपति के साथ जीता था. (bbc.com)