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PA Media
ग़ज़ा पर इसराइली बमबारी के ख़िलाफ़ शनिवार को सेंट्रल लंदन के वाटरलू इलाके में प्रदर्शन हुआ, जिसमें क़रीब एक लाख लोगों के शामिल होने का अनुमान है.
दूसरी ओर अमेरिका के न्यूयॉर्क में प्रदर्शनकारियों ने एक व्यस्ततम मेट्रो स्टेशन पर प्रदर्शन किया.
लंदन मेट्रोपोलिटन पुलिस ने कहा कि नारों और प्लेकार्ड को लेकर कार्यवाही होगी अगर उनसे हमास के समर्थन का संदेश जाता है.
भीड़ में कुछ लोगों ने 'फ़्राम द रीवर टू द सी' के नारे लगाए जिसका मतलब होता है कि जॉर्डन नदी से लेकर भूमध्सागर तक फ़लस्तीनी ज़मीन.
ब्रिटेन होम सेक्रेटरी सुएला ब्रैवरमैन ने इससे पहले पुलिस से कहा था कि इस नारे को हिंसक माना जाए क्योंकि इसमें इसराइल को दुनिया के नक्शे से मिटाने का भाव जाता है.
हालांकि फ़लस्तीनी एकजुटता अभियान और अन्य एक्टिविस्टों ने ये कहते हुए इसे चुनौती दी है कि यह नारा “फ़लस्तीनी लोगों की आज़ादी, बराबरी और इंसाफ़” को दर्शाता है.
पिछले हफ़्ते लंदन में हुए इसी तरह के प्रदर्शन में 1,00,000 लोग इकट्ठा हुए थे. पुलिस को ताज़ा प्रदर्शन में भी इतने ही लोगों के आने का आंकलन है.
न्यूयॉर्क में प्रदर्शन
अमेरिका के न्यूयार्क में मैनहट्टन के सबसे व्यस्ततम ग्रैंड सेंट्रल टर्मिनल पर द ज्यूईश वॉइस फॉर पीस के प्रदर्शनकारियों ने ग़ज़ा में संघर्ष विराम के लिए प्रदर्शन किया.
इस मेट्रो टर्मिनल से रोज़ाना 7.5 लाख लोग आते जाते हैं. प्रदर्शन के चलते इसे रोक दिया गया.
एनवाईपीडी ने बीबीसी को बताया कि कई लोगों को गिरफ़्तार किया गया है.
ग़ज़ा स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, सात अक्टूबर को हमास के हमले के बाद से जारी इसराइली बमबारी में अबतक ग़ज़ा में 7,703 लोग मारे गए जिनमें 3,500 बच्चे हैं.(bbc.com/hindi)