अंतरराष्ट्रीय
पाकिस्तान में ट्रांसजेंडर बनकर भीख मांग रहे एक पूर्व इमाम को गिरफ़्तार कर लिया गया है.
मस्जिद की समिति ने शिकायत में कहा है कि ट्रांसजेंडर बनकर भीख मांग रहा व्यक्ति क़रीब डेढ़ साल तक मस्जिद का सहायक इमाम बनकर रहा है.
पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के रावलपिंडी के चक बेली इलाक़े के पुलिस थाने में इस संबंध में मामला भी दर्ज किया गया है.
शिकायत के मुताबिक ट्रांसजेंडर व्यक्ति ने ना सिर्फ़ अपनी लैंगिक पहचान को छुपाया बल्कि मस्जिद के इमाम की हैसियत से कई लोगों के निकाह भी पढ़ाये.
शिकायतकर्ता ने बीबीसी से बात करते हुए कहा है कि मस्जिद की समिति ने लगभग दो साल पहले एकमत से पंजाब से आए इस व्यक्ति को मस्जिद का इमाम नियुक्त किया था.
उसे इसके बदले में 17 हज़ार रुपये महीने का वेतन दिया जाता था.
शिकायतकर्ता का कहना है कि इस दौरान अभियुक्त ने ना सिर्फ़ मस्जिद में नमाज़ पढ़ाई बल्कि जुमे के दिन ख़ुतबे भी पढ़े.
शिकायत में कहा गया है कि डेढ़ साल तक मस्जिद का इमाम बने रहने के बाद अचानक अभियुक्त ने कहा कि उसका सऊदी अरब में काम करने का वीज़ा आ गया है और वो अब विदेश जा रहा है.
मोहम्मद शफ़ीक़ ने बीबीसी को बताया कि इमाम रहते हुए उनका चरित्र बहुत अच्छा था और किसी तरह की कोई शिकायत कभी नहीं आई थी.
मोहल्ले के लोगों ने उनसे मस्जिद छोड़ कर ना जाने की गुज़ारिश की और बदले में वेतन बढ़ाने की पेशकश भी की. जब इमाम नहीं मानें तो पूरे सम्मान के साथ उनकी विदाई की गई.
एफ़आईआर के मुताबिक़ मस्जिद में काम छोड़ने के कुछ महीने बाद स्थानीय लोगों ने उन्हें चक बेली चौक पर ट्रांसजेंडर बनकर भीख मांगते देखा.
जब लोगों ने उनसे पूछा तो उन्होंने बताया कि उनकी पत्नी ने तलाक़ का मुक़दमा कर दिया है और उससे बचने के लिए वो ट्रांसजेंडर बनकर भीख मांग रहे हैं.
शिकायतकर्ता के मुताबिक इसके बाद पूर्व इमाम को पुलिस को सौंप दिया गया और उसके ख़िलाफ़ मुक़दमा दर्ज करवा दिया गया.
इमाम रहते हुए वो दाढ़ी भी रखा करते थे लेकिन जब उन्हें पुलिस को सौंपा गया तो वो शेव किए हुए थे. (bbc.com/hindi)