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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को लिखी चिट्ठी में लेफ्टिनेंट गवर्नर वीके सक्सेना ने आरोप लगाया है कि वे और उनके मंत्री अपने संवैधानिक दायित्वों और सरकार के कामकाज की जिम्मेदारी से भाग रहे हैं.
सात अक्टूबर को लिखी चिट्ठी में उपराज्यपाल सक्सेना ने केजरीवाल सरकार की आलोचना करते हुए लिखा है कि उनका शासन 'भाषणों और विज्ञापनों पर आधारित' है जिसका 'जनहित के काम से कोई' वास्ता नहीं है.
वीके सक्सेना की चिट्ठी दिल्ली के उपमुख्यमंत्री के उस आरोप के बाद सामने आई है जिसमें मनीष सिसोदिया ने लेफ्टिनेंट गवर्नर पर आम आदमी पार्टी की सरकार के कामकाज में दखल देने और सरकार के फ़ैसले और कार्यों पर असंवैधानिक तरीके से जांच बिठाने का इलज़ाम लगाया था.
वीके सक्सेना की इस चिट्ठी पर तंज करते हुए अरविंद केजरीवाल ने ट्विटर पर कहा, "आज एक और लव लेटर आया है…"
उन्होंने इसके बाद एक और ट्वीट किया, "बीजेपी एलजी के ज़रिए दिल्ली के लोगों की ज़िंदगी तबाह करने पर तुली है. रोज़ ये लोग किसी ना किसी बात को लेकर बखेड़ा कर देते हैं. मैं दिल्लीवासियों को भरोसा दिलाता हूँ- जब तक आपका ये बेटा ज़िंदा है, चिंता मत करना. आपका बाल भी बांका नहीं करने दूँगा."
इससे पहले अरविंद केजरीवाल ने एक ट्वीट में एलजी पर तंज करते हुए कहा था कि वीके सक्सेना उन्हें उनकी पत्नी से ज़्यादा फटकार लगाते हैं.
उन्होंने कहा, "एलजी साहिब रोज़ मुझे जितना डाँटते हैं, उतना तो मेरी पत्नी भी मुझे नहीं डाँटतीं. पिछले छह महीनों में एलजी साहिब ने मुझे जितने लव लेटर लिखे हैं, उतने पूरी ज़िंदगी में मेरी पत्नी ने मुझे नहीं लिखे. एलजी साहिब, थोड़ा चिल करो. और अपने सुपर बॉस को भी बोलो, थोड़ा चिल करें."
एलजी का कहना है कि उनकी चिट्ठियां और निर्देश सरकार की गलतियों और कमियों के ख़िलाफ़ आगाह करने के इरादे से लिखी गई हैं. उनका कहना है कि इसके बावजूद उन पर निजी हमले किए जाते हैं और उन्हें 'बेबुनियाद आरोपों' का निशाना बनाया जाता है. (bbc.com/hindi)