ताजा खबर
सीटू के आह्वान पर सडक़ पर उतरे कर्मी, प्रबंधन के अडिय़ल रवैया से आक्रोश
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
भिलाई नगर, 23 सितंबर। सम्मानजनक बोनस की मांग को लेकर सीटू के आव्हान पर आज बोरिया गेट पर प्रदर्शन किया गया।
ज्ञात हो कि 19 सितंबर को बोनस को लेकर बुलाई गई एनजेसीएस उप समिति की बैठक में सेल कर्मचारियों के बोनस को लेकर कोई समझौता नहीं हो पाया था। सेल प्रबंधन ने अडिग रहते हुए केवल 22 हजार रुपये बोनस दिए जाने का प्रस्ताव रखा था जिसे न मानते हुए विरोध स्वरूप आज प्रदर्शन किया गया।
विदित हो कि 19 सितंबर की एनजेसीएस बैठक को लेकर कर्मियों में काफी आक्रोश है। कर्मियों का मानना है कि बोनस तय करने के लिए बुलाई गई एनजेसीएस उपसमिति की बैठक में प्रबंधन का रवैया पूरी तरह अपमानजनक एवं अडिय़ल था। सभी कर्मियों को यह उम्मीद थी कि सेल को हुए अभूतपूर्व लाभ के एवज में कर्मियों के वार्षिक बोनस में अनुपातिक वृद्धि होगी, किंतु सेल द्वारा वित्त वर्ष 20-21 की तुलना में वित्त वर्ष 21-22 में 3 गुना से अधिक कर पश्चात लाभ अर्जित करने के बावजूद प्रबंधन की ओर से पिछले वर्ष के बराबर बोनस का प्रस्ताव देना कर्मियों के लिए अपमानजनक है।
गौरतलब हो कि वित्त वर्ष 20-21 में सेल को 3 हजार 850 करोड़ लाभ हुआ था जबकि वित्त वर्ष 21-22 में यह लाभ बढक़र 12 हजार 15 करोड़ रुपए हुआ है। सीटू नेताओं ने कहा कि 19 सितंबर की बैठक में प्रबंधन ने स्वयं प्रस्तुतिकरण देते हुए सेल की उपलब्धियों का विस्तृत विवरण दिया। प्रस्तुतिकरण में प्रबंधन की ओर से जानकारी दी गई कि सेल ने वार्षिक उत्पादन योजनाका 92 प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त किया। इसी तरह 22 हजार 364 करोड़ रुपए का ग्रॉस मार्जिन अर्जित किया जो लक्ष्य का 198 फीसदी है। कर पश्चात लाभ 12 हजार 15 करोड़ रुपए अर्जित किया गया जो सेल के लिए एक कीर्तिमान है। प्रस्तुतिकरण में प्रबंधन द्वारा सेल की इस उपलब्धि के लिए महामारी संकटकाल में अपनी जान की परवाह किए बिना कर्मियों द्वारा दिए गए सहयोग एवं योगदान की सराहना की गई, किंतु प्रबंधन की यह कोरी सराहना बोनस के लिए प्रबंधन द्वारा दिए गए प्रस्ताव में नहीं दिखाई दी।
सीटू नेताओं ने स्पष्ट किया जिस तरह प्रबंधन पिछले कुछ समय से एक तरफा निर्णय लेने की नई परिपाटी शुरू की है, बोनस मामले में इस तरह का कोई निर्णय ना ले अन्यथा कर्मियों का गुस्सा फूट सकता है। नेताओं ने सरकार से बोनस की तीनों सीलिंग हटाने की भी मांग की। ज्ञात हो कि बोनस भुगतान अधिनियम में अधिकतम बोनस प्राप्त करने की सीमा 20 प्रतिशत है, बोनस पात्रता हेतु अधिकतम मूल वेतन 21 हजार है तथा अधिकतम मूल वेतन जिस पर बोनस की गणना की जानी है वह 7 हजार है।