अंतरराष्ट्रीय
'ऑपरेशन कावेरी' के तहत सूडान में फंसे भारतीयों को बाहर निकालने का अभियान शुरू हो गया है. मंगलवार को आईएनएस सुमेधा से 278 भारतीय पोर्ट सूडान से जेद्दा के लिए रवाना हो गए.
इन लोगों में कई बच्चे भी शामिल हैं. विदेश मंत्रालय ने सोमवार को बताया था कि 500 भारतीय सूडान पोर्ट पहुंचे हैं.
ये ऑपरेशन सूडान में समुद्री मार्ग से किया जा रहा है. सूडान में एयर स्पेस पूरी तरह बंद है और ऐसे में कोई भी विमान उड़ान नहीं भर सकता.
आईएनएस सुमेधा से इन भारतीयों को जेद्दा लाया जाएगा और वहां से उन्हें एयरफ्राफ्ट के ज़रिए भारत वापस लाया जाएगा.
सोमवार को भारत के विदेश मंत्री ने ट्वीट के ज़रिए बताया था कि ऑपरेशन कावेरी के तहत 500 भारतीय पोर्ट सूडान पहुँच गए हैं.
उन्होंने ट्वीट में कहा था, "हमारे समुद्री और हवाई जहाज़ भारतीयों को वापस लाने के लिए तैयार हैं."
एक अनुमान के मुताबिक सूडान में क़रीब 3000 लोग फंसे हैं.
सूडान में हो क्या रहा है?
बीते दस दिन से सूडान की राजधानी खार्तूम और देश के अन्य हिस्सों में दो सैन्य बल आपस में भिड़ गए हैं.
इस टकराव के केंद्र में दो जनरल हैं. सूडानी आर्म्ड फ़ोर्सेस (एफ़एएस) के प्रमुख अब्देल फ़तह अल बुरहान और अर्द्धसैनिक बल रैपिड सपोर्ट फ़ोर्सेस (आरएसएफ़) के लीडर मोहम्मद हमदान दगालो जिन्हें हेमेदती के नाम से भी जाना जाता है.
साल 2021 में दोनों ने एक साथ काम किया और मिलकर देश में तख़्तापलट किया था लेकिन अब दबदबे के लिए दोनों के बीच की लड़ाई ने सूडान को बदहाल कर दिया है.(bbc.com/hindi)