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निकी हेली ने लिया पाकिस्तान का नाम, कहा- विरोधियों को मिल रही मदद बंद होनी चाहिए
26-Feb-2023 10:56 AM
निकी हेली ने लिया पाकिस्तान का नाम, कहा- विरोधियों को मिल रही मदद बंद होनी चाहिए

अमेरिकी राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवारी का एलान करने वालीं रिपब्लिकन पार्टी की नेता निकी हेली ने विदेश भेजी जा रही मदद को लेकर बाइडन प्रशासन पर हमला बोला है.

भारतीय मूल की निकी हेली ने कहा कि अगर वे जीतकर आती हैं तो वे अमेरिका से नफरत करने वाले देशों को मिलने वाली सहायता को पूरी तरह बंद करेंगी.

न्यूयॉर्क पोस्ट में उन्होंने एक ओपिनियन लेख लिखा जिसमें उन्होंने कहा, "अमेरिका ने पिछले साल विदेशी सहायता पर 46 अरब डॉलर खर्च किए. यह अभी तक किसी भी देश से ज्यादा है. टैक्स देने वालों को यह जानने का अधिकार है कि वह पैसा कहां जा रहा है और उससे क्या हो रहा है."

उन्होंने लिखा, "लोग यह जानकर हैरान हो जाएंगे कि इसका अधिकांश हिस्सा अमेरिकी का विरोध करने वाले देशों को दिया जा रहा है. राष्ट्रपति के रूप में मैं इस पर रोक लगाऊंगी."

निकी हेली ने लिखा, "बाइडन प्रशासन ने पाकिस्तान को सैन्य सहायता फिर से शुरू कर दी है, बावजूद इसके कि वहां पर कम से कम एक दर्जन आतंकवादी संगठनों का घर है और वहां की सरकार चीन बाइडन प्रशासन ने पाकिस्तान को सैन्य सहायता फिर से शुरू कर दी है, हालांकि यह कम से कम एक दर्जन आतंकवादी संगठनों का घर है और वहां की सरकार चीन के सामने मजबूर है.

निकी हेली का भारत से रिश्ता

निकी हेली का जन्म भारत से जाकर अमेरिका के साउथ कैरोलाइना के बामबर्ग में बसे एक पंजाबी सिख परिवार में हुआ है. उनके परिवार का कपड़ों का व्यापार है. जन्म के वक्त निकी का नाम निम्रता निकी रंधावा था.

निकी हेली को अपने बचपन में नस्लीय भेदभाव का सामना करना पड़ा था.

अकाउंटिंग की पढ़ाई करने के दौरान क्लेमसन यूनिवर्सिटी में निम्रता निकी रंधावा की मुलाक़ात माइकल हेली से हुई. दोनों ने साल 1996 में शादी कर ली जिसके बाद निकी ने अपने पति का आख़िरी नाम अपना लिया.

दोनों की शादी दो रीति-रिवाज़ों के अनुसार हुई थी, पहला ईसाई मेथोडिस्ट चर्च के नियमों के अनुसार और दूसरा सिख रीति के अनुसार. दोनों के दो बच्चे हैं.

आज से एक दशक पहले निकी हेली ने 39 साल की उम्र में अमेरिका की सबसे युवा गवर्नर बनने का रिकॉर्ड बनाया था. माना जाता है कि अमेरिकी राजनीति में उन्हें राष्ट्रीय स्तर की पहचान मिलना यहीं से शुरू हुआ.

उनके गृह राज्य साउथ कैरोलाइना में उनकी ये जीत कई मायनों में ऐतिहासिक रही थी- वे कंज़र्वेटिव पार्टी का गढ़ माने जाने वाले इस राज्य की पहली महिला और पहली एशियाई-अमेरिकी गवर्नर बनीं. (bbc.com/hindi)

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