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श्रीलंका: प्रधानमंत्री रनिल विक्रमसिंघे इस्तीफ़ा देने के लिए तैयार, प्रदर्शनकारी पीएम आवास में भी दाख़िल हुए
09-Jul-2022 8:12 PM
श्रीलंका: प्रधानमंत्री रनिल विक्रमसिंघे इस्तीफ़ा देने के लिए तैयार, प्रदर्शनकारी पीएम आवास में भी दाख़िल हुए

श्रीलंका के प्रधानमंत्री रनिल विक्रमसिंघे इस्तीफ़ा देने के लिए तैयार हो गए हैं. प्रधानमंत्री रनिल विक्रमसिंघे ने ख़ुद ट्वीट कर इसकी पुष्टि की है.

इससे पहले पीएमओ की ओर से भी बताया गया कि विक्रमसिंघे इस्तीफ़ा देने के लिए तैयार हो गए हैं ताकि सर्वदलीय सरकार का गठन किया जा सके.

प्रधानमंत्री रनिल विक्रमसिंघे ने अपनी पार्टी के नेताओं को सूचित किया है कि सर्वदलीय सरकार बन सके, इसके लिए वह अपने पद से इस्तीफ़ा देने के लिए तैयार हैं.

बीबीसी सिंहला के संवाददाता रंगा सिरीलाल के अनुसार, पीएमओ की ओर से दावा किया गया है कि नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रधानमंत्री विपक्ष के प्रस्ताव पर सहमत हो गए हैं.

इस दौरान प्रदर्शनकारी प्रधानमंत्री आवास में भी दाखिल हो गए हैं. दोपहर में सरकार विरोधी प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे के सरकारी आवास में भी दाखिल हो गए थे.

उधर, प्रदर्शनकारियों के बीच श्रीलंका के पूर्व क्रिकेटर सनथ जयसूर्या भी पहुंचे. उन्होंने प्रदर्शनकारियों के साथ अपनी कुछ तस्वीरें भी ट्विटर पर शेयर कीं.

उन्होंने लिखा कि वे श्रीलंका के लोगों के साथ खड़े हैं और जल्द ही जीत का जश्न मनाएंगे और इसे बिना किसी रुकावट के जारी रखा जाना चाहिए.

दोपहर को जब प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति राजपक्षे के आवास में दाखिल हुए तो राजपक्षे वहां मौजूद नहीं थे.

रिपोर्टों के मुताबिक, राष्ट्रपति राजपक्षे को सुरक्षित जगह पर ले जाया गया है. हालांकि, राष्ट्रपति कहां हैं इस बारे में अभी कोई पुष्ट जानकारी सामने नहीं आई है.

कोलंबो में तनाव की स्थिति बनी हुई है. प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए सेना तैनात की गई है. सड़कों पर उतरे प्रदर्शनकारियों को तितर बितर करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे और हवा में गोलियां भी चलाईं.

रिपोर्टों के मुताबिक, पुलिस की कार्रवाई में कई लोग घायल भी हुए हैं और उन्हें अस्पताल में दाखिल कराया गया है. जो वीडियो फ़ुटेज सामने आई हैं उनमें प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति भवन में लगी कुर्सियों पर बैठे और स्वीमिंग पूल में नहाते दिखाई दे रहे हैं.

श्रीलंका में बढ़ती कीमतों और ज़रूरी सामान की कमी के विरोध में लंबे समय से विरोध प्रदर्शन जारी हैं. प्रदर्शन में हिस्सा लेने के लिए देश के कई हिस्सों से लोग कोलंबो पहुंचे हैं.

प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति राजपक्षे से इस्तीफ़ा देने की मांग कर रहे हैं. श्रीलंका बीते कई दशकों की सबसे बड़े आर्थिक संकट का सामना कर रहा है. देश में पेट्रोल, खाने पीने के सामान और दवाओं की कमी हो गई है.

शनिवार की दोपहर एक बजे के क़रीब प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति के सरकारी आवास में दाखिल होने लगे. कुछ प्रदर्शनकारी मेनगेट पर चढ़ गए और परिसर में घुस गए. प्रदर्शन की जगह पर सेना के जवानों को भी तैनात किया गया है.

