अंतरराष्ट्रीय
चीन, 1 मार्च । कोरोना महामारी के बाद एशिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यस्थाओं में बिल्कुल उलट ट्रेंड दिखाई दे रहे हैं.
जहां चीन में मैन्युफ़ैक्चरिंग गतिविधियां पिछले एक दशक में सर्वाधिक रफ़्तार से बढ़ रही है, वहीं जापान में पिछले दो साल के मुकाबले मैन्युफ़ैक्चरिंग में सबसे तेज़ी से कमी आई है.
पूरी दुनिया में कोरोना महामारी के बाद से औद्योगिक उत्पादन को पटरी पर लाने की पुरज़ोर कोशिशें हो रही हैं.
चीन के नेशनल ब्यूरो ऑफ़ स्टैटिस्टिक्स के अनुसार, चीन की मैन्युफ़ैक्चरिंग परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) जनवरी में 50.1 से बढ़ कर 52.5 हो गया है. अप्रैल 2012 के बाद से ये सबसे तेज़ी से बढ़ा है.
जबकि जापान में निजी मैन्युफ़ैक्चरिंग पीएमआई सूचकांक फ़रवरी में 47.7 रहा. जनवरी में ये 48.9 था. जापान की अर्थव्यवस्था में गिरावट की रफ़्तार सितम्बर 2020 के बाद सबसे अधिक है.
यह इंडेक्स या सूचकांक अर्थव्यवस्था के ट्रेंड को दर्शाता है.
पीएमआई एक पैमाना है जिसका आकलन 0 से 100 के बीच किया जाता है.
अगर ये रीडिंग 50 से ऊपर है तो इसका मतलब पिछले महीने के मुकाबले अर्थव्यवस्था में विस्तार हुआ है. अगर कम है तो इसका मतलब है अर्थव्यवस्था की रफ़्तार में कमी आई है.
कोरोना वायरस के दौरान कड़े प्रतिबंधों के बाद चीन का प्रदर्शन उम्मीद से बेहतर रहा है.
पिछले साल ही दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाले चीन में प्रतिबंधों में ढील दी गई थी.
चीन के लिए 2022 का साल अर्थव्यवस्था में विकास दर के लिहाज से आधी सदी में सबसे बुरा रहा क्योंकि वहां लंबे समय तक लॉकडाउन को कड़ाई से लागू किया गया था. (bbc.com/hindi)