अंतरराष्ट्रीय
आज से 34 साल पहले पैन एम 103 फ्लाइट में हुए बम ब्लास्ट मामले में एक लीबियाई शख़्स को गिरफ़्तार किया गया है, स्कॉटलैंड के अधिकारकियों ने बताया है कि व्यक्ति इस वक़्त अमेरिकी पुलिस की हिरासत में है. आरोप है कि इसने ही हमले के लिए बम तैयार किए.
अमेरिका ने दो साल पहले ही अबू अगिला मसूद के ख़िलाफ़ आरोपों तय किए थे. अमेरिका ने कहा था कि उसने 21 दिसंबर, 1988 को हुए पैन एम बम धमाके में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.
इस बम धमाके में बोइंग 747 में सवार सभी लोग और कुछ स्थानीय लोगों को मिलाकर 270 लोगों की मौत हो गई थी.
21 दिसंबर 1988 को पैन एम एयरलाइन की फैंकफर्ट एयरपोर्ट से डेट्रॉयट जाने वाली एयरलाइन के दो स्टॉपओवर लंदन और न्यूयॉर्क में थे.
जब फ्लाइट स्काटलैंड के लॉकरबी पहुंची तो इसमें बम धमाका हुआ. ये ब्रिटेन में हुआ सबसे ख़तरनाक़ आतंकवादी हमलों में से एक माना जाता है.
इस धमाके में फ्लाइट में सवार 259 पैसेंजर, क्रू और लॉकरबी के उस इलाक़े में रहने वाले 11 लोग मारे भी मारे गए.
पिछले महीने यह ख़बर सामने आई थी कि मसूद को लीबिया में एक मिलिशिया समूह ने किडनैप कर लिया था, जिससे अटकलें लगाई जा रही थीं कि ये समूह ट्रायल के लिए मसूद को अमेरिकी अधिकारियों को सौंपेगा.
अमेरिकी न्याय विभाग के प्रवक्ता ने रॉयटर्स को बताया है कि संदिग्ध को पहली दफ़ा वॉशिंगटन की फेडरल कोर्ट में पेश किया जाएगा. पांच साल पहले वह लीबिया की जेल में बम बनाने के मामले में सज़ा काट रहे थे.
साल 2001 में अब्देलबासित अल-मगरी को पैन एम 103 धमाके केस में स्कॉटलैंड की एक कोर्ट ने दोषी ठहराते हुए सज़ा सुनाई थी. इस बम धमाके में अब तक वह अकेले शख़्स हैं, जिन्हें सज़ा सुनाई गई.
मगरी के ताउम्र क़ैद की सज़ा सुनाई गई थी लेकिन साल 2009 में उन्हें कैंसर हो गया जिसके बाद स्कॉटलैंड सरकार ने उन्हें मानवीय और दया के आधार पर रिहा कर दिया. साल 2012 में लीबिया में उनकी मौत हो गई. (bbc.com/hindi)