प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए पुलिस ने कर्फ़्यू लगाया था.

रिपोर्टों के मुताबिक, बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी गॉल क्रिकेट स्टेडियम के बाहर भी जमा हो गए हैं. यहां श्रीलंका और ऑस्ट्रेलिया के बीच टेस्ट मैच खेला जा रहा है.

कई लोग घायल
श्रीलंका पुलिस ने राष्ट्रपति आवास को घेरने की कोशिश करने वाले लोगों पर आंसू गैस के गोले दागे. पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर पानी की बौछार भी की. जिसमें कई लोगों के घायल होने की ख़बर है.

भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने हवाई फायरिंग भी की है. वहां से आए वीडियो फुटेज में आंसू गैस के गोले से घायल लोगों को अस्पताल ले जाते हुए देखा जा सकता है.

कोलंबो नेशनल हॉस्पिटल ने जानकारी दी है कि एक सुरक्षा गार्ड समेत 33 लोग घायल हुए हैं.

रैली का आयोजन
श्रीलंका में बेतहाशा बढ़ी महंगाई के साथ खाने पीने के सामान, ईंधन और दवाओं की क़िल्लत के विरोध में शनिवार को सरकार के ख़िलाफ़ रैली का आयोजन किया गया है. विरोध प्रदर्शन को विपक्षी दलों, ट्रेड यूनियनों, छात्र और किसान संगठनों ने भी समर्थन दिया है.

इससे पहले सरकार ने राजधानी कोलंबो और इसके पास के इलाक़ों में होने वाली इस रैली के पहले शुक्रवार रात नौ बजे से कर्फ़्यू लगा दिया था.

अधिकारियों का कहना है कि यह कर्फ़्यू शुक्रवार की रात नौ बजे से लेकर अगले आदेश तक लगाया गया है. प्रशासन ने लोगों से अनुरोध किया है कि वे अपने घरों में ही रहें और बाहर न जाएं.

विरोध रैली के दौरान हिंसा से बचाव के लिए प्रशासन ने सेना और पुलिस के हज़ारों जवानों को तैनात किया गया है.

देश के मौजूदा आर्थिक संकट के लिए राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे को ज़िम्मेदार बताते हुए प्रदर्शनकारी उनके इस्तीफ़े की मांग कर रहे हैं.

पिछले कई महीनों से आर्थिक बदहाली और महंगाई से परेशान लोग सड़कों पर सरकार के ख़िलाफ़ प्रदर्शन कर रहे हैं. इस दौरान हिंसा की कई घटनाएं हो चुकी हैं.

सकंट की वजह
श्रीलंका का आर्थिक संकट वहाँ के विदेशी मुद्रा भंडार के तेज़ी से घटने से पैदा हुआ है. कई लोगों का आरोप है कि ऐसा वहां की सरकार की आर्थिक बद-इंतज़ामी और कोरोना महामारी के प्रभाव की वजह से हुआ है.

विदेशी मुद्रा भंडार की कमी की वजह से श्रीलंका ज़रूरी सामानों का आयात नहीं कर पा रहा जिनमें तेल, खाने-पीने के सामान और दवाएं जैसी चीज़ें शामिल हैं.इस साल मई में वो इतिहास में पहली बार अपने कर्ज़ की किस्त चुकाने में नाकाम रहा था. तब उसे सात करोड़ 80 लाख डॉलर की अदायगी करनी थी मगर 30 दिनों का अतिरिक्त समय दिए जाने के बावजूद वो इसे नहीं चुका सका.

श्रीलंका अभी अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ़) से लगभग 3.5 अरब डॉलर की बेलआउट राशि चाह रहा है जिसके लिए उसकी बातचीत चल रही है.

श्रीलंका सरकार का कहना है कि उसे इस साल आईएमएफ़ समेत अंतरराष्ट्रीय समुदाय से पांच अरब डॉलर की मदद चाहिए. (bbc.com)

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