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भारत का चंद्रयान-3 पाँच अगस्त को चांद की कक्षा में प्रवेश कर चुका है. इस पड़ाव को पार करते ही चंद्रयान ने चांद की पहली तस्वीर भेजी है.
बीते महीने चंद्रयान-3 को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा के स्पेस सेंटर से 14 जुलाई को लॉन्च किया गया था.
चंद्रयान-3 के ट्विटर हैंडल से बताया गया है कि जब ये स्पेसक्राफ़्ट चांद की कक्षा में प्रवेश कर रहा था तो चांद ऐसा दिख रहा था.
इस मिशन के लिए 23 अगस्त सबसे अहम तारीख है. इसी दिन चंद्रयान को साउथ पोल पर सॉफ़्ट लैंडिंग करनी है. ये इसलिए भी अहम है क्योंकि भारत का चंद्रयान-2 इसी स्टेज पर फेल हो गया था.
चंद्रयान-3 तीन में एक लैंडर, एक रोवर और एक प्रॉपल्सन मॉड्यूल लगा हुआ है. इसका कुल भार 3,900 किलोग्राम है.
इस मिशन में चंद्रयान का एक रोवर निकलेगा (एक छोटा सा रोबोट) जो कि चांद की सतह पर उतरेगा और लुनर साउथ पोल में इसकी पोजिशनिंग होगी. यहीं पर रोवर इस बात की खोज करेगा कि चांद के इस हिस्से में उसे क्या-क्या ख़निज,पानी आदि मिल सकता है.
इस खोज से ख़ास बात ये होगी कि अगर कभी भविष्य में हम चांद में कॉलोनियां बसाना चाहें, तो इसमें बहुत मदद मिलेगी. (bbc.com/hindi)