अंतरराष्ट्रीय
अमेरिका के रक्षा विभाग का कहना है पिछले सप्ताह इराक़ और सीरिया में उसके सैन्य अड्डों पर हुए ड्रोन हमले में बीस से अधिक सैनिक घायल हुए हैं.
इसराइल-हमास संघर्ष के बीच मध्य पूर्व में तनाव बढ़ा हुआ है. अमेरिका के विमानवाहक पोत भी इस इलाक़े में तैनात हैं.
पेंटागन के प्रवक्ता पेट्रिक राइडर ने बताया है कि अमेरिकी सैन्य बलों पर 12 बार ड्रोन और रॉकेट से हमले हुए हैं.
उन्होंने चेतावनी दी कि ऐसी घटनाओं से क्षेत्र में तनाव बढ़ सकता है.
राइडर ने ज़ोर देकर कहा है कि अमेरिकी सैन्य बलों के पास अपनी रक्षा के लिए जवाबी कार्रवाई करने का अधिकार है.
उन्होंने कहा कि अगर ज़रूरत पड़ी तो अमेरिकी सैन्य बल निर्णायक जवाब देंगे.
राइडर ने कहा कि इन हमलों के पीछे ईरान समर्थित समूह हैं. इसराइल-हमास संघर्ष के बीच इरान समर्थित शिया मिलिशिया ने हाल के दिनों में कई बार इराक़ और सीरिया में अमेरिकी सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने की चेतावनी दी है.
राइडर ने कहा, “हम ये जानते हैं कि ये हमले कर रहे समूहों को आईआरजीसी (ईरान के रिवोल्यूश्नरी गार्ड्स) का समर्थन हैं. हम ये संभावना देख रहे हैं कि बहुत निकट भविष्य में ईरान के प्रॉक्सी बलों और अंततः ईरान की तरफ़ से अमेरिकी सैन्य बलों पर समूचे क्षेत्र में आक्रामकता बढ़ सकती है.”
सोमवार को अमेरिकी सैन्य बलों ने सीरिया के अल-तांफ सैन्य अड्डे पर हमला करने के लिए आ रहे दो आत्मघाती ड्रोन को मार गिराया. इस घटना में कोई घायल नहीं हुआ है.
शनिवार को इराक़ के अल-असद सैन्य अड्डे पर एक आत्मघाती ड्रोन ने हमला किया. इसमें किसी नुक़सान की ख़बर नहीं है. (bbc.com/hindi)