राष्ट्रीय

जाति जनगणना क्रांतिकारी कदम, सत्ता में आने पर कांग्रेस यह करेगी : राहुल गांधी
10-Nov-2023 4:35 PM
जाति जनगणना क्रांतिकारी कदम, सत्ता में आने पर कांग्रेस यह करेगी : राहुल गांधी

सतना (मप्र), 10 नवंबर  कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि जाति आधारित जनगणना एक क्रांतिकारी कदम है जो लोगों का जीवन बदल देगा और कांग्रेस के सत्ता में आने पर मध्य प्रदेश के साथ-साथ राष्ट्रीय स्तर पर भी इसे करवाया जाएगा।


वह शुक्रवार को मध्य प्रदेश के सतना में एक चुनावी रैली को संबोधित कर रहे थे। मध्यप्रदेश में 17 नवंबर को विधानसभा चुनाव के लिए मतदान होगा।

उन्होंने बढ़ती बेरोजगारी को लेकर भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की भी आलोचना की।

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि मध्य प्रदेश में कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद सबसे पहला काम प्रदेश में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) की सही संख्या जानने के लिए जाति आधारित जनगणना कराने का होगा। उन्होंने कहा ‘‘यह एक एक्स-रे की तरह है जो सभी (ओबीसी सहित सभी वर्गों की संख्या) वर्गों की स्थिति सामने लाएगा, जिसके अनुसार उनके कल्याण की नीतियां बनाई जाएंगी।’’ उन्होंने कहा कि यदि कांग्रेस केंद्र में सत्ता में आती है तो वह राष्ट्रीय स्तर पर भी जाति आधारित जनगणना कराएगी। उन्होंने इस कवायद को लोगों के लिए एक ‘क्रांतिकारी और जीवन बदलने वाला’ कदम बताया।

गांधी ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हमेशा कहते थे कि वह ओबीसी हैं, लेकिन कांग्रेस द्वारा देश में जाति जनगणना कराने का मुद्दा उठाने के तुरंत बाद उन्होंने इस बारे में बात करना ही बंद कर दिया।

उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में राज्य को चलाने वाले 53 आईएएस अधिकारियों में से केवल एक ओबीसी से है। उन्होंने दावा किया कि इसका मतलब यह है कि यदि राज्य का कुल बजट 100 रुपये है तो ओबीसी अधिकारी का नियंत्रण केवल 33 पैसे अथवा 0.03 प्रतिशत पर है।

गांधी ने यह भी आरोप लगाया कि कर्ज संबंधी कठिनाइयों के कारण पिछले 18 वर्ष में मध्य प्रदेश में करीब 18,000 किसानों ने आत्महत्या की है।

उन्होंने बेरोजगारी का जिक्र करते हुए कहा कि नोटबंदी और वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) ने छोटे-मध्यम व्यवसायों और व्यापारियों पर हमला किया। गांधी ने कहा कि इसके परिणामस्वरूप देश में भारी बेरोजगारी की स्थिति पैदा हुई।

उन्होंने केंद्र की फसल बीमा योजना पर निशाना साधते हुए कहा कि इस योजना का पैसा लोगों की जेब से निकालकर 16 कंपनियों को दिया जा रहा है।

कांग्रेस नेता ने दावा किया कि 16 बीमा कंपनियों में दलित, ओबीसी और आदिवासी समुदाय से कोई भी काम नहीं करता है।

गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी नहीं चाहते कि ओबीसी को उनकी सही आबादी का पता चले और अगर कांग्रेस सत्ता में आई तो वह (गांधी) यह सुनिश्चित करेंगे कि जाति जनगणना कराई जाए।

भाजपा पर निशाना साधते हुए गांधी ने कहा कि भारत जोड़ो यात्रा के दौरान उनका सामना बड़ी संख्या में ऐसे युवाओं से हुआ जिनके पास डिग्री तो थी लेकिन नौकरी नहीं थी।

उन्होंने कहा कि यही इस राज्य और देश की सच्चाई है। कांग्रेस नेता ने कहा कि युवा सक्षम हैं, उनमें ऊर्जा है और वे देश को मजबूत करना चाहते हैं लेकिन उन्हें रोजगार नहीं मिल पा रहा है।

गांधी ने कहा कि रोजगार वास्तव में बड़े उद्योगपति नहीं मुहैया कराते। उन्होंने कहा, छोटे और मध्यम स्तर के उद्योग और छोटे व्यवसाय रोजगार पैदा करते हैं।

कांग्रेस नेता ने कहा, पहले ऐसी इकाइयां युवाओं को रोजगार मुहैया कराती थीं।

उन्होंने कहा, लेकिन, प्रधानमंत्री मोदी और भारतीय जनता पार्टी की सरकारों ने नोटबंदी और वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लाकर छोटे और मध्यम उद्योगों और छोटे व्यवसायों पर हमला किया।

उन्होंने जीएसटी को छोटे और मझोले उद्योगों और छोटे कारोबारों को खत्म करने का हथियार बताया।

उन्होंने आरोप लगाया कि पहली बार किसानों को टैक्स देना पड़ रहा है क्योंकि ट्रैक्टर और अन्य उपकरण जीएसटी के तहत लाए गए हैं।

गांधी ने मध्य प्रदेश में भाजपा शासन का जिक्र करते हुए कहा कि प्रदेश में 18 वर्षों में कर्ज के कारण 18,000 किसान आत्महत्या कर चुके हैं। उन्होंने कहा, भाजपा सरकार ने उन्हें उनकी फसलों का सही दाम नहीं दिया, इसलिए उन्हें कर्ज लेना पड़ा और अपनी जमीन बेचनी पड़ी।

उन्होंने कहा कि ओबीसी, पिछड़ा, किसान, सामान्य वर्ग के गरीब जीएसटी देते हैं और बैंक का पूरा पैसा तीन चार उद्योगपति को पकड़ा दिया जाता है... ‘अडाणी, अंबानी जैसे उद्योगपति।’’ उन्होंने कहा कि छोटे व्यवसाय, उद्योग, गरीब और किसान चिंतित हैं क्योंकि उनकी अर्थव्यवस्था का इंजन काम नहीं कर रहा है। गांधी ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री मोदी और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बड़े उद्योगपतियों के साथ सांठगांठ करके कांग्रेस की मप्र सरकार छीन ली।

उन्होंने कहा कि 2021 में मध्य प्रदेश में 670 किसानों की आत्महत्या से मौत हुई, जबकि पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ में 70 किसानों की मौत हुई। उन्होंने कहा, यह अंतर है क्योंकि छत्तीसगढ़ सरकार ने किसानों के हित में काम किया। (भाषा)

 

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news