राजनीति

एक्जिट पोल परिणामों से भाजपा, कांग्रेस की धड़कनें तेज : जद (एस) को त्रिशंकु विधानसभा की उम्मीद
11-May-2023 7:38 PM
एक्जिट पोल परिणामों से भाजपा, कांग्रेस की धड़कनें तेज : जद (एस) को त्रिशंकु विधानसभा की उम्मीद

बेंगलुरु, 11 मई। कर्नाटक में विधानसभा चुनाव में ज्यादातर एक्जिट पोल में कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच कड़ी टक्कर का अनुमान जताए जाने के बीच नतीजों को लेकर दोनों दलों के नेताओं की धड़कने तेज गई हैं जबकि जनता दल (सेक्युलर) त्रिशंकु जनादेश की उम्मीद कर रहा है ताकि वह सरकार गठन में अहम भूमिका निभा सके।


हालांकि, मतदान बाद आए अधिकांश सर्वेक्षणों में सत्तारूढ़ भाजपा पर कांग्रेस को बढ़त दिखाई गई है और राज्य में त्रिशंकु विधानसभा की संभावना जताई गई है।

राज्य की 224 सदस्यीय विधानसभा के लिए मतों की गिनती 13 मई को होगी।

राजनीतिक नेताओं को कई सप्ताह के प्रचार और बुधवार को हुए मतदान के बाद आखिरकार बृहस्पतिवार को कुछ आराम करने का मौका मिला।

दोनों राष्ट्रीय दलों के सूत्रों ने कहा कि उन्हें अपनी पार्टी के आसानी से जीतने का भरोसा है, लेकिन एग्जिट पोल ने निश्चित रूप से उन्हें एक हद तक चिंतित कर दिया है।

उन्होंने कहा कि कोई नहीं चाहता कि इस बार भी 2018 जैसी स्थिति सामने आए।

त्रिशंकु जनादेश की स्थिति में जद (एस) महत्वपूर्ण कारक होगा और 2018 की तरह वह ‘किंग’ या ‘किंगमेकर’ के रूप में उभर सकता है।

सूत्रों ने बताया कि खंडित जनादेश की स्थिति में गठबंधन सरकार के गठन की कुंजी रखने वाले पार्टी जद (एस) के नेता एच डी कुमारस्वामी स्वास्थ्य जांच के लिए सिंगापुर रवाना हो गए हैं और मतगणना के दिन वापस आ जाएंगे।

जद (एस) नेता को चुनाव प्रचार के दौरान थकावट और कमजोरी के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

जद (एस) के एक नेता ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, ‘‘निश्चित तौर पर त्रिशंकु जनादेश का परिदृश्य है और जद (एस) की सक्रिय भूमिका के साथ गठबंधन सरकार की प्रबल संभावना है। परिणामों को औपचारिक रूप से सामने आने दें। उसके बाद चीजें सामने आएंगी कि कौन क्या भूमिका निभाएगा।’’

साल 2018 के पिछले विधानसभा चुनावों में भाजपा 104 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी थी। इसके बाद कांग्रेस 80 सीटें और जद (एस) 37 सीटें जीतकर क्रमश: दूसरे और तीसरे स्थान पर रहीं। एक निर्दलीय सदस्य भी था, जबकि बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और कर्नाटक प्रज्ञावंत जनता पार्टी (केपीजेपी) के एक-एक सदस्य निर्वाचित हुए थे।

तब किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिलने और कांग्रेस तथा जद (एस) के गठबंधन करने की कोशिश के बीच सबसे बड़ी पार्टी भाजपा ने सरकार बनाने का दावा पेश किया और वरिष्ठ नेता बी एस येदियुरप्पा के नेतृत्व में सरकार बनी

हालांकि, विश्वास मत से पहले तीन दिनों के भीतर ही उनकी सरकार गिर गई। क्योंकि येदियुरप्पा आवश्यक संख्या नहीं जुटा सके थे।

इसके बाद, कांग्रेस-जद (एस) गठबंधन ने सरकार बनाई और कुमारस्वामी मुख्यमंत्री बने। लेकिन 14 महीनों के भीतर ही यह सरकार भी गिर गई। क्योंकि 17 विधायकों ने इस्तीफा दे दिया और वे सत्तारूढ़ गठबंधन से बाहर आ गए। बाद में सभी भाजपा में शामिल हो गए और पार्टी की सत्ता में वापसी में मदद की।

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव और कर्नाटक के प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला ने बृहस्पतिवार को कांग्रेस विधायक दल के नेता सिद्धरमैया से यहां उनके आवास पर मुलाकात की और चर्चा की।

मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई एग्जिट पोल को खारिज करते हुए भाजपा की आसान जीत को लेकर आश्वस्त दिखे।

उन्होंने कहा, ‘‘पिछली बार कर्नाटक चुनाव के दौरान एग्जिट पोल में कांग्रेस को 107 और भाजपा को 80 सीटें मिलने का अनुमान जताया गया था, लेकिन वास्तव में यह उल्टा था। भाजपा को 104 और कांग्रेस को 80 सीटें मिली थीं। एग्जिट पोल के बारे में ऐसे कई उदाहरण हैं और यह एक बार फिर दोहराया जाएगा।’’

यह पूछे जाने पर कि क्या पार्टी 150 सीटें जीतने के अपने लक्ष्य को हासिल करेगी, बोम्मई ने कहा कि मोदी का प्रचार अभियान भाजपा के लिए एक बड़ा कारगर था और इसका युवाओं और महिला मतदाताओं के बीच व्यापक प्रभाव पड़ा।

उन्होंने कहा, ‘‘मैंने 150 नहीं कहा है, मैं कहता रहा हूं कि भाजपा को पूर्ण बहुमत मिलेगा और हमें यह मिलेगा।’’

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डी के शिवकुमार ने भी विश्वास जताया कि कांग्रेस 141 सीटें जीतेगी और पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाएगी। उन्होंने त्रिशंकु विधानसभा की संभावना से इनकार किया।

कनकपुरा विधानसभा क्षेत्र में अपने मतदाताओं को धन्यवाद देते हुए शिवकुमार ने कहा कि उन्होंने जो ताकत दी है, वह सिर्फ उनके लिए नहीं है, यह राज्य के लोगों के लिए है।

उन्होंने कहा, ‘‘यहां हर घर के लोग उम्मीदवार थे और उन्होंने चुनाव लड़ा।’’  (भाषा)

 

सुनील को सुनें : कर्नाटक एक्जिट पोल से सुप्रीम कोर्ट तक यह कैसी लहर!

कर्नाटक मतदान पूरा होते ही जो एक्जिट पोल आए, उनमें से तकरीबन तमाम सत्तारूढ़ भाजपा की पुख्ता हार बता रहे हैं, और कांग्रेस को सबसे आगे दिखा रहे हैं। आधे पोल कांग्रेस को अकेले सरकार बनाते दिखा रहे हैं। यह तो कल शाम की बात हुई, आज दोपहर तक सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने दो फैसले दिए जो केन्द्र सरकार और भाजपा को सदमा देने वाले हैं। एलजी के साथ लड़ाई में अदालत ने केजरीवाल के हक में फैसला दिया है, और महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे की सरकार हटाने या गिराने में राज्यपाल और विधानसभाध्यक्ष दोनों के फैसले संविधान से परे बताए हैं। 18 घंटों में निराश करने वाली तीन इतनी बड़ी खबरें आई हैं कि वे मोदी-शाह के लिए आत्ममंथन का मौका लाई हैं। इस अखबार ‘छत्तीसगढ़’ के संपादक सुनील कुमार को न्यूजरूम से सुनें।

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