अंतरराष्ट्रीय
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने कहा है कि वो ब्रिटेन में इसराइली राजदूत की ओर से दिए गए द्विराष्ट्र सिद्धांत का विरोध करने वाले बयान से सहमत नहीं हैं.
इसराइल और फ़लस्तीनियों के बीच दशकों से जारी संघर्ष के समाधान के रूप में दो-राष्ट्र के सिद्धांत का ज़िक्र किया जाता है.
इसके तहत पश्चिमी किनारे, गज़ा पट्टी और पूर्वी यरूशलम में वर्ष 1967 की संघर्षविराम रेखा से पहले के क्षेत्र में एक स्वतंत्र फ़लस्तीनी राष्ट्र का निर्माण होना है ताकि ये दोनों शांतिपूर्ण तरीके से रह सकें.
अमेरिका भी इस सिद्धांत का समर्थन करता है.
ब्रिटेन में इसराइली दूत तिज़िपी होतोवेली ने कहा था कि फ़लस्तीनी इसराइल के पास देश कभी नहीं चाहते हैं.
उन्होंने समाचार चैनल स्काई न्यूज़ से बातचीत में ये बात कही थी.
अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जैक सुलीवन ने इसराइल के प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू और इसराइल के रक्षा मंत्री योव गलांट से भी मुलाकात की.
इसराइली सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि गलांट ने सुलीवन को बताया है कि हमास का ख़ात्मा करने में कई महीनों से ज़्यादा का वक़्त लग सकता है.
इसराइल डिफ़ेंस फ़ोर्स ने घोषणा की थी कि उन्होंने 'मानवीय कारणों' से रफ़ाह में लड़ाई रोकी है ताकि लोगों को पानी, खाना और अन्य ज़रूरी चीजें मिल सकें.
हालांकि, ये स्थानीय समय अनुसार दो बजे ख़त्म हो गया.
ग़ज़ा में हमास शासित स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि इसराइल के हमले में 179 और लोगों की मौत हो गई.
मंत्रालय ने बताया कि ग़ज़ा में अब तक 18,787 लोगों की मौत हुई है और 51,000 से ज़्यादा लोग घायल हो गए.
इसराइल की सेना ने बताया है कि उन्होंने उत्तरी ग़ज़ा के एक अस्पताल से 70 से ज़्यादा हमास के सदस्यों को गिरफ़्तार किया है.
वहीं, ग़ज़ा के स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि सुरक्षा बलों ने घायलों को इलाज देने से रोक दिया.
दक्षिणी ग़ज़ा के ख़ान यूनिस और रफ़ाह में इसराइल के हमले जारी हैं.